2023 के ये राजनीतिक फ़ैसले भारत के इतिहास में सदा याद किए जाएँगे
इस वर्ष देश की संसद ने लोकसभा एवं राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फ़ीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित किया। यह भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक अहम फैसला था।
विजय केसरी:
2023 एक ऐसा वर्ष रहा है, जिसने अपने नाम कई राजनीतिक फैसलों को दर्ज कर लिया है। राजनीतिक उतार चढ़ाव के बीच देशवासी मोदी की गारंटी पर मुहर लगाते चले जा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस पार्टी अपनी वजूद को बचाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दी है । भारत जोड़ो यात्रा और न्याय यात्रा से कांग्रेस पार्टी को ताकत जरूर मिल रही है। लेकिन पांच विधानसभा के चुनाव परिणाम ने कांग्रेस पार्टी को निराशा ही किया है। शराब कांड में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और आप सांसद संजय सिंह की गिरफ्तारी से राजनीति के गिरते स्तर की पोल खोल कर रख दी है। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए 33 प्रतिशत महिलाओं के आरक्षण पर ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ कानून बनाया जाना, एक बड़े राजनीतिक फैसला के रूप में देखा जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने धारा 370 और 35A के मोदी सरकार के फैसले पर मुहर लगा दी है। वहीं वर्ष के अंत में तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा को अनैतिक और अशोभनीय आचरण के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है। देश की राजधानी दिल्ली में G20 की सफलतापूर्वक बैठक वैश्विक स्तर पर यह साबित करने में सफल रहा है कि अब भारत विकसित देशों की श्रेणी में आ खड़ा हुआ है।
22 जनवरी 2024 को रामलला की मूर्ति का प्राण प्रतिष्ठा:
यह वर्ष अब तक के बीते वर्षों से बिल्कुल अलग रहा है। इसकी छाप सदैव भारतीय जन मानस पटल पर अंकित रहेगी । यह वर्ष ऐतिहासिक राजनीतिक फैसलों के इर्द-गिर्द ही घूमता नजर आता है। करोड़ों हिंदू धर्मावलंबियों के आराध्य देव मर्यादा पुरुषोत्तम राम का अयोध्या में भव्य मंदिर निर्माण अंतिम चरण में है। नूतन वर्ष 2024 में 22 जनवरी को मंदिर गृह में रामलाल की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा होना है। इस निमित्त देशभर में दिवाली मनाने की तैयारी चल रही है।
इस वर्ष के अंत में भाजपा तीन राज्यों में रिकॉर्ड बहुमत के साथ जीत दर्ज की है। राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश विधानसभाओं में भाजपा की जीत ने मोदी की गारंटी पर फिर से मुहर लगा दी है । विपक्ष के लगातार हमलों और आरोपों के बावजूद नरेंद्र मोदी एक मजबूत नेता के रूप में उभर कर सामने आए हैं। नरेंद्र मोदी की इस सफलता की वैश्विक स्तर पर हो रही है । विश्व की कई नामी एजेंसियां और पत्रिकाओं ने विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में नरेंद्र मोदी के नाम को सबसे आगे रखा है।
कांग्रेस पार्टी अपनी साख बचाने की जद्दोजहद में:
अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी अपनी वजूद को कायम रखने के लिए पूरी शक्ति लगा दी है, इसके बावजूद कुछ खास नहीं कर पा रही है। इन तमाम विपरीत परिस्थितियों में कांग्रेस पार्टी कर्नाटक विधानसभा में जीत हासिल कर अपनी वजूद की रक्षा करने में सफल रही है। वहीं तेलंगाना विधानसभा में कांग्रेस पार्टी जीत दर्ज कर अपनी गिरती साख को बचाने में भी सफल रही है। एक समय ऐसा था कि कांग्रेस पार्टी पूरब से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक छाई हुई थी। आज धीरे-धीरे कर एक एक राज्य कांग्रेस पार्टी के हाथ से निकलती चली जा रही है। कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी ने कांग्रेस पार्टी की गिरती साख को बचाने के लिए भारत जोड़ो के नाम पर लंबी यात्रा की। लेकिन अपनी इस यात्रा का कोई विशेष लाभ कांग्रेस पार्टी को नहीं दे पा रहे हैं। राहुल गांधी कांग्रेस पार्टी को मजबूती प्रदान करने के लिए न्याय यात्रा की शुरुआत की घोषणा की है। अब देखना यह है कि यह न्याय यात्रा कांग्रेस पार्टी को कितना मजबूत कर पाती है ?
