स्थानीय को निजी क्षेत्र में मिल रहा रोजगार : झारखंड सरकार

22जनवरी 2024 को मुख्यमंत्री हजारों हुनरमंद युवाओं को सौंपेंगे ऑफर लेटर।

स्थानीय को निजी क्षेत्र में मिल रहा रोजगार : झारखंड सरकार

राज्य के स्थानीय युवाओं को निजी क्षेत्र में 75 प्रतिशत नियोजन सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य सरकार लगातार आगे बढ़ रही है। इस कड़ी को और मजबूत करने के लिए मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन सोमवार (22जनवरी 2024) को 2500 युवाओं को निजी क्षेत्र में ऑफर लेटर सौपेंगे। खेलगाँव स्थित टाना भगत स्टेडियम में कौशल प्राप्त युवाओं को अरविंद टेक्सटाइल, किशोर एक्सपोर्ट, श्री गणपति क्रिएशन, अर्बन डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड, मैट्रिक्स क्लोथिंग, वेलेंसिया अपैरल्स एवं ओरिएंट क्राफ्ट टेक्सटाइल कंपनियों के लिए ऑफर लेटर सौंपा जायेगा। इससे पूर्व मुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमंडल स्तरीय रोजगार मेला का आयोजन कर करीब 56 हजार युवाओं को निजी क्षेत्र में ऑफर लेटर प्रदान किया जा चुका है।

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प्लांट्स के शुरू होने से कुल्ही गांव की बदली तस्वीर

हेमन्त सोरेन के प्रयासों का ही प्रतिफल है कि दिसंबर 2021 में राँची के ओरमांझी स्थित कुल्ही इंडस्ट्रियल एरिया में कई टेक्सटाइल प्लांट्स का शुभारम्भ किया गया था। आज उन प्रयासों से महज तीन वर्ष में 10 हजार से अधिक युवाओं को रांची में रोजगार मिला है। यहां स्थित कपड़े की फैक्ट्रियां न सिर्फ लोगों को रोजगार दे रही हैं, बल्कि उन्हें बेहतर सुविधाएं उपलब्ध करा रही हैं। यहां काम करने वालों में 90 प्रतिशत महिलाएं हैं। ये सभी युवा कुल्ही स्थित अरविंद टेक्सटाइल, किशोर एक्सपोर्ट, श्री गणपति क्रिएशन, अर्बन डिजाइन प्राइवेट लिमिटेड, मैट्रिक्स क्लोथिंग, वेलेंसिया अपैरल्स एवं ओरिएंट क्राफ्ट की अत्याधुनिक कपड़े की यूनिट्स में काम कर अपना जीवन यापन कर रहें हैं। जिस कुल्ही गाँव में सड़क नहीं थी आज मुख्यमंत्री की दूरदृष्टि ने कुल्ही गांव की तकदीर और तस्वीर दोनों ही बदल दी है। कुल्ही गांव रोशन है, लोगों को मूलभूत सुविधाएं भी मिल रही है। प्रत्येक घर में रोजगार है। यहां की महिलाएं पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहीं हैं।

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विभिन्न राज्यों से लाई गईं बेटियों और श्रमिकों को भी मिला रोजगार

इन उद्योगों में विभिन्न राज्यों में कार्य करने गई झारखण्ड की बेटियों को भी रोजगार से आच्छादित किया गया है। नियोजित बेटियां कोरोना संक्रमण काल में वापस लाई गईं थीं या विभिन्न राज्यों में कार्य के दौरान उन्हें बंधक बना कर कार्य लिया जा रहा था। ऐसी सभी बेटियों को मुख्यमंत्री के निर्देश पर वापस झारखण्ड लाकर नियोजित किया गया है। उत्तराखंड के नवनिर्मित टनल हादसे से सुरक्षित रेस्क्यू किए गए कुछ श्रमिकों को भी कुल्ही स्थित प्लांट्स में रोजगार उपलब्ध कराया गया है।

विदेशों में हो रहा वस्त्रों का एक्सपोर्ट

कुल्ही इंडस्ट्रियल एरिया में संचालित वस्त्र उद्योग में यहां के हुनरमंद युवाओं और विश्व स्तरीय मशीनों से विश्व विख्यात ब्रांड्स के कपड़े बनाए जा रहे हैं। रांची से पूरे देश एवं यूके, अमेरिका, जर्मनी समेत कई देशों में यहां के बने कपड़ों को एक्सपोर्ट किया जा रहा है। रांची से ही ब्रांडेड जिंस, पैंट, शर्ट, बच्चों के कपड़े, लेडिज वेयर, वुलेन वेयर, अंडर गार्मेंट्स आदि की डिमांड देश-विदेश में है। झारखण्ड में टेक्सटाइल इंडस्ट्री यहां की बेहतरीन नई टेक्सटाइल पॉलिसी और राज्य सरकार से मिल रहे समर्थन की वजह से काफी ग्रो करेगी, जिससे आने वाले कुछ वर्षों में कुल्ही की फैक्ट्रियों की क्षमता एक लाख लोगों को रोजगार देने की होगी।