फर्जी मामले में गिरफ्तार पत्रकारों की रिहाई के लिए एसोसिएशन का अल्टीमेटम, 72 घंटे में हो रिहाई, नहीं तो होगा आंदोलन : प्रीतम भाटिया

फर्जी मामले में गिरफ्तार पत्रकारों की रिहाई के लिए एसोसिएशन का अल्टीमेटम, 72 घंटे में हो रिहाई, नहीं तो होगा आंदोलन : प्रीतम भाटिया

रांची : पत्रकारों पर फर्जी फर्जी मामले दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किए जाने का एआइएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन ने विरोध किया है। एसोसिएशन के बिहार/झारखंड और बंगाल प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने कहा है कि पत्रकारों पर फर्जी मामले दर्ज करा कर उन्हें गिरफ्तार करने की प्रवृत्ति हाल के दिनों में काफी बढ़ गई है। इस पर अंकुश लगना जरूरी है। श्री भाटिया ने कहा कि हजारीबाग में फर्जी मामला दर्ज कर पुलिस द्वारा वरिष्ठ पत्रकार राजेश मिश्रा को गिरफ्तार किया जाना पुलिस प्रशासन की मंशा जाहिर करता है। उन्होंने कहा कि हजारीबाग में पूर्व में पत्रकार कृष्णा नंदन को झूठे छेड़खानी के मामले में जेल भेजा गया और अब पत्रकार राजेश मिश्रा को भी फर्जी मामले में नाटकीय ढंग से आनन-फानन में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। इस संबंध में झारखंड विधानसभा में भी माले विधायक विनोद सिंह ने इस मुद्दे को उठाया है। बताते चलें कि कुछ दिनों पूर्व ही हजारीबाग के सदर थाने में एक मनगढ़ंत शिकायत पर कृष्णा नंदन सहित 5-6 पत्रकार साथियों को प्रताड़ना के उद्देश्य से आरोपी बनाया जाता है। इस मामले में कृष्णा को जेल भेजा गया है। यह मामला एआइएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा मौखिक रूप से भी डीजीपी को बताया गया। इसके बाद हजारीबाग में ही पत्रकार राजेश मिश्रा को भी पुलिस ने अफ़ीम रखने के आरोप में बड़े ही नाटकीय अंदाज में गिरफ्तार किया। राजेश के पास अफ़ीम होने की जो बात बताई गई है, वह पूरी तरह से मनगढंत है। इस मामले में स्थानीय पुलिस की भूमिका संदिग्ध है। श्री भाटिया ने कहा कि राजेश मिश्रा आरटीआई कार्यकर्ता और पत्रकार भी हैं। राजेश को फिल्मी अन्दाज में पिस्तौल सटाकर किसी बड़े अपराधी की तरह पकड़ा गया और गिरफ्तारी के दो घंटे बाद अफीम मिलने की बात कही गई।
ऐसे ही मामले पत्रकार साथियों के साथ पिछले 5 सालों से देशभर में सुनने को आ रहे हैं। इसका मूल कारण है पत्रकार साथियों में आपसी फूट और गुटबाजी। कल इस घटना के विरोध में झरिया में धनबाद,जामताडा़,जमशेदपुर और रांची से एसोसिएशन समेत पत्रकारों के विभिन्न संगठनों ने धरना-प्रदर्शन और उपवास किया।
एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी प्रीतम भाटिया ने फर्जी मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने और 72 घंटे में पत्रकार साथियों की रिहाई की मांग की है। उन्होंने कहा है कि यदि फर्जी मामले में गिरफ्तार पत्रकार साथियों को अविलंब रिहा नहीं किया गया, तो आंदोलन के लिए विवश होना पड़ेगा। धरना प्रदर्शन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि
एसोसिएशन पत्रकार साथियों को फर्जी मामले में फंसाए जाने की घटनाएं बर्दाश्त नहीं करेगा। उन्होंने ट्वीटर पर मुख्यमंत्री से इस घटना के साजिशकर्ता पर कड़ी कार्रवाई करने और 72घंटे के अंदर पत्रकार साथियों की रिहाई की मांग की है। श्री भाटिया ने कहा है कि अगर 72 घंटे में रिहाई न हुई तो पत्रकार राजधानी में धरना प्रदर्शन को बाध्य होंगे।