रिश्ते और पौधे एक जैसे होते हैं,अगर इसे भूल जाओ तो दोनों ही सूख जाते हैं।

प्रकृति के साथ कुछ ऐसे ही रिश्ते को बरकरार रखने मानव-प्रकृति संबंध आदिकाल से रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्जि्यां और अनाज मिला। शरीर ढकने के लिए वस्त्र मिले।

रिश्ते और पौधे एक जैसे होते हैं,अगर इसे भूल जाओ तो दोनों ही सूख जाते हैं।

बोकारो

अनूप कुमार अकेला

जिले के उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र के पिलपिलो जंगल में पेड़ पौधे को रक्षासूत्र से बांध कर पर्यावरण को स्वच्छ रखने का उपस्थित ग्रामीणों द्वारा संकल्प लिया गया। लगभग 03 किलोमीटर में फैले इस जंगल में सैकड़ो की संख्या में आज स्थानीय दूर दराज से महिला व पुरुषो ने कार्यक्रम स्थल पहुंच कर भाग लिया। सूबे के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो ने कहा की पेड़ पौधे प्राकृतिक वातावरण को स्वच्छ बनाने में बहुत बड़ा योगदान देते है।

वृक्षों का रक्षासूत्र कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो।

प्रकृति के साथ कुछ ऐसे ही रिश्ते को बरकरार रखने मानव-प्रकृति संबंध आदिकाल से रहा है। पेड़ों से पेट भरने के लिए फल-सब्जि्यां और अनाज मिला। शरीर ढकने के लिए वस्त्र मिले। घर बनाने के लिए लकड़ी मिली। इनसे जीवनदायिनी ऑक्सीजन भी मिलती है। इसके बिना कोई एक पल भी जिदा नहीं रह सकता। इनसे औषधियां मिलती हैं। पेड़ इंसान की जरूरत है यह जीवन का आधार है। यही कारण है कि सभी धर्मो में पेड़-पौधे को प्राथमिकता दी गई है। भारतीय समाज में आदिकाल से ही पर्यावरण संरक्षण को महत्व दिया गया है। भारतीय संस्कृति में पेड़-पौधों की पूजा होती है। यही कारण है कि समाज में आज भी बुद्धिजीवी पेड़ पौधे लगाने की ओर हर समय संजीदगी दिखते हैं।