राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष, मेयर, डिप्टी मेयर एवं नगर आयुक्त ने वार्ड संख्या 10 एवं 11के विभिन्न मोहल्ले का किया निरीक्षण
गया से अमरेन्द्र कुमार का रिपोर्ट
गया । भारत सरकार राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष बबन रावत पिछले कई दिनों से बिहार दौरा पर हैं और सफाई मजदूरों के जीवन स्तर का फैक्ट चेक कर रहे हैं। इसी के तहत शुक्रवार को उन्होंने गया शहर के वार्ड संख्या 10 एवं 11 सहित विभिन्न मुहल्लों का भ्रमण किया, जिसमें सफाई मजदूरों का निवास है। उन्होंने सफाई मजदूरों और उनके परिवार के सदस्यों से भी बात किया। उन्होंने बैरागी, डाक स्थान, तेलबिगहा, जनता कॉलोनी सहित कई मुहल्लों का भ्रमण किया। इस मौके गया नगर निगम के मेयर गणेश पासवान, डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव, नगर आयुक्त सावन कुमार एवं कई अन्य अधिकारी और जनप्रतिनिधि भी मौजूद थे। राष्ट्रीय सफाई कर्मचारी आयोग के उपाध्यक्ष बबन रावत ने कहा कि मुख्य रूप से पटना, जहानाबाद और गया जिले का दौरा कर रहे हैं और सफाई मजदूरों की वास्तविक स्थिति का जायजा ले रहे हैं।निरीक्षण का मुख्य उद्देश्य सफाई मजदूरों के शैक्षणिक, आर्थिक और सामाजिक स्थिति से अवगत होना है। इसके बाद अपनी रिपोर्ट को भारत सरकार को देंगे। निरीक्षण के दौरान जो कमियां पाई जा रही है, उसे भी अपनी रिपोर्ट में भारत सरकार को देंगे, ताकि सफाई मजदूरों के जीवन स्तर में सुधार हो सके। तेलबिगहा डोम टोली मोहल्ले में मजदूरों के पेयजल व शौचालय की समस्या से अवगत हुआ हूं। इसके लिए नगर आयुक्त एवं अन्य अधिकारियों से मिलकर पेयजल व शौचालय की समस्या को दूर करने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही अन्य किसी तरह की समस्या आती है तो उसका भी निदान करने का प्रयास होगा। वहीं इस मौके पर मौजूद डिप्टी मेयर मोहन श्रीवास्तव ने कहा कि सफाई कर्मचारियों की अहमियत बहुत ज्यादा है। हर व्यक्ति साफ सुथरा रहना चाहता है। प्रत्येक घर से कूड़े का उठाव नगर निगम के द्वारा किया जाता है और यह उठाव सफाई कर्मचारी ही करते हैं। हमारा प्रयास रहता है कि सफाई कर्मचारियों को बेहतर से बेहतर सुविधा मिले। इसके लिए दिन-रात हमलोग प्रयासरत हैं। बिना सफाई कर्मचारियों के शहर साफ सुथरा नहीं रह सकता। इसलिए हमारा प्रयास रहता है कि सफाई कर्मियों को ज्यादा-से-ज्यादा रोजगार दे। हालांकि राज्य सरकार द्वारा नगर निगम को चतुर्थ वर्गीय सफाई कर्मचारियों को रोजगार देने पर आप रोक कब रोक लगा दी गई है। ऐसे में हम लोगों ने उच्च न्यायालय में मामला दर्ज कराया है।