झारखंड आंदोलनकारियों की जायज मांगों पर विचार करने की जरूरत : सुबोधकांत सहाय
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल ने की पूर्व केंद्रीय मंत्री से मुलाकात
रांची: झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के एक प्रतिनिधि मंडल ने शनिवार को पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल लोगों ने आंदोलनकारियों के राजकीय मान सम्मान, अलग झारखंडी पहचान, बेटा बेटियों के रोजी रोजगार व नियोजन के अधिकारों की रक्षा व जेल जाने की बाध्यता को दूर करते हुए सभी को समान रूप से सम्मान पेंशन राशि 50-50 हजार रुपए सरकार से
देने की मांग दुहराई। श्री सहाय ने आंदोलनकारियों की मांगों के संदर्भ में कहा कि यह गंभीर विषय है। सरकार को अलग राज्य के लिए संघर्ष करने वालों की जायज मांगों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के त्याग से झारखंड बना और हम लोगों का भी मान बढ़ा है। उन्होंने आंदोलनकारियों से उनके कॉमन मांग को तैयार करने कहा।
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के संस्थापक एवं प्रधान सचिव पुष्कर महतो ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को राज्य के आला अधिकारी गण दिग्भ्रमित करते रहे हैं। अधिकारी झारखंड आंदोलनकारियों को बोझ बताते हैं। झारखंड आंदोलनकारियों को उनके संवैधानिक अधिकारों से वंचित किये हुए हैं। कैबिनेट से पास रोजी ,रोजगार व नियोजन देने के अधिकारों अभी तक धरातल पर उतरने ही नहीं दिया है। हेमंत सोरेन सरकार के कार्यकाल में जो समय शेष बचे हैं उस समय को आंदोलनकारियों के लिए विशेष बनाएं। इससे सकरात्मक संदेश जाएगा।
मौके पर झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रधान महासचिव अजीत मिंज ने कहा कि प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारी को मेडिकल, आवास, शिक्षा सहित अन्य सभी प्रकार की सुविधाएं मिलनी चाहिए।
प्रतिनिधि मंडल में अंथन लकडा, आदम मुंडु, सुजीत राम, दिनेश महतो, करमा तिग्गा, संतोष महतो शामिल थे।