कैप्टन करमजीत सिंह की शहादत सदा देशवासियों को  गौरवान्वित करता रहेगा 

हजारीबाग में जन्मे  भारतीय सेना  के जांबाज सिपाही कैप्टन करमजीत सिंह जम्मू स्थित अखनूर में पेट्रोलिंग के दौरान पाक आतंकवादियों द्वारा  बिछाए गए बारूदी सुरंग के ब्लास्ट में  घटना स्थल पर ही वीरगति को प्राप्त हुए ।

 कैप्टन करमजीत सिंह की शहादत सदा देशवासियों को  गौरवान्वित करता रहेगा 

 कैप्टन करमजीत सिंह की शहादत सदा देशवासियों को गौरवान्वित करता रहेगा। उनकी शहादत पर संपूर्ण देश स्तब्ध है। वे बचपन से ही सेना में भर्ती होने की कामना लिए पढ़ाई पूरी करने के बाद अंततः भारतीय सेना के कप्तान बन पाए थे। करमजीत सिंह का जन्म भारतीय सेना को अपनी सेवा और कुर्बानी देने के लिए ही हुआ था । किसी ने कल्पना तक न की थी कि करमजीत सिंह  इतनी जल्दी इस तरह अपनी शहादत देकर दुनिया से विदा हो जाएगा। वह अपने माता-पिता का इकलौता संतान था । वह बचपन से ही सेना में जाने की बात अपने माता-पिता और बहन से किया करता था। इसके  साथ उसके आव-भाव,  रहन-सहन सेना की तरह ही रहे थे। जब उसे भारतीय सेना के लिए सिलेक्ट कर लिया गया, तब वह बहुत खुश था। उसकी यह खुशी उसके चेहरे पर साफ झलकती थी। करमजीत के माता-पिता भी बेटे का भारतीय सेना में कैप्टन बनने से बहुत कुछ थे। लेकिन यह खुशी ज्यादा दिनों तक टिक नहीं पाई। 
    हजारीबाग में जन्मे  भारतीय सेना  के जांबाज सिपाही कैप्टन करमजीत सिंह जम्मू स्थित अखनूर में पेट्रोलिंग के दौरान पाक आतंकवादियों द्वारा  बिछाए गए बारूदी सुरंग के ब्लास्ट में  घटना स्थल पर ही वीरगति को प्राप्त हुए । इस दौरान उनके एक सहकर्मी की भी मौत अस्पताल में इलाज के दौरान हो गई।  वहीं दूसरी ओर घायल एक जवान जीवन और मौत से संघर्ष कर रहा है।   इन दोनों जांबाज सेना के जवानों की शहादत पर संपूर्ण देश ने गहरा दुःख व्यक्त किया है। दोनों जांबाज सिपाहियों को पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। देश के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, गृहमंत्री सहित कैबिनेट के सभी मंत्रियों ने इस घटना पर अपनी-अपनी संवेदनाएं प्रकट की है। वहीं  देश ने दो जवानों की शहादत को देश के  लिए  एक अपूर्णीय क्षति बताया है। ।  इस घटना में गंभीर रूप से घायल एक सेनानी के लिए देशभर में दुआएं की जा रही है
   इस विभत्स आतंकवादी कार्रवाई पर संपूर्ण देश आक्रोशित है । सेना के दोनों जवानों की आत्मा की शांति के लिए शोक सभाएं आयोजित की जा रही हैं। वहीं दूसरी ओर देश के विभिन्न सामाजिक संगठनों ने प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और  रक्षा मंत्री को पत्र प्रेषित कर मांग किया है कि देश की आजादी के बाद से अब तक हजारों भारतीय सेना के जवान जम्मू कश्मीर की सुरक्षा में अपनी जान कुर्बान कर चुके हैं । फलस्वरुप देश की कई मांओं ने अपने बेटे, बहनों ने अपने भाइयों, अर्धांगनियों ने अपने पतियों और बच्चों ने अपने पिताओं को खोया है। यह सिलसिला अब बंद होना ही चाहिए। देश वासी चाहते हैं कि आतंकवादियों के जड़ से खात्मा के लिए भारत सरकार को भी उठ खड़े होने की जरूरत है। ऐसी  घटनाओं पर सिर्फ संवेदना प्रकट करने से भारत सरकार अपने दायित्व बोध से वंचित नहीं हो सकती है । देश के जिन जिन घरों से ऐसे लाल सदा सदा के लिए सबों को छोड़कर चले जाते हैं।  उन सभी परिवारों की पीड़ा को भी महसूस करने की जरूरत है। भारत सरकार ऐसे परिवारों को लाखों रुपए जरूर प्रदान देती है। भारत  सरकार ऐसे जवानों को शहीदी का भी दर्ज सरकार प्रदान कर देती है।  लेकिन जिन परिवारों की खुशियां सदा सदा के लिए चली गई हो, क्या वह खुशी कभी लौटाई  जा सकती है ?
