जल्दबाजी में लिए गए निर्णय पर पुनर्विचार करे सरकार : नंदकिशोर यादव

रांची। नागरिक अधिकार पार्टी के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष नंदकिशोर यादव ने कहा है कि कोरोना संक्रमण को रोकने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने जो कड़े प्रावधान किए गए हैं, इस पर पुनर्विचार किए जाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार द्वारा कैबिनेट से पारित अध्यादेश अव्यवहारिक है और जल्दबाजी में लिया गया निर्णय है। श्री यादव ने कहा कि मास्क न पहनने, सार्वजनिक स्थलों पर छह फीट की दूरी ना रखने और सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के जुर्म में कैद व जुर्माने का प्रावधान निश्चित तौर पर जरूरत से ज्यादा कड़ा दंड है। उन्होंने कहा कि इस तरह के कड़े कानून लागू करने में राज्य सरकार ने कुछ जल्दीबाजी की है। इस अध्यादेश को लाने के पूर्व जनता के हितों को देखते हुए जनता के विश्वास के साथ लागू किया जाता, तो अधिक बेहतर रहता। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को इस विधेयक को लाने से पूर्व सभी राजनीतिक दलों, चिकित्सा विशेषज्ञों, सामाजिक संगठनों से जुड़े प्रतिनिधियों से चर्चा करनी चाहिए थी। श्री यादव ने कहा कि जाहिर है कि अभी भी समाज का एक बड़ा तबका वैश्विक महामारी कोविड-19 को गंभीरता से नहीं ले रहा है, नतीजतन राज्य में संक्रमण का फैलाव थमने का नाम नहीं ले रहा है। रिकवरी रेट भी पहले की तुलना में कम हुआ है। ऐसे में सरकार को निश्चित तौर पर कुछ कड़े कदम उठाने की आवश्यकता थी, लेकिन इसके लिए कैद और जुर्माने की राशि का प्रावधान काफी कड़ा दंड है। इस पर राज्य सरकार एक बार फिर विचार करे। साथ ही जनता को विश्वास में लेकर ही कोई कदम उठाए। उन्होंने कहा कि राज्यपाल की स्वीकृति मिलने के साथ ही यह कानून पूरे राज्य में प्रभावी हो जाएगा। इसके बाद इस संभावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि पुलिस और प्रशासनिक स्तर पर इस कानून का जमकर दुरुपयोग होगा। इसलिए सरकार को इस पर एक बार पुनः विचार करते हुए और जनता को विश्वास में लेते हुए इस अध्यादेश के सभी महत्वपूर्ण पहलुओं पर राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों से रायशुमारी करना चाहिए।