180 से पूछताछ, 25 की गवाही, फिर भी आरोप तय नहीं: बृजभूषण केस में चार्जशीट फाइल
महिला पहलवानों द्वारा कोई भी पुख़्ता सबूत नहीं दिया गया है जिससे आरोप साबित हो सके-दिल्ली पुलिस।
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को करीब 1000 पेज की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की है। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ ‘पॉक्सो की धारा के तहत अपराध का संकेत देने’ के लिए ‘कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है’ और पटियाला हाउस कोर्ट से पॉक्सो मामले को रद्द करने की सिफारिश की। दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (PRO) सुमन नालवा ने एक बयान में कहा, “पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाखिल की है।” सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई है। केस रद्द करने की रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब जांच में कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलता है।
दिल्ली पुलिस के द्वारा फाइल की गई चार्जशीट में बृजभूषण पर लगे हैं निम्न धाराएँ:
- धारा 354 : महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना
- IPC की धारा 354A : यौन उत्पीड़न
- IPC की धारा 354D : पीछा करना
इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने विनोद तोमर के ख़िलाफ़ भी निम्न धाराओं में चार्जशीट फाइल की है:
- IPC की धारा 109 : यदि कोई किसी को अपराध या दुष्प्रेरित कार्य के लिए उकसाता है, और जहां उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान न हो
- IPC की धारा 354 : महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना
- IPC की धारा 354A : यौन उत्पीड़न
- IPC की धारा 506 : आपराधिक भयादोहन
भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के निर्वतमान प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह को पॉक्सो केस में बड़ी राहत मिली है। दिल्ली पुलिस ने गुरुवार को करीब 1000 पेज की चार्जशीट पटियाला हाउस कोर्ट में दाखिल की है। दिल्ली पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ ‘पॉक्सो की धारा के तहत अपराध का संकेत देने’ के लिए ‘कोई पुख्ता सबूत नहीं मिला है’ और पटियाला हाउस कोर्ट से पॉक्सो मामले को रद्द करने की सिफारिश की। दिल्ली पुलिस की जनसंपर्क अधिकारी (PRO) सुमन नालवा ने एक बयान में कहा, “पॉक्सो (यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण) मामले में जांच पूरी होने के बाद हमने शिकायतकर्ता यानी पीड़िता के पिता तथा खुद पीड़िता के बयानों के आधार पर मामले को रद्द करने का अनुरोध करते हुए दंड प्रक्रिया संहिता (CRPC) की धारा 173 के तहत पुलिस की एक रिपोर्ट दाखिल की है।” सुनवाई की अगली तारीख 4 जुलाई है। केस रद्द करने की रिपोर्ट उन मामलों में दायर की जाती है जब जांच में कोई पुष्टिकारक साक्ष्य नहीं मिलता है।
दिल्ली पुलिस के द्वारा फाइल की गई चार्जशीट में बृजभूषण पर लगे हैं निम्न धाराएँ:
- धारा 354 : महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना
- IPC की धारा 354A : यौन उत्पीड़न
- IPC की धारा 354D : पीछा करना
इसी मामले में दिल्ली पुलिस ने विनोद तोमर के ख़िलाफ़ भी निम्न धाराओं में चार्जशीट फाइल की है:
- IPC की धारा 109 : यदि कोई किसी को अपराध या दुष्प्रेरित कार्य के लिए उकसाता है, और जहां उसके दण्ड के लिए कोई स्पष्ट प्रावधान न हो
- IPC की धारा 354 : महिला की लज्जा भंग करने के इरादे से उस पर हमला या आपराधिक बल का इस्तेमाल करना
- IPC की धारा 354A : यौन उत्पीड़न
- IPC की धारा 506 : आपराधिक भयादोहन
क्या है चार्जशीट में ?
