शब्दाक्षर’ की काव्यगोष्ठी में कवियों ने पढ़ी अपनी रचनाएं
अमरेन्द्र कुमार सिंह
गया। साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ की पश्चिम बंगाल प्रदेश इकाई द्वारा ‘शब्दाक्षर’ महाराष्ट्र की प्रदेश साहित्य मंत्री डॉ कनक लता तिवारी के स्वागत तथा सम्मान में काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया,जिसकी अध्यक्षता शब्दाक्षर की राष्ट्रीय साहित्य मंत्री नीता अनामिका ने की। इस काव्यगोष्ठी का शुभारंभ राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह ने स्वागत वक्तव्य से किया। स्वागत सत्र के उपरांत आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों, कवयित्रियों ने एक से बढ़कर एक कविताएँ तथा ग़ज़लें पढ़ीं। कवि नंदू बिहारी की गणेश वंदना तथा सरस्वती वंदना एवं शब्दाक्षर के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रो जीवन सिंह के बिहार तथा यूपी पर रचित भोजपुरी गीत सुनकर श्रोता मंत्र-मुग्ध हो गये। कवि गजेंद्र नाहटा की ‘दर्द को खुराक समझ कर पीता हूँ’, कवि हीरालाल साव की ‘हम दोनों साथ पले, साथ बढ़े, पर फर्क इतना था, वह जिंदगी की दौड़ में आगे निकल गया’, कवयित्री अंजू छारिया की गज़ल ‘हमें आवाज़ दे कर तुम पुकारो’ एवं पश्चिम बंगाल शब्दाक्षर के सचिव कृष्ण कुमार दूबे की ‘आँखों में कुछ नमी सी है’ पंक्तियों पर खूब वाहवाहियाँ लगीं। नीता अनामिका की ‘पुच्छल तारा’, रवि प्रताप सिंह की ‘राजनीति का मापदंड अपराध बन गया भारत में’ तथा डॉ कनक लता तिवारी के कृष्ण गीत तथा ग़जल ‘चाँद तुम्हारी बाट जोहता है’ ने समाँ बाँध डाला। त्रिलोकी नाथ के ‘शब्दाक्षर’ पर रचित ग़ज़ल तथा श्री ‘सावन’ की कविता ‘इंद्रधनुष को बेच रहा हूँ’ ने सभी के मन को आनंदित किया।’शब्दाक्षर’ की राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी ने शब्दाक्षर की पश्चिम बंगाल प्रदेश इकाई द्वारा कोरोना संकट के दरम्यान ज़मीनी स्तर आयोजित इस सरस काव्यगोष्ठी की सफलता पर हार्दिक खुशी जताई तथा उन्होंने कहा कि ‘शब्दाक्षर’ की बिहार इकाई द्वारा भी शीघ्र ही ज़मीनी स्तर पर काव्यगोष्ठी का आयोजन प्रस्तावित है। ‘शब्दाक्षर’ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सत्येन्द्र सिंह ‘सत्य’ तथा राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दया शंकर मिश्र के अनुसार शब्दाक्षर की अन्य प्रदेश इकाइयों द्वारा भी ऐसे ही मासिक काव्योत्सव आयोजित किए जाने हैं।