"ग्रामीण सेलिब्रेटिंग डेवलपमेंट" क्लासिक एक्सपो के दूसरे संस्करण का आयोजन होटल  रैडिसन ब्लू में 

ग्राहकों को लुभा रही हस्तशिल्प कलाकृतियां व रेशमी उत्पादों की विस्तृत रेंज । झारखंड का कुचाई व भगेया सिल्क से बने परिधान भी उपलब्ध 

"ग्रामीण सेलिब्रेटिंग डेवलपमेंट" क्लासिक एक्सपो के दूसरे संस्करण का आयोजन होटल  रैडिसन ब्लू में 

रांची: द इंडियन स्टोर द्वारा नाबार्ड, झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय के सहयोग से होटल रैडिसन ब्लू में क्लासिक एक्सपो के दूसरे संस्करण 'ग्रामीण सेलिब्रेटिंग डेवलपमेंट' का आयोजन किया जा रहा है।  राष्ट्रीय स्तर की यह प्रदर्शनी सह बिक्री होटल रेडिसन ब्लू में 15 सितंबर तक जारी रहेगी।
क्लासिक एक्सपो में भारत की  बेहतरीन हस्तशिल्प की कलाकृतियां और रेशमी उत्पादों की  प्रदर्शनी ग्राहकों का मन मोह रही है।

लघु एवं कुटीर उद्योगों को विकसित करना  द इंडियन स्टोर का मुख्य लक्ष्य: नंदिनी गुप्ता 

 इस संबंध में सोमवार को होटल रेडिसन ब्लू में द इंडियन स्टोर की एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर नंदिनी गुप्ता ने पत्रकारों को बताया कि क्लासिक एक्सपो के आयोजन का का उद्देश्य भारतीय हस्तशिल्प की कलाकृतियों और रेशमी उद्योगों की समृद्ध विरासत का सम्मान करते हुए प्रचार-प्रसार करना है।
 विभिन्न राज्यों के कारीगरों (हस्तशिल्पियों)  को अपनी शानदार कृतियों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक मान्यता प्राप्त मंच प्रदान करना है।
 श्रीमती गुप्ता ने बताया कि प्रदर्शनी में पारंपरिक और समकालीन हस्तशिल्प की कृतियों और रेशमी उत्पादों की  विस्तृत श्रृंखला उपलब्ध कराने का एक प्रयास किया गया है, जो भारतीय बुनकरों की बेहतरीन कारीगरी और कलात्मकता का प्रतीक है। 
 इस एक्सपो में महाराष्ट्र की पेठानी साड़ियों, ओडिशा की सांबलपुरी साड़ियां, मध्य प्रदेश की महेश्वरी साड़ियां, पश्चिम बंगाल की बलुचरी साड़ियां, तमिलनाडु की कांचीवारम साड़ियों, बैंगलोर सिल्क, इलकल साड़ियां, मैसूर सिल्क साड़ियां, उडुपी कॉटन साड़ियां, मोलकलमुरु साड़ियों, गुलेडगुड़ खना, पट्टेडा अंचू, कसूती, संदूर लम्बानी कढ़ाई कर्नाटक से। गुजरात की पाटन पटोला, छत्तीसगढ़ का कोसा सिल्क, झारखंड की कूचाई और भगेया सिल्क, असम का मुगा सिल्क, उत्तर प्रदेश का चिकनकारी और बनारसी सिल्क, कश्मीर और लद्दाख का पश्मीना सहित देशभर से अन्य हस्तशिल्प सामग्री  प्रदर्शित की गई है। यह भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत दर्शाता है। 
 एक्स्पो में  टिकमगढ़ (मध्य प्रदेश) से बर्तन, गोरखपुर (उत्तर प्रदेश) से टेराकोटा, देवघर (झारखंड की लकड़ी की बनी चूड़ियां, जयपुर (राजस्थान) से मोजरी और घर की सजावट के लिए कई अनूठी वस्तुएं प्रदर्शित और बिक्री के लिए उपलब्ध है।
 यह एक्सपो  पारंपरिक साड़ियों और कपड़ों से लेकर समकालीन फैशन  का अनुभव और खरीदारी करने का एक अनूठा अवसर प्रदान करेगा। 
उन्होंने कहा कि द इंडियन स्टोर भारत की विविध कलाकृतियों और रेशमी परंपराओं को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से प्रचारित करने के लिए समर्पित है।
 एक्स्पो में नाबार्ड के सहयोग से सतत विकास और सांस्कृतिक धरोहर को संजोने के प्रति उनकी प्रतिबद्धता स्पष्ट होती है।

ऐसे आयोजन से  सामाजिक सशक्तिकरण को मिलता है बढ़ावा : गायत्री सिंह 

  इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आईएएस ऑफिसर्स वाइव्स एसोसिएशन की सचिव गायत्री सिंह ने कहा कि ऐसे आयोजनों से सामाजिक सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलता है। लघु एवं कुटीर उद्योगों को एक सशक्त मंच मिलता है, जहां वह अपने उत्पादों की बिक्री और प्रदर्शनी कर आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर हो सकते हैं। श्रीमती सिंह ने क्लासिक एक्सपो के सफल आयोजन के लिए आयोजकों सहित सभी हस्तशिल्पियों, कारीगरों, बुनकरों व लघु उद्यमियों को शुभकामनाएं दी।