Mathura Controversy: श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका, ट्रायल होगा
इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपने फैसले में तय करना था कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में दाखिल 18 अर्जियों की एक साथ सुनवाई होगी या नहीं. हाई कोर्ट नंबर 71 के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच इस पर फैसला देते हुए कहा कि सुनवाई जारी रहेगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट गुरुवार को उत्तर प्रदेश के मथुरा जिला स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष को झटका देते हुए कहा कि हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल सभी 18 याचिकाओं पर सुनवाई होगी. अगली सुनवाई 12 अगस्त को होगी. संवेदनशील धार्मिक विवाद में हिंदू और मुस्लिम पक्ष की ओर से दाखिल 18 दीवानी मुकदमों को लेकर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच ने 6 जून को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.
इस मामले में हिंदू पक्ष ने जो याचिकाएं दायर की हैं, उनमें शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को हिंदुओं की जमीन बताया गया है. इसलिए वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला देकर हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलीलें दी हैं. श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह केस में मथुरा कोर्ट में हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल 18 अलग-अलग सिविल वाद की पोषणीयता को चुनौती दी गई थी. शाही ईदगाह कमेटी की तरफ से दाखिल इसी याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर क्या बोले हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन
मथुरा श्रीकृष्णजन्मभूमि मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले को हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने हिंदुओं की बड़ी जीत बताया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले से आगे की जरूरी कार्रवाइयों के लिए रास्ते खुलेंगे. उन्होंने कहा कि सत्य सबके सामने आ रहा है.
हिंदू पक्ष की तरफ से दाखिल 18 याचिकाओं के खिलाफ शाही ईदगाह कमेटी ने हाईकोर्ट में सीपीसी के ऑर्डर 7, रूल 11 के तहत चुनौती दी थी. हिंदू पक्ष की मांगों में शाही ईदगाह मस्जिद की जमीन को हिंदुओं की बताया है और वहां पूजा का अधिकार दिए जाने की मांग की गई है. वहीं, मुस्लिम पक्ष ने प्लेसिस ऑफ वर्शिप एक्ट, वक्फ एक्ट, लिमिटेशन एक्ट और स्पेसिफिक पजेशन रिलीफ एक्ट का हवाला दिया और हिंदू पक्ष की याचिकाओं को खारिज किए जाने की दलील पेश की है.
इलाहाबाद हाईकोर्ट को अपने फैसले में तय करना था कि मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद में दाखिल 18 अर्जियों की एक साथ सुनवाई होगी या नहीं. हाई कोर्ट नंबर 71 के जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच इस पर फैसला देते हुए कहा कि सुनवाई जारी रहेगी.
श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद में हिंदू पक्ष की ओर से भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव और सात अन्य की तरफ से दाखिल सिविल वाद की पोषणीयता को लेकर याचिकाएं दायर की गईं हैं. इसमें दावा किया गया है कि शाही ईदगाह मस्जिद का निर्माण कटरा केशव देव मंदिर की 13.37 एकड़ भूमि पर किया गया है. औरंगजेब के जमाने में मंदिर के विध्वंस के बाद की ईदगाह मस्जिद बनाई गई है. वहीं, इलाहाबाद हाई कोर्ट में मुस्लिम पक्ष की ओर से शाही ईदगाह मस्जिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने सीपीसी के ऑर्डर 7, रूल 11 के तहत याचिकाएं दाखिल की थीं.