देश में 75 हजार हेक्टेयर भूमि पर लगेंगे औषधीय पौधे
आयुष मंत्रालय ने अभियान शुरू किया, राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड (NMPB) ने इसका नेतृत्व किया। महाराष्ट्र में किसानों को 7500 औषधीय पौधे और यूपी में 750 औषधीय पौधे बांटे गए।
राष्ट्रीय औषधीय पौधा बोर्ड (NMPB), आयुष मंत्रालय ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में देश में औषधीय पौधों की खेती को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय अभियान शुरू किया है। इससे किसानों की आय बढ़ाने और हरित भारत के सपने को साकार करने में मदद मिलेगी। इस अभियान के तहत देश भर में अगले एक साल में 75,000 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय पौधों की खेती की जाएगी। कार्यक्रम की शुरुआत यूपी के सहारनपुर और महाराष्ट्र के पुणे से की गई है। आयुष मंत्रालय द्वारा ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आयोजित किए जा रहे कार्यक्रमों की श्रंखला में यह कार्यक्रम दूसरे नंबर पर है।
पुणे में किसानों को औषधीय पौधे वितरित किए गए। जो पहले से ही औषधीय पौधों की खेती कर रहे थे उन्हें सम्मानित किया गया। अहमदनगर जिले के पारनेर से विधायक नीलेश लंके, केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद (सीसीआरयूएम) के महानिदेशक डॉ. असीम अली खान और एनएमपीबी के उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सनवाल ने विभिन्न स्थानों से कार्यक्रमों का नेतृत्व किया।
डॉ. सनवाल ने कहा कि इस प्रयास से देश में औषधीय पौधों की आपूर्ति को और गति मिलेगी। इस अवसर पर 75 किसानों को कुल 7500 औषधीय पौधे वितरित किए गए। 75 हजार पौधे बांटने का लक्ष्य रखा गया है।
सहारनपुर में हुए इस कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री श्री धर्म सिंह सैनी के साथ राष्ट्रीय औषधीय पौधे बोर्ड (एनएमपीबी) के अनुसंधान अधिकारी सुनील दत्त और आयुष मंत्रालय के अधिकारियों ने भी भाग लिया। उत्तर प्रदेश के आयुष राज्य मंत्री धर्म सिंह सैनी ने औषधीय पौधों की खेती करने वाले किसानों को सम्मानित किया। आसपास के कई जिलों से आए 150 किसानों को औषधीय पौधे नि:शुल्क वितरित किए गए। इनमें मुख्य रूप से पौधों की 5 प्रजातियां शामिल हैं – रात में फूलने वाली चमेली (पारिजात), गोल्डन एप्पल (बेल), मार्गोसा ट्री (नीम), भारतीय जिनसेंग (अश्वगंधा) और भारतीय ब्लैकबेरी (जामुन)। किसानों को अलग से 750 जामुन के पौधे नि:शुल्क वितरित किए गए।
केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा है कि देश में औषधीय पौधों के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं और 75000 हेक्टेयर भूमि पर औषधीय पौधों की खेती से देश में दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित होगी और यह किसानों के लिए आय का एक बड़ा स्रोत होगा. इससे देश दवाओं के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा। गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल में भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में औषधीय पौधों का बाजार बड़े पैमाने पर बढ़ा है। यही कारण है कि अश्वगंधा अमेरिका में तीसरा सबसे ज्यादा बिकने वाला उत्पाद रहा है।
‘आज़ादी का अमृत महोत्सव’ के तहत आगे के कार्यक्रमों में वाई ब्रेक ऐप का शुभारंभ, रोगनिरोधी आयुष दवाओं का वितरण, ‘आयुष आपके द्वार’ और स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए व्याख्यान श्रृंखला शामिल है। 5 सितंबर को वाई ब्रेक एप पर लेक्चर सीरीज और वेबिनार का आयोजन किया जाना है।