UP ELECTION 2022 : बीच चौराहे पर 22 गोली मारने के आरोपी धनंजय सिंह जदयू के खेवनहार बनेंगे
धनंजय सिंह पर 5 मुकदमे दर्ज हैं, जिसमें हत्या का केस भी शामिल है। गैंगस्टर एक्ट के तहत भी धनंजय सिंह पर एफआईआर दर्ज है। धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम भी है।
UP ELECTION 2022: Dhananjay Singh, accused of shooting 22 at the middle crossroads, will become JDU's fundraiser.
पिछले साल की शुरुआत में ही लखनऊ में बीच चौराहे पर 22 गोली मारकर हत्या की सनसनीख़ेज़ वारदात को अंजाम देनेवाला बाहुबली धनंजय सिंह इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। दरअसल यूपी विधानसभा चुनाव में जदयू अपने बलबूते चुनाव लड़ रही है. इस चुनाव में जदयू को जिन कुछ सीटों पर चुनाव जीतने की उम्मीद है उसमें जौनपुर जिले का मल्हनी विधान सभा क्षेत्र सबसे प्रमुख है. यहाँ से जदयू ने बाहुबली धनंजय सिंह को उम्मीदवार बनाया है.
कौन है धनंजय सिंह
4 जनवरी 2021 कड़ाके की ठंड पद रही थी। कंपकंपी छुड़ाने वाली ठंड भरे उस मौसम में लखनऊ में अचानक से कोहराम मच गया। लखनऊ के कठौता चौराहे के पास अजीत सिंह नामक व्यक्ति को 22 गोलियों से भून दिया गया। खून से लथपथ अजीत सिंह ने मौक़े पर ही दम तोड़ दिया। लेकिन खून के छींटों ने माफिया धनंजय सिंह के दामन को दागदार करा दिया। धनंजय सिंह की चर्चा चारों तरफ़ होने लगी। मृतक अजीत सिंह मऊ के पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि थे। इस हत्या का आरोप लगा एक लाख के इनामी गिरधारी उर्फ डॉक्टर पर। उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरधारी को एक एनकाउंटर में मार गिराया। हालांकि बाहुबली धनंजय सिंह को पकड़ने में पुलिस नाकाम रही। अगस्त 2021 में अजीत सिंह की हत्या के मामले में लखनऊ पुलिस ने धनंजय सिंह के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया था। बावजूद इसके धनंजय की गिरफ्तारी नहीं हो सकी।
धनंजय मल्हनी विधान सभा क्षेत्र से जदयू का उम्मीदवार है
जदयू ने बाहुबली धनंजय सिंह को जौनपुर जिले का मल्हनी विधान सभा क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है। धनंजय सिंह इस बार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू की सबसे बड़ी उम्मीद हैं। दरअसल यूपी विधानसभा चुनाव में जदयू अपने बलबूते चुनाव लड़ रही है। इस चुनाव में जदयू को जिन कुछ सीटों पर चुनाव जीतने की उम्मीद है उसमें जौनपुर जिले का मल्हनी विधान सभा क्षेत्र सबसे प्रमुख है।
एक माफिया को जदयू का उम्मीदवार बनाना सीएम नीतीश और जदयू के सिद्धांतों से अलग दिखता है
अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी को गोली मारकर हमेशा के लिए सुला देने की यह तो एक बानगी मात्र है। ऐसा नहीं है कि अजीत सिंह कोई पहला आदमी हो जिसे 22 गोली मारी गई हो और हत्या का आरोप धनंजय सिंह पर लगा है। इसके पहले भी धनंजय सिंह पर इस प्रकार के कई आरोप लग चुके हैं। हत्या, गैंगवार जैसे शब्द मानो धनंजय सिंह के लिए पर्याय के रूप में उत्तर प्रदेश में इस्तेमाल होता हो। चूकी सीएम नीतीश कुमार हमेशा बिहार में सुशासन का दावा करते हैं। ऐसे में बिहार से अलग यूपी में एक माफिया डॉन को जदयू का उम्मीदवार बनाना सीएम नीतीश और जदयू के सिद्धांतों से अलग दिखता है।
धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम है
धंनजय सिंह ने अपने बाहुबल की कहानी खुद ही बताई भी है। 2017 में धनंजय सिंह ने चुनावी हलफनामे में बताया था कि उसके खिलाफ 3 मुकदमे दर्ज हैं। 2021 खत्म होते-होते इस पर 2 और मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमें हत्या का केस भी शामिल है। गैंगस्टर एक्ट के तहत भी धनंजय सिंह पर एफआईआर दर्ज है। यहाँ तक कि धनंजय सिंह पर 25 हजार रुपए का इनाम भी है।
मल्हनी विधान सभा में अंतिम चरण में चुनाव होना है
शनिवार को धनंजय सिंह ने घोषणा की कि उन्हें वीआईपी प्रमुख और नीतीश सरकार में मंत्री मुकेश सहनी भी समर्थन दे रहे हैं। मल्हनी विधान सभा में सातवें और अंतिम चरण में चुनाव होना है। ऐसे में उत्तर प्रदेश में अपनी राजनीतिक जमीन मजबूत करने की जुगत में लगी जदयू की जिन कुछ सीटों पर जीत की सबसे ज्यादा उम्मीद है उसमें बाहुबली धनंजय सिंह की सीट मल्हनी सबसे प्रमुख है। ऐसे में देखना होगा कि सुशासन बाबु के सपनों को धनंजय सिंह कहाँ तक साकार करते हैं। मल्हनी विधानसभा सीट पर भाजपा ने पूर्व मंत्री स्व. उमानाथ सिंह के बेटे और पूर्व सांसद डॉ कृष्ण प्रताप सिंह उर्फ़ केपी को प्रत्याशी बनाया है। वहीं समाजवादी पार्टी की ओर से विधायक लकी यादव उम्मदीवार हैं। लेकिन यहां धनंजय सिंह को जदयू से उम्मीदवार बनाये जाने के कारण अब मुकाबला काफी रोचक हो गया है।