समाजसेवी हाजी मुश्ताक का निधन
रातू रोड कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया
रांची : समाजसेवी हाजी मुश्ताक का निधन हो गया। मिट्टी मंजिल 19 सितंबर को रातू रोड कब्रिस्तान में नमाज जनाजा अदा की गई और वहीं सुपुर्द ए खाक किया गया। नमाज जनाजा हव्वारी मस्जिद के इमाम मौलाना कारी हबीबुल्लाह ने पढ़ाई। ज्ञात हो कि हाजी मुश्ताक पिछले दो सितंबर से बीमार चल रहे थे। लेक व्यु हॉस्पिटल, बरियातू में भर्ती थे। शुक्रवार रात हॉस्पिटल में उन्होंने आखरी सांस ली। जैसे ही लोगो को पता चला कि हाजी मुश्ताक का इंतेकाल हो गया और जनाजा घर पहुंच गया है, तो लोग उनके घर की ओर चल दिये। इनके दोस्त आजाद भाई बंगलौर वाले ने बताया कि हाजी मुश्ताक दूसरों के दर्द को अपना दर्द समझते थे। हमेशा दूसरों के काम आते थे। उनकी यह कमी कभी पूरी नही की जा सकती है। हाजी मुश्ताक़ अपने पीछे तीन बेटा मो. शमीम, मो. वसीम, मो. नसीम, तीन बेटी नफीसा खातून, अनीशा और साजदा परवीन, नाती मो. तौसीफ,पोता मो. सैफ समेत भरा पूरा परिवार छोड़ गए। उनके पुत्र मो. वसीम अहमद ने कहा कि आज हमारे सर से पिता का साया उठ गया। मां के गुजरने के बाद यह मेरे माता, पिता दोनों थे। लेकिन आज यह भी हमें छोड़ कर चले गए। जनाजा में शामिल होने वालों में पत्रकार आदिल राशिद, मो फैयाज, एच राशिद आज़ाद, हाजी यूसुफ, मंज़ूर अहमद, हाजी माशूक़, मो ज़ाहिद, अकिलुर्रह्मान, हाजी हलीम उद्दीन, मो नफ़ीस, डॉ नेसार, शहीद टुकलु, नौशाद डोरंडा, कलाल के अध्यक्ष अब्दुल मनान, अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष कमाल खान, काज़िम कुरैशी, आलमगीर आलम समेत सैंकड़ो लोग शामिल थे।