देवघर : पारा शिक्षकों को दो माह से मानदेय नही मिलने के कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न

देवघर : पारा शिक्षकों को दो माह से मानदेय नही मिलने के कारण भुखमरी की स्थिति उत्पन्न

देवघर से शेखर की रिपोर्ट

देवघर : जिले में कार्यरत पारा शिक्षकों को दो माह से मानदेय नही मिलने के कारण उनलोगों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई हैं। एक तो पारा शिक्षकों को सरकार के द्वारा अन्य राज्यों की तुलना में काफी कम मानदेय दिया जाता हैं, और वह भी समय पर नही मिल पाना विभागीय लापरवाही के साथ साथ सरकार के द्वारा सौतेलेपन को भी दर्शाता हैं। एकीकृत पारा शिक्षक संघ के जिला इकाई सदस्य सिकंदर राय ने कहा कि चुनाव से पहले इस सरकार ने भी लंबे लंबे वादे किए थे। लेकिन सत्ता में आने के बाद इस सरकार ने भी अपनी सभी वादों को भूल गई हैं। राज्य सरकार पारा शिक्षकों के साथ कार्य कर रहे सरकारी शिक्षकों को मई माह का वेतन का भुगतान ईद के पहले करने का आदेश दे दिया है। लेकिन पारा शिक्षकों को अप्रैल महीने का भी मानदेय नसीब नही हुआ हैं। एक बात तो साफ हैं कि पारा शिक्षकों के साथ विभागीय कर्मचारियों एवं राज्य सरकार के बड़े पदाधिकारी मजाक उड़ाते नजर आते हैं।

पारा शिक्षक संघ के जिला इकाई सदस्य सिकंदर राय ने कहा कि प्रखंड से राज्य स्तर के पदाधिकारियों के द्वारा पारा शिक्षकों के साथ शोषण किया जाता हैं। प्रखंड कार्यालय में लेखा जोखा करने वाले कर्मी कभी समय पर एडवाइस जिला नही भेजते हैं। जिला स्तरीय लेखा सहायक कर्मी तथा जिला स्तरीय पदाधिकारी डीएसई भी कभी समय पर एडवाइस नही मांगते हैं। नतीजन पोर्टल पर देर से डेटा उपलोड हो पाता है। और जब राज्य परियोजना के पोर्टल पर डेटा अपलोड हो जाता है तो राज्य के कर्मी फ़ाइल कभी कभार समय पर भेज भी देते हैं और कभी कभी भूलकर 10 दिनों में भेजते हैं और फिर शुरू होता है शोषण लेखागार का जहां बिल न आने की बात कहकर एक सप्ताह तो ऐसे ही टाल देते हैं।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने द्वारा भी आदेशित किया जा चुका कि हर हालत में प्रत्येक महीने के 10 तारीख को पारा शिक्षकों का मानदेय देंने दिए जायेगे,लेकिन शायद काजग के पन्नो पर ही सिमटकर रह गई हैं। ईद जैसे मौके पर पारा शिक्षकों को मानदेय न मिल पाना कहीं न कहीं विभागीय कमजोरी को दर्शाता है।