राज्य मंत्रिपरिषद का फैसला अव्यवहारिक : राजेश कुमार गुप्ता
रांची। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने कहा है कि वैश्विक महामारी कोरोना(कोविड-19) से बचाव और रोकथाम के मद्देनजर राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट में पारित झारखंड संक्रामक रोग अध्यादेश- 2020 अव्यवहारिक है। यह विधेयक जनहित में नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा है कि इस प्रस्ताव की मंजूरी के बाद इसका पुलिस व प्रशासनिक स्तर पर व्यापक दुरुपयोग होगा। मास्क नहीं पहनना, सार्वजनिक स्थलों पर छह फीट की शारीरिक दूरी(सोशल-फिजिकल डिस्टेंस) न बनाए रखना और सार्वजनिक स्थानों पर थूकना जुर्म की श्रेणी में शामिल होगा। इसके लिए दो साल तक की कैद और एक लाख तक का जुर्माना का प्रावधान सरकार द्वारा किया गया है। यह न्यायसंगत नहीं जान पड़ता है।
श्री गुप्ता ने कहा कि इस अध्यादेश से राज्य के पिछड़े,दलित, आदिवासी समुदाय का पुलिस द्वारा आर्थिक शोषण बढ़ेगा। इतनी भारी-भरकम राशि बतौर जुर्माना लगाने से गरीब तबके के लोगों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने राज्य सरकार को सलाह देते हुए कहा कि विधेयक में यह प्रावधान किया जाना चाहिए कि बिना मास्क लगाए पैदल चलने वालों से एक हजार,बाइक पर बिना मास्क लगाए चलने वालों से दो हजार और बिना मास्क के कार से चलने वाले लोगों से पांच हजार का आर्थिक जुर्माना वसूला जाएगा।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा झारखंड सरकार से मांग करती है कि पिछड़े वर्गों के साथ-साथ गरीबों के हितों को भी ध्यान में रखते हुए इस अध्यादेश को संशोधित किया जाए। ताकि कोरोना संक्रमण पर नियंत्रण भी हो और जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ भी पड़े।