रेल कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषित करने के लिए ट्वीट के जरिए मांग: मिथलेश
कोरोना महामारी के दौरान जितने रेलकर्मी कोविड पॉजिटिव होने से उनकी मृत्यु हो गयी उनके आश्रितों को 50 लाख रुपए की मुआवजा।
गया :ऑल इंडिया रेलवे मेंस फेडरेशन द्वारा भारत सरकार से मांग की है कि कोरोना महामारी के दौरान जितने रेलकर्मी कोविड पॉजिटिव होने से उनकी मृत्यु हो गयी उनके आश्रितों को 50 लाख रुपए की मुआवजा तथा एक आश्रित को उसकी योग्यता अनुसार बिना परिक्षा लिए रेल में नियुक्ति प्रदान की जाए। इसी को लेकर फेडरेशन के महामंत्री कॉम शिव गोपाल मिश्रा के द्वारा आहूत ट्विटर डे जो कि केंद्र सरकार की दोहरी नीति के खिलाफ सभी रेलवे कर्मचारियों की ओर से आयोजित की गई है। एक और भारत के प्रधानमंत्री रेलवे कर्मचारियों को करोना काल में अपने बहुमूल्य योगदान के लिए करोना योद्धा की संज्ञा देते हैं, तो दूसरी ओर रेलवे बोर्ड या भारत सरकार विषम परिस्थितियों में भी कार्य करने वाले रेल कर्मचारियों को कोरोना वारियर्स घोषित नहीं करते जिसके कारण रेलवे कर्मचारियों को बहुत सारी कोरोना काल में दिए जाने वाले सुविधाएं नहीं मिल पा रही है। जैसा की सर्वविदित है की कोरोना के टीकाकरण के लिए भी रेलवे कर्मचारियों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। जबकि करोना वारियर्स को सभी सुविधाएं तत्काल देय है। इसी क्रम में ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन हाजीपुर के महामंत्री कॉमरेड एसएनपी श्रीवास्तव के आवाहन पर पंडित दीनदयाल उपाध्याय मंडल में भी भारत के प्रधानमंत्री ,रेल मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री के अलावे कामरेड शिव गोपाल मिश्रा एवं कॉमरेड एसएनपी श्रीवास्तव को आज लगभग 6000 की संख्या में ट्वीट किया गया जिसका ट्रेडिंग 18 हजार था । ईसीआर के यू के गया शाखा में भी कॉमरेड मिथलेश कुमार एवं शाखा सचिव विजय कुमार के आवाहन पर बहुत सारे रेल कर्मचारियों ने उत्साह पूर्वक आगे बढ़कर अपने अधिकार एवं हक के लिए भारत सरकार के प्रधानमंत्री एवं रेल मंत्री को ट्वीट किया की रेलवे कर्मचारियों को भी स्वास्थ्य कर्मियों, पुलिसकर्मियों की तरह कोरोना वारियर्स घोषित किया जाए। इसकी अभूतपूर्व सफलता पर कर्मचारियों एवं यूनियन पदधिरियों को महामंत्री, ईस्ट सेंट्रल रेलवे कर्मचारी यूनियन कॉम एस एन पी श्रीवास्तव ने धन्यवाद अर्पित किया है।