यूपीए सरकार को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल हुए
छ: माह पूर्व तक चंपाई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के सबसे विश्वासी नेता के रूप में जाने जाते थे। ईडी द्वारा जमीन घोटाले के मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन विधायक दल का नेता चुने गये थे और प्रांत का मुख्य मंत्री बने थे।

झारखंड की यूपीए सरकार को उखाड़ फेंकने के संकल्प के साथ झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री, कोल्हान के टाइगर व झारखंड मुक्ति मोर्चा के संस्थापक सदस्य चंपाई सोरेन ने आखिर कर भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इस मिलन समारोह में चंपाई सोरेन के पुत्र बाबूलाल सोरेन भी भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए। बीते पंद्रह दोनों से चल रहे अटकलों पर विराम लग गया। राजनीति के संबंध में यह बात स्पष्ट हो गई कि राजनीति कब किस करवट बैठेगी? कहा नहीं जा सकता!
हेमंत की गिरफ्तारी के बाद चंपाई मुख्य मंत्री बने थे
छ: माह पूर्व तक चंपाई सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के सबसे विश्वासी नेता के रूप में जाने जाते थे। ईडी द्वारा जमीन घोटाले के मामले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद चंपाई सोरेन विधायक दल का नेता चुने गये थे और प्रांत का मुख्य मंत्री बने थे। कोल्हान टाइगर के नाम से लोकप्रिय चंपाई सोरेन अपने नाम के अनुरूप रूप ही एक भव्य समारोह में भाजपा में शामिल हुए। मिलन समारोह में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, केन्द्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान और असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा सहित झारखंड बीजेपी के तमाम बड़े नेता सम्मिलित हुए। इस मिलन समारोह की खासियत यह रही कि कोल्हान क्षेत्र से हजारों की संख्या में चंपाई सोरेन के समर्थक शामिल हुए । उनके समर्थक कल तक झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रबल समर्थक के रहे, वे सब आज भाजपा के साथ हैं। अब देखना यह है कि वर्ष के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव में चंपाई सोरेन भाजपा को कितनी सीट दिला सकते हैं ?
यूपीए सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प
मिलन समारोह में जिस तरह भाजपा के तमाम छोटे - बड़े नेताओं ने चंपाई सोरेन का जिस अंदाज में स्वागत किया, इसे अपने आप में अद्भुत कहा जा सकता है। इस अभूतपूर्व स्वागत से चंपाई सोरेन भी गदगद नजर आ रहे थे। चंपाई सोरेन सहित भाजपा के नेताओं ने झारखंड से यूपीए सरकार को जड़ से उखाड़ फेंकने का संकल्प और दावा दोनों किया है । मंच से भाजपा नेताओं ने भ्रष्टाचार के आकंठ में डूबी यूपीए सरकार की विफलताओं को भी गिराया है। मंच से चंपाई सोरेन सहित भाजपा नेताओं ने झारखंड को घुसपैठियों, दलालों,भ्रष्ट ऑफीसरों एवं परिवार वादी ताकतों से मुक्त करने का भी आह्वान किया है।
झामुमो से भाजपा का सफर
ध्यातव्य है कि चंपाई सोरेन ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसी समय यह बात स्पष्ट हो गई थी कि टाइगर को अब झारखंड मुक्ति मोर्चा के पिंजरे में बांधे रखना नामुमकिन है। तभी असम के मुख्यमंत्री हिमंता विश्व शर्मा ने सोशल मीडिया पर यह बताया कि चंपाई सोरेन बीजेपी में शामिल होंगे। तब चंपाई सोरेन ने भी झारखंड मुक्ति मोर्चा के खिलाफ दहाड़ना शुरू कर दिया था। फिर चंपाई सोरेन ने आरोप लगाया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा का शीर्ष नेतृत्व उनका अपमान कर रहा है । वे जल्द ही अपने अगले राजनीतिक कदम को लेकर कोई फैसला लेंगे। चंपाई के इस बयान के बाद ही यह तय हो गया कि चंपाई बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। चंपाई सोरेन इस सप्ताह के प्रारंभ में नयी दिल्ली में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी।
किसी भी स्थिति से भयभीत नहीं : चंपाई
गत 28 अगस्त, बुधवार को चंपाई सोरेन अपने बेटे के साथ रांची पहुंचे थे । बड़ी संख्या में उनके समर्थकों ने स्वागत किया। चंपाई सोरेन ने यहां कहा कि उनका भाजपा में शामिल होने का फैसला झारखंड के हित में है। मुझे संघर्षों की आदत है।’ जब उनसे इस आरोप के बारे में पूछा कि उन पर नजर रखी जा रही है, तब पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने कहा कि वह किसी भी स्थिति से भयभीत नहीं हैं।
झारखंड सरकार पर जासूसी कराने का आरोप
