जिनके घर मुख्यमंत्री गए, उनकी भी फ़रियाद नहीं सुन रहे अधिकारी

भुगतान की राह तकते 2014 में उसके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद सीएम नीतीश कुमार भी उसके घर गए थे।

जिनके घर मुख्यमंत्री गए, उनकी भी फ़रियाद नहीं सुन रहे अधिकारी

पटना: 

सोमवार को एक बार फिर मुख्यमंत्री के जनता दरबार में फरियादियों का ताँता लगा रहा। इसी क्रम में ऐसे फरियादी भी आए जिनका भुगतान से सम्बंधित एक मामला 28 वर्षों से लटका है। ग़ौरतलब है कि पूर्व में फ़रियादि के घर उनके पिता की मृत्यु पर मुख्यमंत्री खुद गए थे । 

गोपालगंज से आए इस फरियादी ने बताया कि पिछले 28 साल से उसका भुगतान लटका पड़ा है। उसने बताया कि 1998 में उसके पिता ने सर्किट हाउस की मरम्मती का काम कराया था। बाद में विभाग ने भुगतान लटका दिया तो मामला कोर्ट में गया। कोर्ट का निर्णय आने के बाद भी आज तक भुगतान नहीं हुआ।भुगतान की राह तकते 2014 में उसके पिता की मृत्यु हो गई। पिता की मृत्यु के बाद सीएम नीतीश कुमार भी उसके घर गए थे। मुख्यमंत्री ने इस पर आश्चर्य जताया और संबंधित विभाग को मामले को देखने का निर्देश दिया। 

नालंदा के इस्लामपुर के एक पंचायत से आए व्यक्ति ने बताया कि उसके वार्ड में अब तक गली नाली का निर्माण नहीं हुआ है। नीतीश कुमार ने अपने गृह जिले से मिली इस शिकायत पर अधिकारियों को गम्भीरता दिखाने का निर्देश दिया। 

अरवल से आए फरियादी ने कहा कि धान खरीद में अनियमितताएं हो रही हैं। शिकायत के बाद भी कोई अधिकारी कुछ नहीं कर रहे। फरियादी ने कहा कि किसी किसी व्यक्ति से 20 क्विंटल की जगह 98 क्विंटल धान की खरीद हुई। लखीसराय से आए एक फरियादी ने सड़क निर्माण में उसके जमीन के अनुदान का भुगतान नहीं करने की शिकायत की।