दिल्ली पुलिस को जांच पूरी करने में लगभग सवा महीना का समय लग गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार बृजभूषण के खिलाफ 25 लोगों ने गवाही दी है । पुलिस को जांच में बृजभूषण के खिलाफ न तो कोई संदिग्ध तस्वीर या वीडियो मिला है और न ही महिला पहलवानों द्वारा कोई भी पुख़्ता सबूत दिया गया है जिससे आरोप साबित हो सके । दिल्ली पुलिस ने पांच देशों के कुश्ती संघ को 3 जून को पत्र लिखकर बृजभूषण के खिलाफ सबूत मांगे थे। लेकिन अभी तक विदेशी कुश्ती संघ के किसी भी देश के द्वारा दिल्ली पुलिस को जवाब नहीं दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताया है कि कई पहलवानों के आरोप बहुत पुराने हैं इसलिए उस वक्त के कॉल डिटेल्स को नहीं खंगाला जा सकता। पुलिस के द्वारा महावीर अखाड़े के कई पहलवानों का बयान भी दर्ज किया है। पूरे मामले में विशेष जांच दल ने 180 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। पुलिस की टीम उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थित बीजेपी सांसद बृजभूषण के आवास पर भी गई थी जहां उसने सांसद के रिश्तेदारों, सहकर्मियों, घरेलू कर्मचारियों और उनके सहयोगियों का बयान दर्ज किया।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में डिजिटल दस्तावेजों और कई अनुलग्नकों का जिक्र करते हुए चार्जशीट दायर की है। कोर्ट के एसीएमएम दीपक कुमार दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव की दलीलों पर गौर कर रहे हैं।
खेल मंत्री ने पहलवानों को दिया था आश्वासन:
केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 7 जून को ओलंपिक विजेता पहलवान बजरंग पूनिया और साक्षी मलिक से मुलाकात की थी। मुलाक़ात में उन्होंने प्रदर्शन कर रहे पहलवानों को आश्वासन दिया था कि मामले में 15 जून तक आरोपपत्र दाखिल हो जाएगा।
दिल्ली पुलिस ने 28 अप्रैल को सिंह के खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में दो प्राथमिकी दर्ज की थीं। प्राथमिकी में महिला पहलवानों ने बृजभूषण पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था। वहीं एक नाबालिग महिला पहलवान ने भी ज़ोर-ज़बरदस्ती और यौन शोषण की प्राथमिकी दर्ज कराई थी। हालाँकि बृजभूषण सिंह ने अपने ऊपर लगे सभी आरोपों से इंकार किया है। बृजभूषण ने एक जनसभा में कहा था कि अगर उसके खिलाफ एक भी आरोप साबित हो जाता है तो वह फांसी लगा लेगा। इसी मामले को लेकर पहलवान 23 अप्रैल को जंतर-मंतर पर धरने पर बैठे थे।सबसे ख़ास बात यह थी कि उसी दिन यानि 28 मैं को एक तरफ़ दिल्ली पुलिस महिला पहलवानों को बलपूर्वक धर्नस्थल से हटा रही थी तो दूसरी तरफ़ देश के प्रधानमंत्री के साथ मामले का आरोपी देश के नये संसद भवन का उद्घाटन कर रहे थे।
दिल्ली पुलिस को जांच पूरी करने में लगभग सवा महीना का समय लग गया। दिल्ली पुलिस के अनुसार बृजभूषण के खिलाफ 25 लोगों ने गवाही दी है । पुलिस को जांच में बृजभूषण के खिलाफ न तो कोई संदिग्ध तस्वीर या वीडियो मिला है और न ही महिला पहलवानों द्वारा कोई भी पुख़्ता सबूत दिया गया है जिससे आरोप साबित हो सके । दिल्ली पुलिस ने पांच देशों के कुश्ती संघ को 3 जून को पत्र लिखकर बृजभूषण के खिलाफ सबूत मांगे थे। लेकिन अभी तक विदेशी कुश्ती संघ के किसी भी देश के द्वारा दिल्ली पुलिस को जवाब नहीं दिया गया है। दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट में बताया है कि कई पहलवानों के आरोप बहुत पुराने हैं इसलिए उस वक्त के कॉल डिटेल्स को नहीं खंगाला जा सकता। पुलिस के द्वारा महावीर अखाड़े के कई पहलवानों का बयान भी दर्ज किया है। पूरे मामले में विशेष जांच दल ने 180 से ज्यादा लोगों से पूछताछ की है। पुलिस की टीम उत्तर प्रदेश के गोंडा स्थित बीजेपी सांसद बृजभूषण के आवास पर भी गई थी जहां उसने सांसद के रिश्तेदारों, सहकर्मियों, घरेलू कर्मचारियों और उनके सहयोगियों का बयान दर्ज किया।
दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में डिजिटल दस्तावेजों और कई अनुलग्नकों का जिक्र करते हुए चार्जशीट दायर की है। कोर्ट के एसीएमएम दीपक कुमार दिल्ली पुलिस का प्रतिनिधित्व कर रहे विशेष लोक अभियोजक अतुल श्रीवास्तव की दलीलों पर गौर कर रहे हैं।