मगध क्षेत्र की पहली गिर गाय की गौशाला, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गोपाष्टमी पर्व

मगध क्षेत्र की पहली गिर गाय की गौशाला, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया गोपाष्टमी पर्व

अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया । मगध क्षेत्र के बोधगया स्थित मटिहानी में श्री राधे कृष्ण गिर गौशाला में गोपाष्टमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान श्रद्धालुओं ने गौशाला में मौजूद सभी गिर गायों का पूजन, हवन व गौ ग्रास कराया तत्पश्चात लोगों में प्रसाद वितरण किया गया। गौशाला के अध्यक्ष बी के चौबे ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय का बहुत ही पवित्र महत्व है। गाय को माता समान माना जाता है, और इसकी पूजा भी इसी रूप में की जाती है। सनातन धर्म और भारतीय संस्कृति में गौ सेवा सबसे उत्कृष्ट सेवा माना गया है। हमारे देश में ऐसे तो गायों की सैकड़ों प्रजातियां हैं, लेकिन इनमें सौराष्ट्र (गुजरात) की गिर गायों को उत्कृष्ट प्रजाति का माना जाता है। इसे कामधेनु का रूप बताया जाता है, जिसका दूध अमृत समान माना गया है। गाय हमारी वैदिक संस्कृति की पोषक हैं। भगवान कृष्ण ने ही असीम सेवा करके वैदिक संस्कृति की रक्षा करने का काम किया था। इसलिए हम सभी का दायित्व बनता है कि गौ सेवा कर पुण्य के भागी बने। गोपाष्टमी के ‌दिन भगवान कृष्ण ने गाय को गौ माता कहा था l हमारे गौशाला में कुल 50 गिर गाये हैं l ये सभी गिर गाय देव गाय हैं l इस गौशाला में अभी पचास के करीब गिर गायें और दो नंदी हैं। जिनमें स्वर्ण कपिला प्रजाति समेत अन्य कई गोत्रों की गिर गायें हैं। इन गायों का उल्लेख वैदिक युग में भी मिलता है l इस मौके पर मौजूद विश्व हिन्दू परिषद, पूर्वांचल गौ रक्षा प्रमुख त्रिलोकी नाथ बागी ने बताया कि आज गोपाष्टमी पर्व मनाया जा रहा है l आज के दिन गायों का पूजन किया जाता है l आज के दिन गाय को गुड, केला, फल ,और चारा खिलाकर गौ माता से आशीर्वाद लिया जाता है l