चरण सिंह, नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा के मायने

चरण सिंह, नरसिम्हा राव और स्वामीनाथन को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा के मायने

आज केंद्र सरकार ने देश के तीन विशिष्ट जनों को ‘भारत रत्न’ दिए जाने की घोषणा कर देशवासियों सहित विपक्ष को एक बार फिर से चौका दिया है।‌ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया के माध्यम से यह जानकारी दी है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और एमएस स्वामीनाथन को मरणोपरांत इनके विशिष्ट अनुदान को देखते हुए ‘भारत रत्न’ प्रदान किया जाएगा। इन तीनों को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर आई, तुरंत एक खास खबर बन गई। इस पुरस्कार घोषणा पर चर्चा होने लगी। एक और सत्ता पक्ष के नेता गण इसे नरेंद्र मोदी सरकार की एक बड़ी उपलब्धि बता रहे हैं । वहीं दूसरी ओर विपक्ष इस पुरस्कार घोषणा को दूर की राजनीति और आने वाले लोकसभा चुनाव को ध्यान में रख कर की गई है। ‌विपक्ष ने यहां तक आरोप लगाया है कि यह सब आगामी लोकसभा का चुनाव को ध्यान में रखकर पुरस्कार की राजनीति की जा रही है। यह पूरी तरह राजनीति से प्रेरित है । विपक्ष इस घोषणा को अयोध्या में राम मंदिर निर्माण से जोड़कर कर रही है।‌ इस पुरस्कार को लेकर और विपक्ष आमने-सामने आ चुके हैं। दोनों अपने-अपने तर्कों से अपनी बातों को रख रहे हैं रहा हैं।
खैर ! देश में आरोप प्रत्यारोप लगते रहे हैं। लेकिन केंद्र सरकार के इस निर्णय का संपूर्ण देश में बहुत ही शानदार तरीके से स्वागत हो रहा है। तीनों शख्सियतों के भारत के विकास में महत्वपूर्ण योगदान रहा था । किस बात को कदापि इनकार नहीं किया जा सकता है ।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह एक प्रखर समाजवादी नेता के साथ किसानों के एक बड़े नेता के थे। उनका जन्म एक किसान के घर हुआ था। उन्होंने पढ़ाई के साथ खेती किसानी भी किया था। उनका संपूर्ण जीवन किसानों के उत्थान और समाजवाद की स्थापना में बीता था। भारत के स्वाधीनता आंदोलन में उनके महती योगदान को सदा याद किया जाता रहेगा । चौधरी चरण सिंह राजनीति के एक ऐसी शख्सियत रहे थे ,जिन पर कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगा। लोकनायक जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में जब जनता पार्टी का गठन हुआ था। जनता पार्टी के गठन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही थी केंद्र में । जनता पार्टी की सरकार में उप प्रधानमंत्री, वित्त मंत्री और गृह मंत्री के पद को सुशोभित किए थे। इसके पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में भी अपनी सेवा दे चुके थे । जब जनता पार्टी टूट के कगार पर थी, वे देश के प्रधानमंत्री बने थे। उन्होंने अपने अल्प प्रधानमंत्रित्व कार्यकाल में किसानों को उत्थान के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण निर्णय लिया था। उनका संपूर्ण जीवन भारतीय राजनीति को समर्पित रहा था। सच्चे अर्थों में वे देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न के हकदार हैं।
पीवी नरसिम्हा राव देश के प्रधानमंत्री के रूप में अपना योगदान दिया था। वे एक कुशल प्रधानमंत्री के साथ कांग्रेस पार्टी के एक बड़े नेता के रूप में नेता थे । कांग्रेस पार्टी में उनकी हैसियत बहुत बड़ी थी। पीवी नरसिम्हा राव एक शिक्षाविद के साथ विविध भाषाओं के ज्ञाता थे । एक प्रधानमंत्री के बतौर और उनका कार्यकाल बहुत ही सफल रहा था। उनके नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी का काफी विस्तार हुआ था। उन्हें विभिन्न उदार सुधरो की शुरुआत करने के लिए जाना जाता है ।‌ उन्होंने एक महत्वपूर्ण प्रशासन का नेतृत्व किया था। उन्होंने आर्थिक परिवर्तन और भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा को प्रभावित करने वाले कई घरेलू घटनाओं की देखरेख की थी । उन्होंने लाइसेंस राज को खत्म करने के लिए अभूतपुर्व निर्णय लिया था। उन्होंने प्रधानमंत्री के रूप में जिन योजनाओं का अपने कार्यकाल में अंजाम दिया था, ये योजनाएं भारत के विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित हुई थी ।
कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को हरित क्रांति का जनक कहा जाता है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत एक कृषि वैज्ञानिक रूप में की थी । आगे चलकर उन्होंने कृषि के क्षेत्र में विशेष अनुसंधान कर हरित क्रांति को देश में स्थापित किया था। वह दौर ऐसा था कि विदेशों से अनाज मंगाकर देशवासियों का पेट भरा करता था । ऐसे में देश में हरित क्रांति का आना एक बहुत बड़ी बात थी । आज भारत जो विश्व की सबसे तेज गति से चलने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में नामित है । देश का बजट 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने जा रहा है । इन सबके पीछे हरित क्रांति का बहुत बड़ा योगदान है । भारत एक कृषि प्रधान देश के रूप में जाना जाता रहा है । आज देश में हो रहे लगातार औद्योगिक करण के बाद भी भारत कृषि प्रधान देश के रूप में ही जाना जाता है । भारत की अर्थव्यवस्था में कृषि का बड़ा ही महत्वपूर्ण योगदान है। ऐसे शख्सियत को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान प्रदान जाना निश्चित तौर पर एक सराहनीय पहल है ।
केंद्र सरकार ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिंह राव , पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह और कृषि वैज्ञानिक एम एस स्वामीनाथन को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा कर चौका जरूर दिया है । लेकिन लोकसभा चुनाव से पूर्व इन तीनों नामों की घोषणा के कई राजनीतिक मायने हैं ।‌तीनों अपने-अपने क्षेत्र के महानतम विभूतियां के रूप में याद किए जाते हैं। ‌ जिनका अपने अपने क्षेत्र के अलावा भारतीय जनमानस के बीच एक विशिष्ट पहचान है ।
इन तीनो विशिष्ट जनों को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने के पहले नरेंद्र मोदी ने बिहार के प्रखर समाजवादी नेता कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा कर चुके हैं।‌ कर्पूरी ठाकुर को भारत रत्न पुरस्कार दे जाने की घोषणा के साथ ही बिहार की राजनीति में एक बड़ा धमाल मच गया था ।‌ बिहार की राजद, जदयू एलाइंस की सरकार चली गई थी। जदयू, एनडीए में शामिल हो गया।‌ फिर से जदयू भाजपा गठबंधन की सरकार बिहार में बहाल हो गई।‌। नीतीश कुमार अब एनडीए के मुख्यमंत्री बन गए। ‌
कर्पूरी ठाकुर के बाद भारतीय जनता पार्टी के एक बड़े व वयोवृद्ध नेता लाल कृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई । लालकृष्ण आडवाणी भारत में राष्ट्रवाद की स्थापना करने वाले नेताओं में एक है। लालकृष्ण आडवाणी को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा से राष्ट्रवाद के विस्तार को और गति मिलेगा।
आज जब देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह, पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव और कृषि वैज्ञानिक स्वामीनाथन को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई, इस घोषणा पर सवाल यह उठ रहा है कि केंद्र सरकार लोकसभा चुनाव का माइलेज लेगी। केंद्र सरकार बीते कुछ ही दिनों में पांच विशिष्ट जनों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न ‌ की घोषणा कर क्या संदेश देना चाहती है ? अब सवाल यह भी उठ रहा है कि केंद्र सरकार इन विशिषट जनों को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा कर लोकसभा चुनाव का माइलेज तो नहीं लेना चाह रही है ?
इस तरह के कई अनुत्तरित प्रश्न हैं ,जो भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने पर उठ रहे हैं। नरेंद्र मोदी 2014 में सत्ता संभालने के बाद से यह उनका द्वारा घोषित दसवां भारत रत्न पुरस्कार है । इससे पहले इस साल 5 हस्तियों को यह सम्मान देने की घोषणा हो चुकी है। इसके पूर्व वे अपने कार्यकाल में मदन मोहन मालवीय, अटल बिहारी वाजपेई ,प्रणब मुखर्जी, भूपेन हजारिका और नाना देशमुख को यह सम्मान प्रदान कर चुके हैं । आज की घोषणा और डन हस्तियों को मिलाकर इस सम्मान को हासिल करने वालों में अब तक कुल 53 लोग शामिल हो चुके।
पीवी नरसिम्हा राव, चौधरी चरण सिंह और एस एस स्वामीनाथन को भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बाद नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ‘हमारी सरकार का यह सौभाग्य है कि देश के पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी को भारत रत्न सम्मानित किया जा रहा है। यह सम्मान देश के लिए उनके अतुल्यनीय योगदान को समर्पित है । उन्होंने किसानों के अधिकारों और उनके कल्याण के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया था।’
पिछले दिनों लोकसभा में नरेंद्र मोदी ने यह घोषणा की कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी 370 से पार करेगी और एनडीए में शामिल दल 30 से पार करेंगे । कहीं भारत रत्न पुरस्कार दिए जाने की घोषणा के बहाने 400 के पार की घोषणा को सफल बनाने की दिशा में नरेंद्र मोदी का उठाया गया एक कदम है। ‌ यह आने वाला समय बताएगा। खैर! इन तीनों शख्सियतों को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिए जाने से घोषणा से संपूर्ण देश में हर्ष है।