महादलित शिक्षा सेवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन कर आक्रोश जताया ।

संघ ने आरोप लगाया है कि सुशासन बाबू महादलित शिक्षा सेवकों के साथ अन्याय कर रहे हैं ।

महादलित शिक्षा सेवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का पुतला दहन कर आक्रोश जताया ।

जमुई 

जिले में कार्यरत महादलित शिक्षा सेवक संघ ने शहर के अंबेडकर प्रतिमा स्थल के पास धरना प्रदर्शन किया । संघ ने बिहार सरकार के कैबिनेट द्वारा महादलित शिक्षा सेवक के मानदेय में महज एक हजार रुपये की आंशिक वृद्धि पर  नीतीश कुमार का पुतला दहन कर विरोध जताया । संघ के जिलाध्यक्ष प्रकाश बोध ने कहा कि हम सभी महादलित शिक्षा सेवकों ने सरकार के द्वारा सभी आदेशों का निष्ठा पूर्वक अनुपालन किया लेकिन सरकार ने अब तक अनदेखी ही की है । उन्हें इस लोकतंत्र में जनता की आवाज से ज्यादा ईवीएम पर भरोसा है । संघ ने आरोप लगाया है कि सुशासन बाबू महादलित शिक्षा सेवकों के साथ अन्याय कर रहे हैं । उक्त आलोक में संघ ने धरना प्रदर्शन एवं पुतला दहन कर सरकार से मांग की है की महादलित शिक्षा सेवक एवं तालिमी मरकज के 28000 परिवारों उचित अधिकार दिया जाये.संघ ने अपनी कुछ  मुख्य मांगों के तहत बिहार सरकार से शिक्षा सेवक का विद्यालय में समायोजन कर पूर्व प्राथमिक शिक्षक का दर्जा देने, दो वर्षीय डी एल ई डी प्रशिक्षण देने, मानदेय को 24 हजार से अधिक करने तथा शिक्षा सेवकों का आकस्मिक निधन पर पीड़ित परिवार के एक सदस्य को अनुकंपा का लाभ देने की मांग की. संघ ने  उपर्युक्त मांगों को लेकर  आगामी विधानसभा चुनाव में सभी शिक्षक सेवक  मुखर होकर  सरकार के खिलाफ  प्रदर्शन करेगी । धरना प्रदर्शन में जिलाध्यक्ष सहित प्रदेश महासचिव नितेश्वर आजाद, जिला सचिव पिंटू कुमार रजक, जिला संयोजक किशोरी रजक, विकास रविदास ,संजय प्रभाकर, जितेंद्र रजक, शंभू दास आदि शामिल थे।