“खादी आपके द्वार” के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में भी पहुंच रहा है खादी वस्त्र:- मंत्री सुनील कुमार

अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । लोकनायक जयप्रकाश नारायण द्वारा स्थापित संस्था ग्राम निर्माण मंडल खादी ग्रामोउद्योग समिति प्रधान कार्यालय जयप्रकाश नगर बुनियादगंज लखीबाग मानपुर में होली महापर्व के शुभ अवसर पर स्वदेशी वस्त्र खादी का पूरे मगध प्रमंडल क्षेत्र के विभिन्न जिलों में खादी वस्त्र का मांग तेज हो गया है। इसे पूरा करने के लिए मगध प्रमंडल के विभिन्न जिलों के खादी भंडार केन्द्रो के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों में भी इसका मांग चरम सीमा पर है। वहीं खादी ग्रामोउद्योग समिति के मंत्री माननीय सुनील कुमार ने बताया कि गया, औरंगाबाद, जहानाबाद, नवादा और अरवल जिले के तमाम खादी भंडार केंद्रों पर होली महापर्व के अवसर पर स्वदेशी वस्तु की मांग काफी बढ़ गया है, और ग्रामीण क्षेत्रों के विभिन्न इलाकों में भी लोगें काफी खादी वस्त्र का मांग कर रहे हैं। जिसे पूरा करने के लिए “खादी आपके द्वार” के तहत वैन के माध्यम से ग्रामीण जनता तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। गांव की गलियों तक खादी वस्त्र की पहुच बढ़ी तो कारोबार भी वढ़ गया। “खादी आपके द्वार” के तहत है गया जिला ही नहीं मगध प्रमंडल के सभी ग्रामीण क्षेत्रों में भी खादी वस्त्र पहुंच रहा है। “खादी आपके द्वार” के तहत प्रचार-प्रसार के लिए मगध प्रमंडल के ग्रामीण इलाकों में खादी वस्त्र उपलब्ध कराए जा रहे हैं। कोरोना की तीसरी लहर थमने के बाद एक बार फिर खादी कपड़े से लदा मोबाइल वैन ग्रामीणों के घर के दरवाजे पर 30 फ़ीसदी छूट के साथ पहुंच रहा है। ग्रामीण लोग खादी वस्त्र खरीद रहे हैं। हर दिन करीब एक से डेढ़ लाख के खादी वस्त्र की बिक्री हो रही है। खादी समिति के मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि मगध प्रमंडल के गया जहानाबाद नवादा और औरंगाबाद में अलग-अलग खादी वैन घूम रहा है। प्रचार-प्रसार के साथ ही ग्रामीण के दरवाजे पर खादी वस्त्र पहुंच रहा है। यही लक्ष्य के साथ वैन घूम रहा है। वैन में खादी के सिल्क, रेशमी, कुर्ता-पजामा, बंडी, साड़ी, तसर, मटका व सूती इत्यादि कपड़े हैं। वैन सुबह 10 बजे मानपुर प्रधान कार्यालय से निकलता है और शाम को करीब 7 बजे लौटता है। एक वैन एक दिन में करीब छः गांवों में जा रहा है। दिन पर दिन खादी वस्त्र का डिमांड बढ़ रहा है। समिति के मंत्री सुनील कुमार ने होली महापर्व के शुभकामनाएं देते हुए कहा कि “खादी आपके द्वार” के प्रचार-प्रसार के माध्यम से ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के जनता से आग्रह हैं कि खादी वस्त्र ही खरीदें और विशेष से छूट का लाभ भी उठाएं जिससे खादी वस्त्र का बढ़ावा मिले। जो कि पूर्ण रूप से स्वदेशी वस्त्र है।