देशभर में भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन और जनादेश के अपमान की साजिश बेनकाब हो चुकी है- रामेश्वर उराँव ।

पहले मणिपुर,कर्नाटक और महाराष्ट्र में क्या हुआ,सबने देखा। मध्यप्रदेश में तो भाजपा ने सारी हद को पार कर कोरोना संकटकाल में प्रजातांत्रिक मूल्यों की अवहेलना कर सरकार को गिरा दिया गया।

देशभर में भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन और जनादेश के अपमान की साजिश बेनकाब हो चुकी है- रामेश्वर उराँव ।

झारखंड में भी इसी तरह की कोशिश :

रांची, 15 जुलाई 2020ः रांची। झारखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष -सह- राज्य के वित्त एवं खाद्य आपूर्ति मंत्री डॉ. रामेश्वर उरांव ने कहा है कि देशभर में भाजपा द्वारा लोकतांत्रिक मूल्यों के हनन और जनादेश के अपमान की साजिश बेनकाब हो चुकी है। डॉ. उरांव आज रांची स्थित अपने आवास में पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी लगातार लोकतांत्रिक मूल्यों का हनन कर रही है। जनता द्वारा खारिज कर दिये जाने के बाद चुनी हुई सरकार को अपदस्त करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि पहले मणिपुर,कर्नाटक और महाराष्ट्र में क्या हुआ,सबने देखा। मध्यप्रदेश में तो भाजपा ने सारी हद को पार कर कोरोना संकटकाल में प्रजातांत्रिक मूल्यों की अवहेलना कर सरकार को गिरा दिया गया। संविधान में बिना विधानमंडल का सदस्य निर्वाचित हुए मंत्री बनने का प्रावधान जरूर किया गया है वो भी इक्का दुक्का, लेकिन मध्य प्रदेश में 12 ऐसे मंत्री बनाये गये है, जो विधानमंडल के सदस्य नहीं है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान में भी सरकार गिराने की कुत्सित कोशिश की गयी, भाजपा ने एक व्यक्ति को माध्यम बनाकर सरकार गिराने की भरपूर प्रयास की गयी परंतु सफलता नहीं मिली,झारखंड में भी इसी तरह की कोशिश की जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्यसभा चुनाव के दौरान भी इसी तरह की कोशिश की गयी थी, पैसा और पद देने की पेशकश के बदौलत सरकार बनाने का षड़यंत्र रचा गया। लेकिन कांग्रेस और सत्तारूढ़ गठबंधन के सभी विधायक एकजुट है। कांग्रेस विधायकों ने लाठी-डंडा खाकर और वर्षों तक जनता की सेवा के बाद चुनाव जीत कर आये है, कांग्रेस विधायक बिकाऊ नहीं, टिकाऊ है, भाजपा की साजिश कभी सफल होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा का यह चरित्र रहा है कि पैसा और पद का प्रलोभन से इंकार करने के बाद विभिन्न जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर डराने-धमकाने की भी कोशिश की जाती है, लेकिन इससे भी पार्टी नेता डरने वाले नहीं है। पूर्व में भी कई उदाहरणों में डराने-धमकाने की कोशिश सामने आयी है, यहां तक कि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता प्रियंका गांधी, राहुल गांधी और अहमद पटेल तक तक को नहीं छोड़ा गया।