बिहार पंचायत चुनाव 2021 : प्रतिनिधियों को मिलेगी नई ज़िम्मेवारी, जारी हुई दिशा-निर्देश
बिहार में पंचायत चुनाव 2021 को लेकर पंचायती राज विभाग की ओर से नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण किया गया है।
पटना:
बिहार सरकार सूबे में पंचायत चुनाव को लेकर सक्रिय है। पूरा बिहार अभी पंचायत चुनाव के रंग में रंगा है।पंचायत चुनाव को शांतिपूर्ण संपन्न कराया जा सके इसके लिए सरकार, प्रशासन और चुनाव आयोग प्रयासरत है। इसी सिलसिले में कई दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं ।
जमा किये जाएंगे लाइसेंसी हथियार, जिला बदर होंगे उत्पाती हिस्ट्री वाले चेहरे
पंचायत चुनाव में जिले को सेक्टर, जोन एवं सुपर जोन में विभाजित कर पर्याप्त संख्या में मजिस्ट्रेट, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल की तैनाती की जायेगी। पंचायत चुनाव में अपराधी छवि के लोग किसी तरह की बाधा नहीं डालें, इसको लेकर प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है।पटना के जिलाधिकारी ने शत-प्रतिशत आर्म्स जमा कराने का आदेश दे दिया है। चुनाव के दौरान उत्पात करने वाले चेहरों को चिन्हित किया जा रहा है। जिसपर शिकंजा कसने की तैयारी हो रही है। पूर्व के चुनावों में या बड़े त्योहारों में बवाल करने वाले चेहरों को भी चिन्हित किया जायेगा। जिन लोगों से शांतिभंग होने की आशंका होगी उन्हें जिलाबदर किया जाएगा। इसी तरह जेल में बंद उन अपराधियों पर क्राइम कंट्रोल एक्ट (CCA) के तहत कार्रवाई की जाएगी जिनसे चुनाव प्रभावित हो सकता है। उन्हें जमानत पर बाहर निकलने से रोका जाएगा।
‘बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल’ पहली बार संवेदनशील बूथों की कमान संभालेंगे
इस बार पंचायत चुनाव के दौरान संवेदनशील बूथों की कमान बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल के हाथ में होगी। विशेष सशस्त्र बल के गठन के बाद उसके लिए किसी चुनाव आयोजन में भाग लेने का मौका मिल रहा है।
चुनाव सभा के आयोजन के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी
उम्मीदवारों को किसी हाट बाजार या भीड़-भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल पर चुनाव सभा के आयोजन के लिए पूर्व अनुमति लेनी होगी। स्थानीय पुलिस थाने में ऐसी सभा के आयोजन की पूर्व सूचना देनी होगी। सभा करने की अनुमति संबंधित निर्वाची पदाधिकारी द्वारा दिया जायेगा। सभा आयोजन के क्रम में लाउड स्पीकर के प्रयोग हेतु आवश्यक अनुमति सभा के पूर्व प्राप्त करनी होगी। लाउड स्पीकर या हैंड माइक का उपयोग सुबह छह बजे से रात्रि दस बजे तक किया जायेगा। ध्वनि विस्तारक यंत्र, हैंड माइक से प्रचार मतदान के 48 घंटे पूर्व शाम पांच बजे तक तक ही किया जा सकेगा।
सीमावर्ती इलाक़ों में चुनावी सभा पर प्रतिबंध
इस दौरान पड़ोसी देशों की सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभी करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।बिहार पंचायत चुनाव २०२१ के दौरान सीमावर्ती इलाकों की चौकसी बढ़ाई जा रही है। भारत-नेपाल सीमा और बांग्लादेश बॉर्डर के आसपास के इलाकों में BSF के जवान अलर्ट पर हैं। पंचायत चुनाव के दौरान भीड़भाड़ का फायदा उठाकर संदिग्ध के प्रवेश करने की आशंका है। पंचायत चुनाव में प्रत्याशी एवं उनके समर्थक सीमा से सटे इलाकों में चुनावी सभा नहीं कर सकेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर ऐसा फैसला लिया गया है।ATS के ADG रविंद्रन शंकरन ने पूर्णिया प्रक्षेत्र के आईजी और पूर्णिया, कटिहार, अररिया व किशनगंज जिला के पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिया है कि सीमा से लगे इलाकों में चुनावी सभा नहीं करने दिया जाए। इसके अलावा ADG (ATS) ने IG को सीमावर्ती इलाकों के क्षेत्रों में जल्द ही जाकर बॉर्डर मीटिंग करने का दिशा-निर्देश दिया है।
