पैसे के अभाव में नहीं हो सका पटना में इलाज ,सुरेन मांझी की थम गई सांसे
गया से अमरेन्द्र कुमार की रिपोर्ट
फतेहपुर प्रखण्ड के मातासो गांव निवासी सुरेन मांझी की आखिरकार सांसे थम गई। पैसे के अभाव में सुरेन मांझी के स्वजन उसे इलाज के लिए पटना नहीं ले जा सके। सुरेन के परिजन ने कहा कि नर्सिंग होम में इलाज के दौरान सारे पैसे खर्च हो गए थे। परिजन ने रोते हुए बताया कि जमीन बेचकर सुरेन के इलाज के लिए पैसे इक्कठे किये थे पर सारे पैसे खर्च हो चुका था। सुरेन मांझी को जब जेपीन अस्पताल से उसे रेफर किया गया तो उन लोगों के पास एंबुलेंस के लिए पैसे नहीं थे। पैसे के अभाव के कारण स्वजनों ने सुरेन को गंभीर हालत में गांव वापस लेकर लौट आए। परिजनों ने बताया कि सुरेन को इलाज के लिए दो-तीन दिन बाद पैसे के जुगाड़ कर ले जाने का आस लगाए हुए थे परंतु इसी दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई।
आक्सीजन लेवल 55 से 61 बीच रहने के कारण फतेहपुर से गया किया गया था रेफर
सुरेन मांझी को सांस लेने के तकलीफ़ के बाद प्रखंड कार्यालय के पास स्थित एक नर्सिंग होम में भर्ती किया गया था। जहां पैसे के विवाद के कारण नर्सिंग होम के संचालक एवं स्वजनों के बीच मारपीट की घटना हुई। वहीं सुरेन मांझी को नर्सिंग होम के कर्मियों ने सड़क पर फेंक दिया था। जिसके बाद प्रशासन ने नर्सिंग होम को सील कर दिया गया। वहीं सुरेन मांझी को इलाज के लिए सीएचसी फतेहपुर में भर्ती कराया गया। वहीं सीएचसी फतेहपुर में सोमवार को उसका एंटीजन किट से कोरोना संक्रमण की जांच के लिए स्वास्थ्य जांच किया गया था, पर उसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी।भर्ती के समय उसका आक्सीजन लेवल 52 पर टिका हुआ था। जिसके बाद उसे सरकारी स्तर पर आक्सीजन चढ़ाया गया। जिसके बाद उसका आक्सीजन लेवल 55 से 61 के बीच अटका रहा। जिसके कारण सुरेन मांझी को जेपीन अस्पताल गया रेफर कर दिया गया। वहीं स्वजनों के द्वारा उसका सीटी स्कैन कराया गया , पर स्थित गंभीर रहने के कारण अस्पताल प्रशासन द्वारा उसे बेहतर इलाज के लिए मगध मेडिकल या पटना ले जाने के लिए रेफर कर दिया था । पर पैसे के अभाव के कारण परिजन मंगलवार को उसे वापस घर आ गये। जहां घर पर ही बुधवार को सुरेन मांझी की मौत हो गई।
सुरेन के भाई ने बताया कि 4 दिनों तक चले नर्सिंग होम में इलाज के दौरान काफी पैसे खर्च हो गए थे। इस दौरान ही स्वजनों पर कर्ज भी हो गया था। जमीन बेचकर पैसे का इंतेजाम कर पाया था। जेपीन अस्पताल से उसे बेहतर इलाज के लिए पटना रेफर किया गया तो पैसे के अभाव के कारण नहीं ले जा सके। जिसके कारण उसे वापस घर लेकर लौट आए। आशा था कि दो-तीन दिन में पैसा इकट्ठा होने पर उसे इलाज के लिए पटना ले जाया जाएगा।
सुरेन की मौत के बाद पत्नी के ऊपर चार छोटे छोटे बेटियां और दो बेटे के परवरिश की समस्या पैदा हो गयी है।