झारखंड सरकार द्वारा चंपाई सोरेन की जासूसी किए जाने पर भाजपा नेता एवं असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने आरोप लगाया था कि चंपाई सोरेन की पिछले पांच महीनों से ‘उनकी अपनी सरकार’ की पुलिस ही जासूसी कर रही थी। शर्मा ने दावा किया था कि चंपई सोरेन के करीबी लोगों ने दिल्ली के एक होटल में झारखंड पुलिस की विशेष शाखा के दो उप निरीक्षक को पूर्व मुख्यमंत्री पर नजर रखते हुए पकड़ा था। यह बात काफी तूल पकड़ ली थी । जबकि झारखंड सरकार ने इस आप को निराधार बताया था।
आदिवासियों की अस्मिता की रक्षा
गत दिनों चंपाई सोरेन ने कहा कि वह आदिवासी पहचान एवं अस्तित्व को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं । इसके साथ ही उन्होंने एक बड़ी बात यह कही कि बांग्लादेश से ‘बड़े पैमाने पर’ घुसपैठ के कारण राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में दांव पर लगी हुई है। यह कहकर उन्होंने आदिवासियों की अस्मिता की भी रक्षा की बात दुहराई । आगे उन्होंने यह कहा कि संथाल परगना में आदिवासी धीरे-धीरे कर अल्पसंख्यक होते जा रहे हैं। अगर यह क्रम जारी रहा तो पूरे संथाल परगना में घुसपैठियों का राज हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बांग्लादेशी घुसपैठिए से झारखंड को बचाने की भी जरूरत हैं।
केवल भाजपा ही आदिवासियों के मुद्दे पर गंभीर
चंपाई सोरेन ने दो फरवरी को झारखंड के 12वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी। । चंपाई सोरेन ने कहा कि वह आदिवासी पहचान एवं अस्तित्व को बचाने के लिए भाजपा में शामिल हो रहे हैं, जो बांग्लादेश से ‘बड़े पैमाने पर’ घुसपैठ के कारण राज्य के संथाल परगना क्षेत्र में दांव पर लगी हुई है। हेमंत सोरेन के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफे के बाद कुछ समय के लिए मुख्यमंत्री पद संभालने वाले झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपाई सोरेन ने कहा कि केवल भाजपा ही आदिवासियों के मुद्दे पर गंभीर दिखाई देती है, जबकि अन्य वोट बैंक की राजनीति में लिप्त हैं।
झारखंड की राजनीति में कोल्हान का अहम रोल
राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा चल रही है कि चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने से झारखंड मुक्ति मोर्चा का सबसे बड़ा गढ़ माना जाने वाला कोल्हान में जबरदस्त सेंधमारी हुई है। कोल्हान क्षेत्र में कुल 14 सीटें हैं, जिसमें 2019 के विधानसभा चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा को 11 सीटें मिली थी। कांग्रेस को दो एवं अन्य को एक सीट मिली थी । यहां यह लिखना जरूरी हो जाता है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जितनी बार भी सरकार में आई, कोल्हान की सीटों का प्रमुख हाथ रहा ।
राजनीतिक गुरु शिबू सोरेन का सम्मान
झारखंड अलग प्रांत के संघर्ष में शिबू सोरेन ज्यादातर समय कोल्हन के क्षेत्र में बिताया करते थे। इस क्षेत्र में लोग शिबू सोरेन को देवता की तरह मानते और पूजते हैं। चंपाई सोरेन के राजनीति गुरु शिबू सोरेन रहे हैं। चंपाई सोरेन के भाजपा में शामिल होने के बावजूद उन्होंने अपने राजनीतिक गुरु शिबू सोरेन के प्रति वही सम्मान दिखता है । उन्होंने एक बार भी शिबू सोरेन के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा। कोल्हान क्षेत्र में शिबू सोरेन के बाद चंपाई सोरेन को वही मान प्रतिष्ठा प्राप्त है।
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में चंपाई सोरेन का भी नाम
चंपाई सोरेन एक जमीनी नेता हैं। उनका बचपन कोल्हान में ही बीता । यहीं पर उन्होंने पढ़ाई लिखाई की। वे एक किसान का बेटा रहे हैं। उन्होंने मजदूरी और खेती किसानी कर मजदूरों के संघर्ष के लिए लगातार क्रियाशील रहे। वे सरायकेला से लगातार जीतते रहे हैं । वे झारखंड मुक्ति मोर्चा के एक निष्ठावान कार्यकर्ता के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफल रहे। चूंकि अब चंपाई सोरेन भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर लिए हैं। इसका लाभ भाजपा को जरूर मिलेगा। इसके साथ ही यह भी चर्चा जोरों पर है कि झारखंड में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की सूची में चंपाई सोरेन का भी नाम जुड़ गया है । बाबूलाल मरांडी मंच पर खुश जरूर नजर आ रहे हैं । लेकिन वे अपने मुख्यमंत्री पद के प्रतिद्वंदी को भी शामिल कर रहे हैं। अब देखना यह है कि टाइगर चंपाई सोरेन भाजपा में शामिल होकर कोल्हान क्षेत्र से भाजपा को कितनी सीटें दिला सकते हैं ?