ओजस्विनी’ ने किया मातृशक्ति आराधना-सह-डाँडिया नृत्य समारोह का आयोजन
अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । अन्तर्राष्ट्रीय हिंदू परिषद के बैनर तले युवतियों के स्वास्थ्य, समृद्धि, सुरक्षा और स्वाबलंबन के हित में कार्यरत परिषद की सहयोगी शाखा ‘ओजस्विनी’ द्वारा जिलाध्यक्षा डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी के नेतृत्व में महापर्व नवरात्रि के सुअवसर पर मातृशक्ति को समर्पित “मातृशक्ति आराधना-सह-डाँडिया नृत्य समारोह” का आयोजन किया गया। विष्णुपद मंदिर के समीप अवस्थित आनंदी भवन में कार्यक्रम का शुभारंभ देवी नवदुर्गा के छायाचित्र पर पुष्पांजलि तथा माल्यार्पण के साथ हुआ। ततपश्चात अन्तर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद तथा ओजस्विनी के सदस्यों ने सम्मिलित रूप से देवी की आराधना तथा आरती की। शस्त्र पूजन करके माँ कालरात्रि की वंदना की गयी। संपूर्ण समारोह स्थल ‘अंबे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली, तेरे ही गुण गाये भारती, मैया हम सब उतारें तेरी आरती’ की पावन धुन से गूंज उठा। मौके पर उपस्थित गुरुआ के पूर्व विधायक राजीव नंदन दांगी ने कहा कि समाज में किसी भी सीता के साथ दुर्व्यवहार तथा अत्याचार न होने पाए। महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करना हर नागरिक की जिम्मेदारी है।ओजस्विनी की जिलामंत्री अमीषा भारती, महामंत्री शिल्पा साहनी, मोनिका मेहता, प्रतिज्ञा, शीतल, पल्लवी, खुशबू, ममता, ईशानी, प्रकृति प्रिया , सृष्टि, शिल्पी, अंकिता, खुशी आदि ने ‘ओ शेरो वाली बिगड़े बना दे सबके काम’ जैसे भक्ति भावों से भरे गीतों पर मनमोहक डांडिया नृत्य की प्रस्तुति दी। कार्यक्रम में सामाजिक कार्यकर्ता मणि लाल बारीक, श्रीराम बारीक, जिला मंत्री, अहिप, मुक्तामणि, कार्याध्यक्ष, अहिप, रतन गायब, जिलामंत्री, राष्ट्रीय बजरंग दल, शशिकांत मिश्र, विभाग अध्यक्ष, राष्ट्रीय बजरंग दल, गया, अश्विनी कुमार आदि की सक्रिय भागीदारी रही।
अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के अधिकारियों ने ओजस्विनी अध्यक्षा को तलवार भेंट कर सम्मानित किया। डॉ रश्मि ने कार्यक्रम को सफल बनाने में संलग्न सभी सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार जताते हुए कहा कि नारी को परिवार तथा समाज में सम्मान देना ही नवदुर्गा की सच्ची पूजा है। नवरात्रि मनाने का औचित्य तभी है, जब घर एवं समाज में महिलाओं के प्रति भेदभाव का नज़रिया समाप्त हो, उन पर होने वाले अत्याचार पर रोक लगे, उन्हें स्वाभिमान के साथ जीवन जीने तथा उनकी विशिष्ट पहचान, स्वतंत्रता तथा उन्नति-प्रगति के समान अवसर प्राप्त हों। अपनी कविता ‘हर नारी में है नवदुर्गा’ की पंक्ति “नारी तू ही दुर्गा, लक्ष्मी, तू ही जग-कल्याणी है, तू ही पार्वती, तू दुर्गा, काली है, ब्रह्माणी है” को उद्धृत करते हुए डॉ रश्मि ने कहा कि सभी माँ, बहन और बेटियाँ को अपने भीतर छिपी असीम क्षमताओं को पहचाने की आवश्यकता है। उन्हें निडर और निर्भीक बनने की जरूरत है। समाजसेवी महिला रेनू रौनियार ने ओजस्विनी द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम की सफलता पर अंतर्राष्ट्रीय हिन्दू परिषद के सभी सदस्यों को हार्दिक बधाइयाँ दीं।