छठ व्रत में सूर्य नारायण, अग्निदेव एवं वरूण देव जी की साक्षात की जाती है पूजा:- भाजपा वरिष्ठ नेता विनय कुमार प्रभाकर
अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । उदयमान सूर्य को अर्घ्य देते ही चार दिनों तक चलने वाले आस्था का महापर्व छठ संपन्न हो गया। गुरुवार की अहले सुबह शहर के नदी घाट पर उदयमान भगवान सूर्य को व्रतियों ने अर्घ्य देकर मनोकामना की। नदी घाटों पर अहले सुबह से ही श्रद्धालुओं का पहुंचना शुरु हो गया। मन्नत पूर्ण होने पर कई व्रतियों ने रास्ते में दंडवत करते हुए नदी घाट तक पहुंचे। वहीं भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं सामाजिक कार्यकर्ता विनय कुमार प्रभाकर अपने धर्मपत्नी के साथ लोक आस्था छठ महापर्व किये। उन्होंने बताया कि भगवत् कृपा से लोक आस्था के सात दिवसीय छठ महापर्व का मैं सपरिवार उदयीमान भास्कर जी को अर्घ्य जल, धूप-दीप, फल-फूल समर्पित करने के पश्चात हवन कर शर्वत और प्रसाद ग्रहण कर पूर्ण किए। विनय कुमार प्रभाकर ने छठ की महिमा का बखान करते हुए कहा कि छठ पर्व प्रकृति और साक्षात भगवान भास्कर की आराधना का अनुपम लोक पर्व है। इस पर्व में लोक संस्कृति, लोक गाथा और लोक भाषा के संरक्षण पर जोर दिया गया है। छठ गीतों के गायन का जो प्राकृतिक लय है उसे सुनने में अच्छा लगता है। इस पर्व में भारत की वैदिक आर्य संस्कृति की एक छोटी सी झलक दिखलाई पड़ती है। ये एकमात्र भारत का ऐसा पर्व है जो वैदिक काल से चलता रहा है। छठ व्रत में सूर्य नारायण, अग्निदेव एवं वरूण देव जी की पूजा साक्षात की जाती है, जो अस्ताचलगामी सूर्य से शुरू होकर उदयीमान सूर्यदेव को अर्घ्य जल धूप-दीप नैवेद्य अर्पित करके पूर्ण होती है।
बिहारियों का सबसे बड़ा छठ पर्व बिहार की संस्कृति बन चुका है। सूर्य हमारी पृथ्वी पर जीवन का आधार हैं। सूर्योपासना एवं लोक आस्था का महापर्व छठ मनुष्य को जीवनदायिनी प्रकृति के साथ जोड़ता है। हमारी कामना है कि सूर्यदेव और छठी मईया सबकी मनोकामनाएं पूरी करें।