बिहार पंचायत चुनाव: निर्धारित दस्तावेजों में से एक भी कम रहा, तो नामांकन पत्र रद्द हो सकता है
नामांकन से पहले प्रत्याशियों को देना होगा मुकदमों का विवरण, पढ़ें राज्य निर्वाचन आयोग की गाइडलाइन
बिहार में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर प्रशासन ने तैयारी तेज कर दी है । चुनाव को शांतिपूर्ण व निष्पक्ष रूप से संपन्न कराने को लेकर चुनाव आयोग द्वारा लगातार निर्देश जारी किए जा रहे हैं। राज्य निर्वाचन आयोग ने पंचायत चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के लिए नामांकन पत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने से संबंधित गाइडलाइन भी जारी की है। प्रत्याशियों को सक्षम न्यायालय द्वारा दंडित किए जाने से संबंधित या किसी न्यायालय में दर्ज आपराधिक मुकदमे से संबंधित घोषणा पत्र शपथ के रूप में प्रपत्र क (तीन) एवं प्रपत्र ख (तीन) में देना होगा। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछड़ा वर्ग के लिए अनारक्षित पद तथा नाम निर्देशन शुल्क संबंधित लाभ प्राप्त करने वाले प्रत्याशियों को जिला, अनुमंडल, प्रखंड व अंचल द्वारा निर्गत प्रमाण पत्र की मूल प्रति नामांकन पत्र के साथ संलग्न करना होगा। प्रत्याशियों को नामांकन पत्र के साथ कोषागार में जमा किया गया नाम निर्देशन शुल्क का चालान भी साथ में प्रस्तुत करना होगा ।
प्रखंड कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार अगर विभिन्न पदों से चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के द्वारा राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्धारित किए गए दस्तावेजों में से एक भी कम रहा, तो नामांकन पत्र रद्द किया जा सकता है।
उम्मीदवार एवं प्रस्तावक का नाम मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए
चुनाव आयोग ने नामांकन से संबंधित सभी नियम कायदे निर्धारित कर दिए हैं। चुनाव आयोग के निर्देश के अनुसार चुनाव लड़ने वाले इच्छुक उम्मीदवारों व उनके प्रस्तावकों की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष होनी चाहिए । चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवार व उनके प्रस्तावक का नाम संबंधित पंचायत व निर्वाचन क्षेत्र के मतदाता सूची में दर्ज होना चाहिए।
धार्मिक या जातीय आधार पर टिप्पणी करने पर हो सकती है तीन से पांच साल की जेल
- यदि कोई प्रत्याशी या उसका समर्थक धर्म, नस्ल, जाति, समुदाय या भाषा के आधार पर विभिन्न वर्गों के बीच शत्रुता या घृणा फैलाता है तो उसे तीन से पांच वर्ष की सजा हो सकती है। यह गैर जमानतीय व संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है।
- आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की स्थिति में संबंधित व्यक्तियों पर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा कार्रवाई करने का वैधानिक उपबंध है। इसमें भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं में सजा का प्रावधान किया गया है।
- यदि कोई भी प्रत्याशी किसी अन्य प्रत्याशी या किसी व्यक्ति के जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना करता है, जिसकी सत्यता साबित नहीं हो, तो उसे भी सजा हो सकती है । हालांकि यह जमानतीय अपराध है, जिसकी सुनवाई प्रथम श्रेणी के मजिस्ट्रेट के समक्ष होगी ।
- निर्वाचन प्रचार के लिए मस्जिदों, गिरिजा घरों, मंदिरों, ठाकुरबाड़ियों या अन्य पूजा स्थलों या धर्मस्थलों का प्रचार मंच के रूप में करना, जातीय या सांप्रदायिक भावनाओं की दुहाई देना भी गैर जमानतीय अपराध की श्रेणी में शामिल है। इस बार जिला प्रशासन आदर्श आचार संहिता के पालन के लिए ज्यादा सक्रिय है।
पंचायत चुनाव के लिए बिहार में 170 प्रेक्षकों की तैनाती, देखें पूरी लिस्ट किसे कहां की मिली जिम्मेदारी
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा विभिन्न विभागों में तैनात ADM, उप सचिव, संयुक्त सचिव स्तर के पदाधिकारियों को प्रेक्षक बनाया गया है। जिन विभागों के अधिकारियों को प्रेक्षक बनाया गया है उनमें – बिहार राज्य खाद्य निगम, श्रम संसाधन विभाग, निबंधन, उत्पाद एवं मद्य निषेध विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग, समाज कल्याण विभाग, भू-अर्जन निदेशालय, विज्ञान एवं प्रावैद्यिकी विभाग, अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, बिहार विद्यालय परीक्षा समिति, ऊर्जा विभाग, योजना पर्षद, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, बिहार लोक सेवा आयोग, आपदा प्रबंधन विभाग, पिछडा वर्ग एवं अति पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, सहकारिता विभाग, बिहार राज्य अल्पसंख्यक वित निगम, बिहार राज्य चिकित्सा सेवा इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी लिमिटेड, परिवहन विभाग,भवन निर्माण विभाग, बिहार कर्मचारी चयन आयोग, सामान्य प्रशासन विभाग, जीविका आदि शामिल है।
07 सितंबर से 10 सितंबर के बीच प्रेक्षकों को चरणवार पटना के सोन भवन स्थित आम्रपाली बैंक्वेट हॉल में ट्रेनिंग दी जा रही है।
पटना के सभी 23 प्रखंडों में BDO को ही निर्वाची अधिकारी बनाया गया है
चुनाव आयोग ने सभी जिलाधिकारियों को प्रेक्षकों की सूची भेज दी है । हालांकि प्रेक्षक के पद पर जिन अधिकारियों की तैनाती हुई है, उन्हें किस जिले में जाना है, अभी इसकी सूची प्रशासन को नहीं मिली है। वरीय अधिकारियों का कहना है कि ट्रेनिंग समाप्त होने के बाद प्रेक्षकों को जिलावार सूची भी जारी कर दी जाएगी । पटना जिले में 23 प्रखंडों में पंचायत चुनाव हो रहा है । सभी BDO अपने अपने प्रखंड में निर्वाची अधिकारी बनाए गए हैं । पटना जिले के लिए चुनावी प्रेक्षकों की संख्या कितनी होगी इसकी सूची भी जल्द जारी होगी ।