शिव सिर्फ नाम के नहीं, काम के गुरू हैं – बरखा सिन्हा
शिव शिष्य परिवार की उपाध्यक्ष बरखा सिन्हा ने पलामू जिला के पाटन व मनातू प्रखंड के भ्रमण के दौरान उपस्थित लोगों के बीच शिव गुरू की शिष्यता और प्रकृति के संरक्षण पर चर्चा की।श्रीमती बरखा सिन्हा ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं।

डाल्टेनगंज : शिव शिष्य परिवार की उपाध्यक्ष बरखा सिन्हा ने पलामू जिला के पाटन व मनातू प्रखंड के भ्रमण के दौरान उपस्थित लोगों के बीच शिव गुरू की शिष्यता और प्रकृति के संरक्षण पर चर्चा की।श्रीमती बरखा सिन्हा ने कहा कि शिव केवल नाम के नहीं अपितु काम के गुरू हैं। शिव के औढरदानी स्वरूप से धन, धान्य, संतान, सम्पदा आदि प्राप्त करने का व्यापक प्रचलन है, तो उनके गुरू स्वरूप से ज्ञान भी क्यों नहीं प्राप्त किया जाय? किसी संपत्ति या संपदा का उपयोग ज्ञान के अभाव में घातक हो सकता है। श्रीमती बरखा ने कहा कि शिव जगतगुरू हैं। अतएव जगत का एक-एक व्यक्ति चाहे वह किसी धर्म, जाति, संप्रदाय, लिंग का हो, शिव को अपना गुरू बना सकता है। शिव का शिष्य होने के लिए किसी पारम्परिक औपचारिकता अथवा दीक्षा की आवश्यकता नहीं है। केवल यह विचार कि ‘‘शिव मेरे गुरू हैं’’ शिव की शिष्यता की स्वमेव शुरूआत करता है। इसी विचार का स्थायी होना हमको आपको शिव का शिष्य बनाता है। उन्होंने आगे कहा कि अंधविश्वास और अफवाहें सचमुच में एक व्याधि है, जिसके निदान के लिए सबों को सजग रहना होगा और समाज में जागरूकता फैलानी होगी। सही गुरू का सानिध्य व्यक्ति को अंधविश्वासों से मुक्त करता है। समाज में फैली कुरीतियों, कुसंस्कारों, अंधविश्वासों, अफवाहों के प्रति स्वच्छ जागरूकता पैदा करना एक-एक व्यक्ति का नैतिक कर्त्तव्य है। उन्होंने प्रकृति पर बोलते हुए कहा कि शिव प्रकृति का अयन करते हैं और शिव शिष्य होने के नाते हम सबों का यह कर्तव्य है कि हम प्रकृति की रक्षा करें। अधिक से अधिक पेड़ लगाएं और उसे संरक्षित करें।