पुत्र के दुर्व्यवहार से तंग आकर पिता ने करोड़ों की संपत्ति दान कर दी

मुज़फ़्फ़रनगर में बेटे और बहू के दुर्व्यवहार से नाराज़ होकर पिता ने एक करोड़ से ज़्यादा की संपत्ति राज्यपाल को सौंप दी।

पुत्र के दुर्व्यवहार से तंग आकर पिता ने करोड़ों की संपत्ति दान कर दी

मुज़फ़्फ़रनगर :

उत्तरप्रदेश के मुज़फ़्फ़रनगर ज़िले से एक अति संवेदनशील खबर आ रही है। सूचना के अनुसार ज़िले में एक बुजुर्ग व्यक्ति ने अपने बेटे और बहू के दुर्व्यवहार से परेशान होकर अपनी करोड़ों की संपत्ति उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को दान कर दी है। जानकारी के अनुसार खतौली क़स्बे के एक वृद्धाश्रम में रह रहे लगभग 80 वर्षीय नाथु सिंह ने बुढ़ाना तहसील के उप रजिस्ट्रार के कार्यालय में एक शपथ पत्र दाखिल किया है। नाथु सिंह ने शपथ पत्र के माध्यम से कहा है कि उनकी ज़मीन उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को दे दी जाए और उनकी मृत्यु के पश्चात उक्त ज़मीन पर विद्यालय या अस्पताल बना दी जाए। उप रजिस्ट्रार पंकज जैन ने बताया की पिछले 4 मार्च को नाथु सिंह ने अपनी वसीयत बनाई है जिसमें उनके मकान और 10 बीघा ज़मीन की क़ीमत एक करोड़ से ऊपर बताई गई है।

पाँच बच्चों का पिता है नाथु सिंह

नाथु सिंह के परिवार में चार बेटियाँ और एक बेटा है। चारों बेटियों की शादी हो चुकी है।नाथु सिंह के एकमात्र बेटे की भी शादी हो चुकी है और वह अपने परिवार के साथ सहारनपुर में रहता है। सहारनपुर में वह बतौर सरकारी शिक्षक के रूप में काम करता है। नाथु सिंह की पत्नी कि मृत्यु के बाद बच्चों ने इन्हें अकेला छोड़ दिया। अपने अकेलेपन से तंग आकर नाथु सिंह वृद्धाश्रम में रहने लगे। वृद्धाश्रम में रहने के उपरांत नाथु सिंह से मिलने उनके परिवार का कोई सदस्य नहीं आया। बच्चों के द्वारा कोई सुध नहीं लेने के कारण नाथु सिंह ने अपनी वसीयत में बच्चों से अपने अंतिम संस्कार का हक़ भी छीन लिया, साथ ही मृत्युपरांत अपना शरीर मेडिकल कॉलेज को दान करने की इच्छा जताई है। पूरे मामले पर नाथु सिंह का कहना है कि ऐसे हालात तब बने जब उन्हें रोटी भी मिलना मुश्किल होने लगा। अब वे ख़ुद ही रोटी बनाकर खाते हैं।

माता-पिता को है बेदख़ल करने का अधिकार

क़ानून ने बुजुर्गों को यह अधिकार दिया है कि यदि बच्चे उनसे दुर्व्यवहार करते हैं, समय पर भोजन नहीं देते हों, उन्हें अपशब्द कहें, नौकरों जैसा बर्ताव करें तो माता-पिता अपने बेटे-बेटी, बहू-दामाद या फिर कोई कोई भी हो, उन्हें घर से निकल सकते हैं और अपनी वसीयत से बेदख़ल कर सकते हैं। यदि वसीयत बच्चों के नाम कर दी है तो भी उसे बदलवाकर अपनी संपत्ति बच्चों से छीन सकते हैं।