नहीं रहे पहले पहले प्यार को आवाज देनेवाले एसपी बालासुब्रमण्यम,कोरोना से संक्रमित थे आज निधन हुआ
एसपी बालासुब्रमण्यम का जन्म 4 जून 1946 को आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के मूलपेट मेंहुआ में हुआ था। पिता हरिकथा कलाकार थे।
नवीन शर्मा
हिंदी सिनेमा के दर्शकों का प्रसिद्ध गायक एसपी बालासुब्रमण्यम से परिचय तब हुआ जब कमल हासन की हिंदी में पहली फिल्म एक दूजे के लिए से हुआ था। उसका गीत हम बने तुम बने एक दूजे के लिए जबर्दस्त हिट हुआ था।
एसपी ने सलमान खान की डेब्यू फिल्म #मैंनेप्यारकिया में सलमान के लिए गीत गाए थे। हालांकि सलमान एकदम नौजवान थे और एसपी मैच्योर आवाज वाले थे। इसके बावजूद एसपी की आवाज #सलमान के साथ ऐसी मैच हुई की तहलका मच गया। फिल्म जबरदस्त हिट हुई। इस कामयाबी में गीतों का बहुत महत्वपूर्ण योगदान था। इसका गाना दिल दिवाना बिन सजना के माने ना..काफी लोकप्रिय हुआ था। मेरे रंग में रंगने वाली… भी बेहतरीन गानों में से एक हैं।मैने प्यार किया का ही गाना आजा शाम होने आयी.. सलमान खान के हिट गानों में से एक है जिसे एस पी बालासुब्रमण्यम ने अपनी आवाज दी थी।
वो पहली नजर हल्का सा असर
सलमान #salman_khan की अगली कई फिल्मों में भी एसपी ने ही गाने गाए थे। हम आपके हैं कौन फिल्म की शुरूआत ही इसके टाइटल ट्रैक से होती है। फिल्म का ये गाना भी बहुत ही बड़ा हिट था।
हम आपके हैं कौन का गाना पहला पहला प्यार है…बहुत ही प्यारा सा रोमांटिक गीत था। यह एस पी बालासुब्रमण्यम की अनूठी आवाज में था।
साथिया ये तूने क्या किया
सलमान खान और रेवती की फिल्म “लव” हालांकि ज्यादा सफल नहीं रही थी पर उस फिल्म का गाना साथिया ये तुने क्या किया… एक मधुर रोमांटिक गीतों में शुमार है।
कभी तू छलिया लगता
पत्थर के फूल का गाना कभी तू छलिया लगता है.. सलमान खान और रवीना टंडन पर फिल्माया गया था। फिल्म का ये गाना इतना हिट हुआ था कि लोगो की जुबां पर छा गया था।
साजन फिल्म का गाना तुमसे मिलने की तमन्ना है.. तो याद होगा आपको , जो साजन के बेहतरीन गानों में से एक था और बहुत ही हिट गाना था। इसे भी एस पी बालासुब्रमणयम ने आवाज दी थी।
जीवन का सफर
एसपी बाला सुब्रमण्यम का जन्म 4 जून 1946 को आंध्र प्रदेश में नेल्लोर के मूलपेट मेंहुआ में हुआ था। पिता हरिकथा कलाकार थे। हरिकथा पांरपरिक कलाशैली है जिसमें कहानी, कविता, डांस, ड्रामा जैसी विधाएं शामिल हैं। इसमें धार्मिक प्रस्तुतियां ज्यादा होती हैं। एसपी के पिता नाटकों में काम करते थे। उनके दो भाई और पांच बहन हैं। एक बहन एसपी शैलजा भी गायिका हैं।
इंजीनियर नहीं बन पाए
एसपी बालासुब्रमण्यम की ख्वाहिश इंजीनियर बनने की थी। उन्होंने आंध्रप्रदेश में अनंतपुर की जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी में दाखिला भी ले लिया। लेकिन जिंदगी ने उसे एक झटका दिया। उनकी तबियत खराब हो गई। बीमारी ज्यादा गंभीर तो नहीं थी लेकिन कुछ ज्यादा ही लंबी खींच गई और उन्हें इंजीनियरिंग का कोर्स छोड़ना पड़ा।
खैर, इंजीनियरिंग की पढ़ाई से पहले और ‘रेग्यूलर’ पढ़ाई छोड़ने के बाद भी एसपी बालसुब्रमण्यम संगीत की शिक्षा लेते रहे। 1964 में उन्हें ‘एम्चयोर’ गायक के तौर पर एक ‘कॉम्पटीशन’ में पहला इनाम मिला। इसके बाद गायकी का करियर आगे बढ़ता चला गया। दक्षिण भारत के दिग्गज कलाकारों के साथ काम करते करते उन्होंने अपने गायकी के करियर को भी संजीदगी से लिया। नतीजा अगले दो साल में ही यानि जब वो करीब 20 साल के थे उन्हें फिल्म में गाने का मौका मिल गया। जाहिर है, गाना उनकी मातृभाषा तेलुगू में था। उसके आठ दिन बाद कन्नड़ में गाना गाया। पहला तमिल गाना 1969 में गाया