लोकसभा सांसद राहुल गांधी को अदालत के एक फैसला के बाद संसद सदस्यता से आयोग घोषित कर दिया गया था । ‘मोदी सर नेम’ मानहानि केस में राहुल गांधी को दो साल की सजा सुनाई गई थी। हालांकि बाद में सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले पर स्टे लगा दिया, जिसके बाद राहुल गांधी एक बार फिर संसद सदस्य के रुपए अपनी सेवाएं जारी रखने के योग्य हो पाए हैं। राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा, न्याय यात्रा के नाम पर यात्रा तो जरूर कर रहे हैं। लेकिन उन्हें अपनी वाणी पर संयम नहीं है। वे जिस तरह के बयान बाजी कर रहे हैं, फलस्वरुप देश के विभिन्न न्यायालयों में उनके विरुद्ध मानहानि के मुकदमे भी दर्ज होते चले जा रहे हैं। वे खुद को भी कष्ट में डाल रहे हैं और कांग्रेस पार्टी की परेशानी का कारण भी बना रहे हैं।
विपक्षी पार्टियाँ ED और CBI के ख़ौफ़ में रही:
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को 26 फरवरी को CBI ने गिरफ्तार कर लिया। मनीष सिसोदिया की गिरफ्तारी शराब नीति से जुड़े मामले में की गई। फलस्वरुप सिसोदिया को अपनी गिरफ्तारी के बाद 1 मार्च 2023 को दिल्ली के डिप्टी सीएम पद से इस्तीफा देना पड़ा था। शराब कांड में ही आप सांसद संजय सिंह को भी जेल में बंद किया गया है। इसके बाद भी शराब कांड की लपटे कम नहीं हो रही हैं। इसी शराब कांड को लेकर ही ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को समन देकर अपनी बात रखने के लिए कहा है। लेकिन अभी तक अरविंद केजरीवाल ने अपना जवाब प्रस्तुत नहीं किया है। राजनीतिक गलियारे में चर्चा यह भी है कि केजरीवाल इस कांड से बच नहीं पाएंगे । अब देखना यह है कि आगे क्या होता है ? वहीं जमीन घोटाला और मनी लांड्रिंग के मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी ईडी ने पांच बार नोटिस जारी कर चुका है। ED के नोटिस के खिलाफ हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट और रांची हाई कोर्ट तक अपील की। लेकिन दोनों जगह से उन्हें मुंह की खानी पड़ी। इस मामले में अब आगे क्या होता है ? यह भी देखना बाकी है। आयकर छापे में कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद धीरज साहू के विभिन्न व्यावसायिक कार्यालयों से लगभग 500 करोड़ नगदी रुपयों की बरामदगी ने देशवासियों को हतप्रभ सा कर दिया है। इतनी बड़ी राशि की जब्ती की आवाज लोकसभा और में कई दिनों तक गूंजती रही। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भ्रष्टाचारियों को खिलाफ जो कहा, वह सच होता दिखाई पड़ रहा है।
लोकतंत्र में महिलाओं की 33 प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित:
इस वर्ष देश की संसद ने लोकसभा एवं राज्य की विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फ़ीसदी भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कानून पारित किया। यह भारतीय राजनीतिक इतिहास में एक अहम फैसला था। एनडीए सरकार ने इस बिल को बहुत ही मजबूती के साथ लोकसभा में प्रस्तुत किया। विपक्ष ने भी इस बिल को अपने स्वीकृति प्रदान की। फलत: यह बील लोकसभा से पारित हो गया। लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण मिले, यह बिल कई बार लोकसभा के सभा के समक्ष प्रस्तुत हुआ, लेकिन पारित नहीं हो पाया था। मोदी सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति और महिलाओं की राजनीति में पूर्ण सहभागिता के संकल्प से यह बिल पास हो पाया।
नया और भव्य संसद भवन देश को समर्पित:
20 मई 2023 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आधिकारिक तौर पर भारत के नए संसद भवन का उद्घाटन 18 जुलाई 2023 को विपक्षी दलों ने इंडिया गठबंधन का ऐलान किया इस गठबंधन का लक्ष्य 2024 के लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी की सरकार को सत्ता से बाहर करना है किया। हालांकि भारतीय इतिहास के इस सबसे गौरवशाली दिनों में से एक विवादों से अछूता न रहा। कुल बीस विपक्षी दलों ने उद्घाटन समारोह का बहिष्कार करने का फैसला किया। इस विरोध के बीच नई संसद भवन का विधिवत उद्घाटन हुआ। नरेंद्र मोदी की सरकार को 2024 के लोकसभा चुनाव में सत्ता से बाहर करने के लिए 18 जुलाई को विपक्षी दलों ने ने इंडिया गठबंधन का ऐलान किया। अब तक इसकी कई बड़ी बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन जो गठबंधन दिखना चाहिए, दिख नहीं रहा है। वर्ष के अंत में तृणमूल कांग्रेस की संसद महुआ मोइत्रा को पैसे लेकर सवाल पूछने के मामले में 8 दिसंबर को लोकसभा की आचार समिति की रिपोर्ट के आधार पर अनैतिक एवं अशोभनीय आचरण के लिए सदन की सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया है।