शिव शिष्यता के जनक साहब श्री हरीन्द्रानंद जी की द्वितीय पुण्यतिथि पर उमड़ा शिव-शिष्यों का सैलाब 

देश-विदेश के शिव-शिष्य हुए शामिल, किया श्रद्धासुमन अर्पित 

शिव शिष्यता के जनक साहब श्री हरीन्द्रानंद जी की द्वितीय पुण्यतिथि पर उमड़ा शिव-शिष्यों का सैलाब 

रांची:  शिव शिष्यता के जनक और इस कालखंड के प्रथम शिव शिष्य साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी की द्वितीय पुण्य तिथि बुधवार (04 सितम्बर) को शिव शिष्यों द्वारा पुण्य स्मृति दिवस के रूप में मनाई गई।


 इस मौके पर पुराना विधानसभा मैदान हजारों श्रद्धालुओं की उपस्थिति का साक्षी बना। जीवित रहते हुए किंवदंति बन चुके साहब हरीन्द्रानन्द जी ने सामान्य जनमानस को शिव के गुरू स्वरूप से जोड़ने के लिए लगभग आधी सदी से लोगों को प्रेरित किया। समाज को आइना दिखाते हुए उन्होंने बताया की शिव घर-घर के बाबा है, जैसे चंदा मामा सबके मामा हैं। भगवान शिव से हम सभी संतान, पैसा, परिवार, प्रसिद्धि, ऐश्वर्य मांगते हैं, उनसे ज्ञान कोई नहीं मांगता। वह पंचानन, सदाशिव, दक्षिणामूर्ति विश्व गुरु हैं, उन्हें जगत गुरू कहा गया है। हमारे शास्त्र अटे पड़े हैं शिव के गुरू स्वरूप की महिमा से।
भारत के विभिन्न राज्यों से आए लोगों ने वरेण्य गुरुभ्राता की द्वितीय पुण्य स्मृति दिवस में भाग लिया। विभिन्न राज्यों सहित नेपाल, आदि अन्य देशों से कई लोग आए।विदित हो कि हृदय संबंधी रोग की वजह से  04 सितम्बर 2022 को साहब शिवलीन हुए।

वरेण्य गुरुभ्राता का संदेश युगों-युगों तक बना रहेगा प्रेरणास्रोत : अर्चित आनंद 

बिहार के सिवान जिले के अमलोरी ग्राम में 31 अक्टूबर सन 1948 को साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी का जन्म हुआ था। इनकी कर्मभूमि भी बिहार रही। जीवन के उतरार्ध में ये झारखंड आ गये। वरेण्य गुरुभ्राता हरीन्द्रानन्द जी की व्यापकता और प्रसिद्धि वैश्विक स्तर पर रही। देश विदेश सभी जगह के लोग इनके लिए श्रद्धावनत रहते हैं।

वरेण्य गुरुभ्राता की चाहत थी कि समस्त चराचर जगत शिव की शिष्यता ग्रहण करे और उनकी दया के आश्रय में चले ताकि शिव के गुरू स्वरूप की जन-जन में स्थिति से विश्व वाटिका में अध्यात्म अवतरित होकर सहृदयता, समानता और शांति के सुमन खिला देगा और प्रेम के पराग से मानवता सुगंधित हो जाएगी। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्वाह्न 9 बजे से शिव नाम संकीर्तन एवं जागरण भजन से हुआ। तत्पश्चात् वरेण्य गुरुभ्राता साहब श्री हरीन्द्रानन्द जी की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं
पुष्पांजलि अर्पित किया गया। श्रद्धांजलि सभा में महिलाओं की संख्या अधिक थी। इस अवसर पर मुख्य सलाहकार अर्चित आनंद ने बताया कि देश-विदेश में शिव-शिष्यों ने अपने स्तर पर पुण्य स्मृति दिवस का आयोजन किया, जिसके तहत वृद्धाश्रम,अनाथालय में सहयोग सहित वृक्षारोपण कार्यक्रम भी किया गया। 

श्रद्धाजलि सभा में प्रो.रामेश्वर मंडल, अर्चित आनंद, बरखा आनंद, डॉ.अमित कुमार, अनुनीता  आनंद, अभिनव आनंद एवं निहारिका आनंद ने अपनी अभिव्यक्ति व्यक्त की।  पुष्पांजलि समारोह में राज्य के कई गणमान्य  भी उपस्थित थे।