  ध्यातव्य है कि  भारतीय सेना के जांबाजों की इन कुर्बानियों के पीछे पाक आतंकवादियों  के हाथ हैं। भारत सरकार को पाक आतंकवादियों के खिलाफ एक  सुविचारित बड़ी कार्रवाई करने जरूरत है। ताकि पाक आतंकवादियों का जड़ से खात्मा हो सके। पाकिस्तान देश की आजादी के बाद से अब तक लगातार आतंकवादी कार्रवाई करता चला आ रहा है । पाकिस्तान, देश की एकता और अखंडता को भी  प्रभावित करता रह रहा है। देशवासियों की सब्र की सीमा खत्म हो गई है।‌ अब सरकार को चुप रहने की जरूरत नहीं है। एक के बाद एक पाकिस्तानी आतंकवादी,  आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देता चला रहा है।  तब भारत को हाथ पर हाथ धरे रखना किसी भी दृष्टि में उचित नहीं है। भारत सरकार को इन जवानों की मौत को हल्के से नहीं लेना चाहिए बल्कि पाकिस्तान की आवाज में ही इसका मुंहतोड़ जवाब देना होगा।  यही देशवासी चाह भी रहे हैं ।  
     भारत सरकार यह भलीभांति जानती है कि संपूर्ण विश्व पाकिस्तान द्वारा  पीठ के पीछे भारत  को छूरा  घोपने की कार्रवाई को । भारत सरकार एक कूटनीतिक के तहत पाकिस्तान एक आतंकवादी मुल्क है,  इस  बात को विश्व जनमानस के बीच रखने में सफल रहा है।  विश्व जनमत भी पाकिस्तानी  आंतकवादी घटनाओं के विरुद्ध होता चला जा रहा है। इसलिए पाकिस्तान के खिलाफ शीघ्र अतिशीघ्र बड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है। भारत सरकार पाकिस्तानी आतंकवादियों के सफाए में जितना विलंब करेगी, हमारे जवान शहीद होते रहेंगे। भारत की एक-एक जनता पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ भारत सरकार की कड़ी कार्रवाई का इंतजार कर रही हैं।
  हजारीबाग के इतिहास में कैप्टन करमजीत सिंह बक्शी की शव यात्रा जिस प्रकार निकली, पहली थी। शव  यात्रा के समय हजारीबाग नगर की सभी दुकानें  स्वस्फूर्त बंद हो गई थी।  भारत माता की जय।  वंदे मातरम। कैप्टेन करमरजीत अमर रहे । कैप्टेन करमजीत सिंह अमर रहे के नारो से पूरा नगर गूंजीत  हो उठा था। शहीद कैप्टन करमजीत सिंह को मुखाग्नि अर्पित करने से पूर्व उसकी शादी के लिए लाए  गए शेरवानी को उसके  पर रख दिया गया था। उसकी शादी के अन्य परिधान भी उसके शव  पर रखने के बाद ही मुखाग्नि दी गई थी। यह दृश्य कितना दारुण था। जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। अंत्येष्टि में शामिल सभी लोगों की आंखें नम हो गई थी। माता-पिता  एवं अन्य रिश्तेदारों का रो-रो कर बुरा हाल था। वहीं दूसरी ओर अंत्येष्टि में शामिल सभी लोग इस बात को लेकर आक्रोशित हो रहे थे कि एक के बाद एक पाक आतंकवादी घटनाओं में देश  के जवान शहीद होते चले जा रहे हैं।  क्या भारतीय जवानों का जन्म शहीद होने के लिए हुआ है  ? यह सवाल हर लोगों की जुबान पर था।  आखिर भारत सरकार पाकिस्तानी  आतंकवादी घटनाओं के खिलाफ कब बड़ी कार्रवाई करेगी। 
   ध्यातव्य है कि है पाकिस्तान पड़ोसी मुल्क होकर भी कभी भी भारत के साथ भाईचारे का रिश्ता नहीं निभाया ।  जब 15 अगस्त 1947 को देश को आजादी मिली थी । उससे एक दिन पूर्व 14 अगस्त 1947 को पाकिस्तान एक आजाद देश के रूप में अस्तित्व में आया था। जबकि भारत और पाकिस्तान के लोगों ने मिलकर ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ स्वाधीनता संग्राम का संघर्ष मिलजुल कर किया था।   बंटवारे के समय पाकिस्तान से वापस आने वाले ट्रेन हिंदुओं की लाशों से भरा हुआ रहता था । इस बंटवारे में 10 लाख से अधिक जानें गई थीं।  इसके बावजूद भी पाकिस्तान चुप नहीं बैठा था बल्कि आजादी के तुरंत बाद जम्मू कश्मीर को हथियाने के लिए आफ़गानियों को लेकर एक युद्ध छोड़ दिया था । देश के प्रथम गृह मंत्री लोह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल के आदेश पर भारतीय सेना जम्मू कश्मीर के लिए कूच कर गई थी । तब भारतीय सेना के जाबाजों ने पाकिस्तानी सेना और आफ़गानियों को खदेड़कर  भगा दिया था।  तब से पाकिस्तान लगातार हर दिन जम्मू कश्मीर सीमा पर कुछ न कुछ आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देता चला रहा है।  जबकि भारत सरकार पाकिस्तानी आतंकवादियों को खत्म करने के लिए कई बड़ी सैन्य कार्रवाइयों को अंजाम दे चुका है । इसके बावजूद पाकिस्तान चुप नहीं बैठ रहा है। इसलिए भारत के लिए यह जरूरी हो गया है कि आगे कैप्टन करमजीत सिंह  जैसे वीर जांबाज को कुर्बानी न देना पड़े। इसलिए पाक आतंकवादियों को जड़ से समाप्त करने के लिए भारत सरकार एक बड़ी सैन्य कार्रवाई करने की जरूरत है।