किसी दूसरे व्यक्ति को जीवन दान से बड़ी मानवता की सेवा नहीं हो सकती: डॉ. मांडविया ने 13वें भारतीय अंग दान दिवस समारोह पर कहा
जीवन बचाने के लिए अंगदान करने वाले परिवारों को सम्मानित किया गया और अंगदान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अन्य को प्रोत्साहित किया गया।
मृत व्यक्तियों के परिवारों द्वारा अपने प्रियजनों के अंगदान करने के साहसिक निर्णय के लिए सम्मानित करने, मृत व्यक्ति के अंगदान करने के बारे में जागरूकता फैलाने और अंगदान तथा प्रत्यारोपण के क्षेत्र में काम करने वाले चिकित्सकों के योगदान को मान्यता प्रदान करने और उन्हें पुरस्कार देने के लिए 13वां भारतीय अंगदान दिवस (IODD) समारोह आयोजित किया गया था। इस अवसर पर केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया, केन्द्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार और प्रोफेसर एसपी सिंह बघेल तथा तमिलनाडु के स्वास्थ्य मंत्री श्री मा. सुब्रमण्यम भी उपस्थित थे।
सालाना 15,000 लोग अंगदान कर रहे हैं
सभा को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने कहा कि उन सभी लोगों के योगदान को पहचानना और उनकी सराहना करना आवश्यक है, जो इस प्रयास का हिस्सा रहे हैं। 2013 में लगभग 5000 लोग अपने अंग दान के लिए आगे आए। अब सालाना 15,000 से अधिक लोग अंगदान कर रहे हैं। केन्द्र सरकार ने देश में अंगदान बढ़ाने की दिशा में अनेक कदम उठाए हैं। उन्होंने कहा कि अंग दाताओं के लिए छुट्टी की अवधि 30 दिन से बढ़ाकर 60 दिन कर दी गई है, 65 वर्ष की आयु सीमा हटा दी गई है और अंगदान की प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित किया गया है। उन्होंने आगे कहा कि सरकार देश में अंग दान को लोकप्रिय बनाने के लिए और अधिक नीतियां और सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है। अंग दाताओं, उनके परिवार के सदस्यों और नागरिक समाज के सदस्यों के योगदान की सराहना करते हुए, डॉ. मांडविया ने उनकी प्रेरणा और समर्पण की सराहना की। इस संदर्भ में, मंत्री ने अंग प्राप्तकर्ताओं से इस महान सेवा को बढ़ावा देने और दूसरों को भी मानव जाति की सेवा के लिए अपने अंग दान करने के लिए प्रोत्साहित करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (NOTTO) का एक ई-समाचार पत्र, ट्रांसप्लांट मैनुअल और ट्रांसप्लांट कोऑर्डिनेटर कोर्स के लिए राष्ट्रीय पाठ्यक्रम जारी किया गया। आयोजन के दौरान, ICMAR के ‘मेक इन इंडिया’ उत्पाद जैसे नोवेल हीमोफिलिया ए रैपिड कार्ड टेस्ट और वॉन विलेब्रांड डिजीज रैपिड कार्ड टेस्ट’ और स्वास्थ्य और परिवार मंत्रालय के अंतर्राष्ट्रीय स्वास्थ्य विभाग के एक ईकेयर पोर्टल (ई-क्लीयरेंस ऑफ आफ्टर रीमेन्स) का भी केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने शुभारंभ किया।
E-Care पोर्टल:
जब किसी व्यक्ति की दूसरे देश में मृत्यु हो जाती है, तो मृतक के पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने के लिए बहुत सारी कागजी कार्रवाई और प्रक्रियाओं का सामना करना पड़ता है, जिससे परिवार और दोस्त हताश हो जाते हैं। इस मुद्दे की संवेदनशीलता को समझते हुए और न्यूनतम सरकार और अधिकतम शासन के सिद्धांत का पालन करते हुए, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार ने विभिन्न देशों से किसी व्यक्ति के पार्थिव शरीर को भारत लाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित और तेज करने के लिए ई-केयर (ई-क्लीयरेंस ऑफ आफ्टरलाइफ रीमेन्स) पोर्टल की शुरुआत की।
हीमोफिलिया ए और वॉन विलेब्रांड रोग डायग्नोस्टिक किट:
