ओड़िशा में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रिय साहित्यक उत्सव कार्यक्रम, गयाजी के युवा साहित्यकार अनंत धीश अमन ने किया बिहार का अद्भुत प्रतिनिधित्व

ओड़िशा में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रिय साहित्यक उत्सव कार्यक्रम, गयाजी के युवा साहित्यकार अनंत धीश अमन ने किया बिहार का अद्भुत प्रतिनिधित्व

अमरेन्द्र कुमार सिंह

गया । साहित्य आकादमी एवं इंक डियू पब्लिकेशन के संयुक्त तत्वावधान में तीन दिवसीय राष्ट्रिय साहित्य उत्सव ओडिशा के दामनजोङी शहर में आयोजित हुई थी।
आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य पे साहित्य अकादमी द्वारा साहित्यक उत्सव कार्यक्रम दामनजोङी मे 11जून से 13जून तक चला जिसमे देश के विभिन्न राज्यों से साहित्यकार, लेखक एव कविगण मौजूद रहे ।
तीन दिन के लिए दामनजोङी मे एक विशाल साहित्यिक जमघट लगी, जिसमे साहित्य के विभिन्न विधा पर गहन चिंतन मंथन देश के विभिन्न राज्यों से आए साहित्यकारों ने किया। “बिहार के तरफ से प्रतिनिधित्व गयाजी के यूवा साहित्यकार अंनत धीश अमन ने साहित्यक विचार गोष्ठी मे अपने वक्तव्य को रखते हुए विश्व की सबसे महान कवि माँ है और बच्चे का रुदन सबसे विश्व की सबसे पहली कविता है मृत्यु के भय से मुक्त हो जाना विश्व की सबसे महान कविता है।” अनंत धीश अमन अपने साहित्यिक प्रतिभा के माध्यम से बिहार और गया जी के मान सम्मान बढ़ाने का कार्य किये। आजादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य ग्लोरियश इंडिया नामक पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में भी भाग लिए और इस पुस्तक में अनंत धीश अमन का लेख यशस्वी भारत तेजस्वी भारत सम्मिलित रहा । अनंत धीश अमन गया जी बिहार के चर्चित चेहरों में से एक है जिन्होनें साहित्य, पत्रकारिता, समाजिक राजनीतिक क्षेत्रों में काम करते हुए युवाओं को प्रेरित करने का काम करतें आए है।
जब ओडिशा मे अपना परचम लहराने के बाद जब बह गयाजी के पावन धरा पे लौटे तो गया स्टेशन पे गयाजी के युवाओं और केन्द्रीय विश्वविद्यालय के छात्र कुमार सौरभ मुर्ति,पियूष भूमि, शुभम कुमार शहिद भगत सिंह यूथ बिग्रेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनी कुमार वर्मा, अंजनी गौतम, विजय कांधवे के द्वारा पुष्पगुछ और माला देकर स्वागत किया गया। गया जी के सांसद विजय माँझी, औरंगाबाद के सासंद सुशील सिंह, गयाजी के महापौर गणेश पासवान, उपमहापौर मोहन श्रीवास्तव, मगध विश्वविधालय के सिंडिकेट सदस्य अनील स्वामी, साहित्यकार सच्चिदानंद प्रेमी, राजीव रंजन, मनोज पद्मनाभ नंदन सिन्हा, गयाजी घराना के महान संगीतकार राजन सिजुआर, शिव कैलास डालमिया, झारखंड साहित्य महापरिषद के अध्यक्ष निरंकुश श्रीवास्तव, बेंगलूर हिंदी साहित्य महासभा के अध्यक्ष राश दादा राश एवं कई कार्यकर्तागण, समाजसेवी, युवाओं सहित अनेकानेक ने बधाईयाँ एवं आशीर्वाद दिया।