बिहार में फिर एक पुल ताश के पत्तों की तरह बिखरा, लोगों में गहरी नाराजगी
बिहार में अब 100 साल पुराना पुल गिरा, लाखों लोग प्रभावित; BJP की धन्यवाद यात्रा से पहले हादसा

मुजफ्फरपुर जिले के औराई प्रखंड क्षेत्र में एक 100 साल पुराना पुल ताश के पत्तों की तरह बिखर गया, जिससे आवागमन पूरी तरह प्रभावित हो गया है। यह हादसा गरहां-हथौड़ी-अमनौर-औराई सड़क मार्ग पर अमनौर खाखर टोला के पास हुआ। यह पुल उस समय गिरा जब बीजेपी विधायक और पूर्व भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार यहां प्रस्तावित पुल और सड़कों को लेकर धन्यवाद यात्रा निकालने वाले थे। ऐसे में स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी है।
डेढ़ साल पहले हुई थी मरम्मत
स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया कि करीब डेढ़ साल पहले इस सड़क की मरम्मत कराई गई थी। लेकिन उस दौरान पुल की फिटनेस की जांच नहीं की गई। ग्रामीणों का कहना है कि मरम्मत कार्य में लापरवाही बरती गई थी, जिसके कारण पुल की हालत नजरअंदाज कर दी गई।
लोकसभा चुनाव के दौरान भी इसी पुल के पास एक ट्रक गिर गया था, जिससे इसके जर्जर होने के संकेत पहले ही मिल चुके थे। बावजूद इसके अधिकारियों और अभियंताओं ने पुल की मरम्मत या पुनर्निर्माण की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
कुछ देर पहले ही गुजरी थी बस
हादसे के महज कुछ मिनट पहले ही एक बस पुल से गुजर चुकी थी, जिससे कोई जान-माल का नुकसान नहीं हुआ। हालांकि इस पुल के गिरने से औराई प्रखंड की अतरार अमनौर, महेश्वाड़ा और कटरा प्रखंड की बेरई दक्षिणी पंचायत सहित करीब डेढ़ लाख से अधिक की आबादी प्रभावित हुई है। अब इन इलाकों के लोगों को शहर जाने के लिए सात किलोमीटर अधिक दूरी तय करनी होगी, जिसमें अधिकतर रास्ता पैदल पार करना पड़ेगा।
पुल के गिरने की राजनीतिक चर्चा
इस समय पुल का गिरना पूरे बिहार मे राजनीतिक चर्चा का विषय बना हुआ है । इस बात का महत्व इस लिए भी बढ़ गया है क्युकी पुल ऐसे समय गिर है जब बीजेपी विधायक और पूर्व भूमि सुधार एवं राजस्व मंत्री रामसूरत कुमार यहां प्रस्तावित पुल और सड़कों को लेकर धन्यवाद यात्रा निकालने वाले थे। बेनीपुर स्मारक से क्षतिग्रस्त पुल से करीब दो किलोमीटर पहले तक बीजेपी कार्यकर्ताओं के साथ पैदल यात्रा की योजना थी। लेकिन यात्रा से ठीक एक दिन पहले पुल गिरने से यह घटना राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बन गई है।