हीमोफिलिया ए और वॉन विलेब्रांड रोग विरासत में मिले दो सबसे आम आजीवन रक्तस्राव विकार हैं। सामान्य नैदानिक अभिव्यक्तियों में जोड़ों में रक्तस्राव, जिससे सूजन और दर्द होता है, त्वचा में रक्तस्राव (चोट लगना) या मांसपेशियों और कोमल ऊतकों में रक्तस्राव शामिल है। आईसीएमआर-नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ इम्यूनोहीमेटोलॉजी (आईसीएमआर-एनआईआईएच), मुंबई ने दुनिया में पहली बार; हीमोफीलिया ए और वॉन विलेब्रांड रोग के निदान के लिए एक किट विकसित किया है। वर्तमान किट से न केवल हमारे देश में बल्कि कई अन्य विकासशील देशों में रक्तस्राव विकारों के नैदानिक परिदृश्य को बदलने की संभावना है जहां नैदानिक सुविधाओं की या तो कमी है या स्वीकार्य मानकों के अनुरूप नहीं है।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने इस अवसर पर अंगदान करने वाले परिवारों, प्रत्यारोपण पेशेवरों, प्रत्यारोपण समन्वयकों, विश्व प्रत्यारोपण खेलों के एथलीटों और MyGov, एमओसीए (नागरिक उड्डयन मंत्रालय), दिल्ली पुलिस और इंडिगो एयरलाइंस की टीमों को भी सम्मानित किया।
अंगदान महोत्सव की शुरुआत :
ब्रेन स्टेम मृत्यु और अंगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाने, अंगदान से जुड़े मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने व देश के नागरिकों को मृत्यु के बाद अंगों और ऊतकों को दान करने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करने, साथ ही अंगदान के मूल्यों को अपने जीवन में अपनाने के लिए 2010 से हर साल भारतीय अंग दान दिवस (IODD) मनाया जाता है। अंग प्रत्यारोपण की मांग कम करने के लिए अभियान कार्यों में स्वस्थ जीवनशैली और कल्याण को बढ़ावा दिया गया है।
इस वर्ष आज़ादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में अंग दान के लिए जागरूकता अभियान “अंगदान महोत्सव” शुरू किया गया है। केन्द्र सरकार के मंत्रालयों, राज्य/केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार/अस्पतालों/संस्थानों और मेडिकल कॉलेजों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य हितधारकों की भागीदारी के साथ अंगदान महोत्सव पूरे देश में शहर से लेकर गांव स्तर तक मनाया जा रहा है। अभियान के तहत जुलाई 2023 को अंगदान माह के रूप में मनाया गया। भारत सरकार के डिजिटल प्लेटफॉर्म, माईगव के माध्यम से अंग और ऊतक दान को बढ़ावा देने की दिशा में राष्ट्रीय वेबिनार, साइक्लोथॉन, वॉकथॉन, अंग दान प्रतिज्ञा और राष्ट्रीय स्लोगन प्रतियोगिता जैसी विभिन्न गतिविधियां शुरू की गई हैं।
एक व्यक्ति 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है
दान किया गया प्रत्येक अंग बहुमूल्य, जीवनरक्षक और एक राष्ट्रीय संसाधन है। एक व्यक्ति अपनी मृत्यु के बाद किडनी, लीवर, फेफड़े, हृदय, अग्न्याशय और आंत जैसे महत्वपूर्ण अंगों का दान करके 8 लोगों को नया जीवन दे सकता है और कॉर्निया, त्वचा, हड्डी और हृदय वाल्व आदि जैसे ऊतकों का दान करके कई लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार कर सकता है। 13वें IODD प्रत्यारोपण के लिए अंगों की आवश्यकता वाले लोगों की संख्या और दाताओं की संख्या के बीच मौजूदा अंतर को पाटने के लिए लोगों को अंग दान करने के लिए प्रेरित करने का एक अवसर है। लोगों को एक नेक काम के लिए आगे आने और इस राष्ट्रीय प्रयास में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। अंग दान और प्रत्यारोपण के बारे में किसी भी जानकारी के लिए कोई भी NOTTO की वेबसाइट www.notto.mohfw.gov.in पर जा सकता है या टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 180114770 पर कॉल कर सकता है। ऑनलाइन संकल्प सुविधा उपरोक्त NOTTO वेबसाइट और https://pledge.mygov.in/organ-donation/ पर भी उपलब्ध है।
इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवाओं के महानिदेशक डॉ. अतुल गोयल, NOTTO के निदेशक डॉ. अनिल कुमार, अंग दान करने वाले परिवार, अंग प्राप्तकर्ता, छात्रों के साथ-साथ स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।