गहरी नींद में सोए थे लोग, अचानक पंखा हिलने लगा, भूकंप के झटकों से हिल उठा बिहार
भूकंप के झटके 10 से 12 सेकेंड तक ही महसूस किए गए।हालांकि मध्य रात्रि को आए भूकंप से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।

पिछले दो महीनों में बिहार में तीन बार भूकंप आया है। इससे पहले 17 फरवरी और सात जनवरी को भी झटके महसूस किए गए थे। मौसम विभाग ने कहा कि इस बार भूकंप का केंद्र नेपाल का लिस्टीकोर्ट इलाका था। इसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 5.1 मापी गई।
बिहार के कई जिलों में गुरुवार मध्य रात्रि को भूकंप आया था। किशनगंज, पूर्णिया, अररिया, कटिहार, सहरसा, सुपौल, खगड़िया, बेगूसराय, दरभंगा, मधुबनी, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, पटना और सीवान कई इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए। बताया जा रहा है कि लोग अपने घर में सो रहे थे। अचानक जमीन में कंपन महसूस हुई। ऊपर देखा तो पंखा भी डोल रहा था। वह फौरन अपने घर से बाहर निकल गए और शोर मचाकर आसपास के लोगों को बाहर निकाला। भूकंप के झटके 10 से 12 सेकेंड तक ही महसूस किए गए।हालांकि मध्य रात्रि को आए भूकंप से जान-माल का कोई नुकसान नहीं हुआ है।
एवरेस्ट के पास 10 किमी नीचे था केंद्र
नेपाल में आज सुबह एक बार फिर भूकंप ने अपनी दस्तक दी है. इस भूकंप का केंद्र राजधानी काठमांडू से करीब डेढ़ सौ किमी दूर एवरेस्ट का एरिया था, जहां जमीन से 10 किमी नीचे से भूकंप उठा.
नेपाल के लोग जब गहरी नींद सोए हुए थे, तभी भूकंप के झटकों से देश हिल उठा. भूकंप का केंद्र एवरेस्ट चोटी के पास जमीन के 10 किमी नीचे था. जर्मन रिसर्च सेंटर फॉर जियो साइंसेज के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 5.5 थी. इसमें हुए नुकसान का अभी कुछ पता नहीं चल पाया है.
एवरेस्ट चोटी के पास था भूकंप का केंद्र
नेपाल के पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की इकाई नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार, भूकंप शुक्रवार सुबह 5:05 बजे (नेपाल के स्थानीय समय) 10 किमी की गहराई पर आया. नेपाल के राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने कहा कि भूकंप का केंद्र काठमांडू से लगभग 150 किमी पूर्व में एवरेस्ट क्षेत्र के पास सोलुखुम्बु जिले में स्थित था. इसमें भूकंप की तीव्रता 5.5 दर्ज की गई.
2015 के बाद से अब तक 475वां झटका
भूकंप प्रभावित हिमालयी देश में अप्रैल 2015 में आए विनाशकारी भूकंप का यह रिक्टर स्केल पर 4 और उससे अधिक तीव्रता का 475वां झटका था, फिलहाल किसी नुकसान या हताहत की तत्काल कोई रिपोर्ट नहीं है. भूकंप के झटके काठमांडू और मध्य और पूर्वी नेपाल के अन्य हिस्सों में भी महसूस किए गए.
बिहार में हिल गए मकान-दुकान
जानकारी के मुताबिक, सोलुखुम्बु जिले में आए इस भूकंप का असर साथ सटे भारत के बिहार राज्य पर भी पड़ा. नेपाल का यह जिला बिहार के मुजफ्फरपुर से 189 किलोमीटर उत्तर में पड़ता है. जिसके चलते वहां के घर भी हिलकर रह गए. राजधानी पटना में भी इस भूकंप का असर महसूस हुआ. हालांकि 5.5 रिक्टर स्केल का भूकंप मध्यम स्तर का माना जाता है. लेकिन इससे मकानों के हिलने, उनमें दरार पड़ने, सड़कों के फट जाने की आशंका होती है, जिससे वे घर रहने के लिए असुरक्षित हो जाते हैं.