चुनाव आयोग आज करेगा बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान

चुनाव आयोग आज करेगा बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान

पटना : आज दोपहर 12.30 बजे चुनाव आयोग करेगा बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान। देश में कोरोनावायरस महामारी के दौर में यह पहला बड़ा चुनाव होगा।

बता दें कि 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा का कार्यकाल 29 नवंबर को समाप्त हो रहा है. संभावना जताई जा रही है कि चुनाव अक्टूबर के मध्य में कराए जाएंगे। वहीं, इस बात की भी संभावना है कि चुनाव कई चरण में होंगे। बीजेपी के साथ सरकार चला रहे नीतीश कुमार चौथी बार सत्ता में आने के लिए चुनाव लड़ेंगे, हालांकि, ये चुनाव उनके लिए हर बार से कुछ ज्यादा चुनौतीपूर्ण रहने वाले हैं।

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कोरोनावायरस और गिरती अर्थव्यवस्था के चलते बिहार में रोजगार और बेहतर सुविधाओं का मुद्दा फ्रंट पर है। कोरोनावायरस लॉकडाउन के चलते लाखों संख्या में लोगों का रोजगार चला गया है। लॉकडाउन के दौरान बिहार के मजदूर बड़ी संख्या में बड़ी मुश्किलों से वापस लौटे थे। उस वक्त नीतीश कुमार सरकार की शुरुआती निष्क्रियता की जमकर आलोचना हुई थी, वहीं विपक्ष ने उन्हें खूब घेरा था। इसके अलावा इस साल के बाढ़ ने भी लोगों के लिए मुश्किलों खड़ी की हैं, ऐसे में देखना होगा कि इन चुनौतियों के बीच क्या फिर से सत्ता में वापसी करेंगे?

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चुनाव आयोग ने इसके पहले 4 सितंबर को घोषणा करके बताया था कि उसने बिहार विधानसभा चुनाव के लगभग साथ ही 65 लंबित उपचुनावों को भी कराने का फैसला किया है। ऐसे में हो सकता है कि आज ही उपचुनावों की तारीखों का भी ऐलान हो।

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महामारी की वजह से कई विपक्षी पार्टियां चुनाव टालने की बात कह रही थीं। बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की सहयोगी पार्टी ने जुलाई में चुनाव आयोग से आग्रह किया था,कि कोरोनाकाल में चुनाव टाल दे। कोविड-19 के संक्रमण के डर के दौरान इतने बड़े पैमाने पर चुनाव कराना खतरे भरा हो सकता है। इसके पहले बिहार में चुनाव कराने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट भी पहुंच चुका है। हालांकि, शीर्ष अदालत ने मामले में दाखिल की गई याचिका को खारिज करते हुए कहा था कि कोविड के आधार पर चुनावों पर रोक और चुनाव आयोग की शक्तियों में दखल नहीं दिया जा सकता।सुनवाई कर रही बेंच ने कहा था कि कोविड के आधार पर चुनावों को टाला नहीं जा सकता, खासकर तब जब चुनाव आयोग की ओर से कोई अधिसूचना ही जारी नहीं की गई है। यह अदालत चुनाव आयुक्त को नहीं बता सकती कि उन्हें क्या करना है, वो खुद इन मामलों पर विचार करेंगे।