निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाए सरकार : नीलमणि पाठक
रांची। नागरिक अधिकार पार्टी (युवा मोर्चा) के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणि पाठक ने कहा है कि कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में निजी अस्पताल प्रबंधन अपनी मनमानी कर रहा है। उन्होंने कहा कि निजी अस्पतालों के संचालकों द्वारा मरीजों का शोषण किया जाना मानवता विरोधी कृत्य है। उन्होंने निजी अस्पतालों द्वारा कोरोना के इलाज के एवज में मनमानी शुल्क वसूल किये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राज्य सरकार से इसपर अविलंब रोक लगाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों की तर्ज पर झारखंड में भी निजी अस्पतालों की मनमानी पर अंकुश लगाने के लिए जिला स्तर पर समिति का गठन किया जाना चाहिए। यदि निजी अस्पताल सरकारी अनुदान प्राप्त है, तो उसकी सूचना अस्पताल प्रबंधन को सूचना पट्ट पर सार्वजनिक करना अनिवार्य किया जाना चाहिए। श्री पाठक ने गरीब एवं असहाय लोगों के लिए कोरोना राहत कोष की व्यवस्था करने की मांग भी राज्य सरकार से की।
उन्होंने कहा कि पूरे राज्य में प्रतिदिन हजारों की संख्या में कोरोना संक्रमित पाए जा रहे हैं। वैश्विक महामारी कोरोना से बचाव के लिए लागू लाॅकडाउन के दौरान अधिकतर लोग आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रहे हैं। ऐसी परिस्थितियों में भी निजी अस्पताल मरीजों के इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूल कर मालामाल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार यथाशीघ्र इस दिशा में आवश्यक कदम उठाए और कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज हेतु निजी अस्पतालों के लिए विशेष रूप से गाइडलाइन जारी करे। उन्होंने कोरोना के इलाज के लिए निजी अस्पतालों की दर निर्धारित करने की मांग की है।