चुनावी सभा में कोई भी गड़बड़ी होने पर उम्मीदवार ज़िम्मेवार होंगे
चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्येक उम्मीदवार को किसी अन्य उम्मीदवार द्वारा आयोजित सभा या जुलूस में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने या बाधा डालने से अपने कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को रोकना चाहिए। यदि दो भिन्न-भिन्न उम्मीदवारों द्वारा पास-पास स्थित स्थानों में सभाएं की जा रही हो, तो लाउड स्पीकर के मुंह विपरीत दिशाओं में रखना होगा। उम्मीदवारों को कोविड- 19 के संबंध में केन्द्र/ राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर दिए गए दिशा निदेशों का पूर्ण अनुपालन किया जाएगा। बिना लाइसेंस या अनुमति के किसी भी उम्मीदवार द्वारा प्रस्तावित सभा में लाउड स्पीकर, हैंड माइक का उपयोग किये जाने पर जमादार या उसके ऊपर का कोई पुलिस पदाधिकारी उसे जब्त कर सकेगा। इसके उल्लंघन किये जाने पर कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है।
7 सितंबर को 11 बजे सुबह से शुरू होगी नॉमिनेशन की प्रक्रिया
पंचायत चुनाव के लिए नॉमिनेशन सात सितंबर से शुरू होगा। इसको लेकर तैयारी के संबंध में DM ने सभी प्रपत्रों, विधिक एवं गैर-विधिक प्रपत्रों से संबंधित चेक लिस्ट तैयार करने, बैरिकेडिंग कराने, वेटिंग एरिया बनाने तथा निश्चित समय में 11 बजे सुबह से नॉमिनेशन की प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। उन्होंने सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को प्रखंड स्तर पर भी कोषांग का गठन करने तथा कार्य एवं दायित्व का निर्धारण करने का निर्देश दिया है।
मुखिया का क़द घटा और सरपंच का दायरा बढ़ा
बिहार में पंचायत चुनाव 2021 को लेकर पंचायती राज विभाग की ओर से नए सिरे से मुखिया व सरपंच के दायित्वों का निर्धारण किया गया है। मुखिया को जहां ग्राम सभा और पंचायतों की बैठक बुलाने का अधिकार होगा, वहीं इनके जिम्मे विकास योजनाओं के लिए मिलने वाली पंजी की निगरानी की भी जिम्मेवारी होगी। वहीं सरपंच गांवों में सड़कों के रखरखाव से लेकर सिंचाई की व्यवस्था, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देने जैसे कार्य करेंगे।
मुखिया को मिली टैक्स वसूली की ज़िम्मेवारी
पंचायती राज विभाग के नए नियम के अनुसार मुखिया को अपने कार्य क्षेत्र में एक वर्ष में कम से कम चार बैठकें करनी होगी। बैठक के अलावा इनके पास ग्राम पंचायतों के विकास की कार्य योजना बनाने के साथ-साथ प्रस्तावों को लागू करने की भी जवाबदेही होगी। इसके अलावा ग्राम पंचायतों के लिए तय किए गए टैक्स, चंदे और अन्य शुल्क की वसूली के इंतजाम करना भी इनके ही जिम्मे होगा।
सरपंचों को मिली तीन बड़ी ज़िम्मेवारी
पंचायती राज व्यवस्था में सरपंचों को तीन बड़े अधिकार दिए गए हैं। ग्राम पंचायत की बैठक बुलाने और उनकी अध्यक्षता करने का अधिकार पहले से ही इन्हें मिला हुआ है। इसके अलावा ग्राम पंचायत की कार्यकारी और वित्तीय शक्तियां भी इनके पास ही है। अब इनके जिम्मे जो मुख्य कार्य होंगे उनमें गांव की सड़कों की देखभाल, पशुपालन व्यवसाय को बढ़ावा देना, सिंचाई की व्यवस्था करने के अलावा दाह संस्कार और कब्रिस्तान का रखरखाव करना भी होगा।
पंचायत समिति को मिली नई ज़िम्मेवारी
पंचायत समिति को जो कार्य सौंपे गए हैं उसके अनुसार इन्हें केंद्र, राज्य और जिला परिषद द्वारा सौंपे गए कार्यों का निष्पादन करना होगा। इसके साथ ही पंचायत समिति का वार्षिक बजट बनाना व बजट पेश करना भी होगा। प्राकृतिक आपदाओं में पंचायत समिति प्रमुख को 25 हजार रुपये तक खर्च करने का भी अधिकार होगा।