आज उस गायक के पास देश का तीसरा सबसे बड़ा सम्मान पद्मभूषण है। उसे छह बार राष्ट्रीय पुरस्कारों से नवाजा गया है। उसके नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में रिकॉर्ड दर्ज है। फिर भी उसके जीवन में एक कमी है- वो कमी है इंजीनियरिंग की एक अदद डिग्री की।
“एक दूजे के लिए” से हिंदी सिनेमा में इंट्री
तमिल फिल्म इंडस्ट्री के बड़े नाम के बालाचंदर हिंदी की फिल्म को डायरेक्ट कर रहे थे। इस फिल्म का सबसे दिलचस्प पहलू ये था कि इसी फिल्म के साथ कमल हासन की हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में ‘एंट्री’ हो रही थी। फिल्म थी ‘एक दूजे के लिए’ जो सिर्फ कमल हसन के लिए ही नहीं बल्कि रति अग्निहोत्री और एसपी बालसुब्रमण्यम के लिए भी पहली हिंदी फिल्म थी।
फिल्म का संगीत लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने तैयार किया था। एक दक्षिण भारतीय गायक से हिंदी गाना गवाने का जो सहज शुरुआती डर संगीतकारों के मन में होता है जो एलपी के नाम से मशहूर इस जोड़ी को भी था। परेशानी ये थी कि डायरेक्टर ने पहले ही लक्ष्मीकांत प्यारेलाल को सहेज दिया था कि इस फिल्म में ‘मेल’ आवाज तो एसपी बालसुब्रमण्यम की ही होगी। ये अलग बात है कि जब एसपी ने माइक थामा और इस फिल्म के गाने गाए तो उनकी लोकप्रियता ने तमाम कीर्तिमान स्थापित किए। इस फिल्म में सिर्फ एक गाना था जिसके लिए लक्ष्मीकांत प्यारेलाल ने अनूप जलोटा की आवाज इस्तेमाल की बाकि सभी गाने एसपी बालसुब्रमण्यम ने ही गाए। तेरे मेरे बीच में, हम बने तुम बने जैसे गाने आज भी सुपरहिट हैं।
पहला राष्ट्रीय पुरस्कार मिला
एक दूजे के लिए फिल्म को फिल्मफेयर अवॉर्ड की 13 कैटेगरी में नॉमिनेट किया गया था। इसमें से तीन कैटेगरी में इसने अवॉर्ड जीता भी, सर्वश्रेष्ठ एडिटिंग, सर्वश्रेष्ठ लिरिक्स और सर्वश्रेष्ठ स्क्रीनप्ले के लिए फिल्म एक दूजे के लिए को अवॉर्ड मिला। एसपी बालसुब्रमण्यम को ‘तेरे मेरे बीच’ गाने के लिए नॉमिनेट जरूर किया गया था लेकिन उन्हें अवॉर्ड मिला नहीं। इसकी भरपाई हुई राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार से जो उन्हें इसी फिल्म में ‘प्लेबैक सिंगिग’ के लिए मिला। हिंदी में पहली फिल्म और पहली ही फिल्म में राष्ट्रीय पुरस्कार।
गिनिज बुक में नाम दर्ज कराया
एसपी बालसुब्रमण्यम ने आठ फरवरी 1981 को एक अद्भुत काम किया। उन्होंने सुबह नौ बजे से रात नौ बजे के बीच कन्नड़ में 21 गाने रिकॉर्ड किए। तमिल में वो एक दिन में 19 और हिंदी में 16 गाने रिकॉर्ड कर चुके हैं। एक समय वो इस कदर व्यस्त थे कि 15-16 गाने प्रति दिन रिकॉर्ड करना रूटीन की तरह हो गया था। उन्होंने कमल हासन जैसे मशहूर कलाकार के लिए डबिंग भी की। एक दिन में सबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड करने का रिकॉर्ड भी उन्होंने उसी दौर में बनाया
इसी दौरान एसपी बालसुब्रमण्यम ने सावित्री से शादी की। उनके दो बच्चे हैं। बेटी पल्लवी और पुत्र पीबी चरण, जो प्लेबैक सिंगर और फिल्म निर्माता हैं।
हिंदी में गायन के लिए मेहनत की
।एसपी बालसुब्रमण्यम ने हिंदी फिल्मों में अपनी गायकी को गंभीरता से लेना शुरू किया। अगर कोई गाना कठिन लगता था तो वो 8-10 दिन का समय लेकर उसे तैयार करते थे। अगर प्रोड्यूसर को जल्दी है तो वो पूरी सहजता से गाने से इंकार कर देते थे। बाद में वो राजश्री फिल्म्स के लिए सलमान खान की आवाज बने।
इसके बाद हिंदी फिल्मों से उन्होंने दूरी बना ली। करीब डेढ़ दशक के लंबे अंतराल के बाद उन्होंने 2013 में आई फिल्म चेन्नई एक्सप्रेस का टाइटल गाना गाया।
आइसक्रीम, दही चावल और ठंडे पानी के शौक़ीन
एसपी खुद ही बताते हैं कि वो सिगरेट पीते हैं। कभी कभार शराब भी। आइसक्रीम, दही चावल और ठंडे पानी के बिना वो रह नहीं सकते हैं। ऐसे में नए गायक उन्हें अपना आदर्श ना मानें क्योंकि ये सारी ही आदतें एक अच्छे गायक में नहीं होनी चाहिए। एसपी बालसुब्रमण्यम की ये बात उनकी सहजता दर्शाती है।