नारियल को पवित्र फल क्यों मानते हैं? जानिए भारतीय संस्कृति के सबसे पवित्र फल के रहस्य...

'विश्व नारियल दिवस' पर नारियल के आर्थिक, पर्यावरणीय, धार्मिक और पोषण की महत्ता' पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया।

नारियल को पवित्र फल क्यों मानते हैं? जानिए भारतीय संस्कृति के सबसे पवित्र फल के रहस्य...

'विश्व नारियल दिवस' पर सामाजिक संस्था 'सागर भक्ति संगम' के तत्वाधान में स्थानीय झील परिसर में 'नारियल के आर्थिक, पर्यावरणीय, धार्मिक और पोषण की महत्ता' पर विचार गोष्ठी का आयोजन संपन्न हुआ।  सभा की अध्यक्षता संगम के संयोजक विजय केसरी ने की।

भारतीय संस्कृति में नारियल को सबसे पवित्र फल माना गया है - सुमेर सेठी

मुख्य वक्ता वरिष्ठ समाजसेवी सुमेर सेठी ने कहा कि भारतीय संस्कृति में नारियल अर्थात श्रीफल को शुभ और सबसे पवित्र फल माना गया है । सामाजिक, धार्मिक अनुष्ठानों  और किसी भी प्रकार की पूजा और अन्य कर्मकांड में श्रीफल की उपस्थिति इसके महत्व को खुद व खुद बंया  कर जाती है । पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान विष्णु श्री फल को लेकर धरती पर आए थे।  यह एक ऐसा फल है, जो शरीर के पोषण के साथ इसके व्यवसाय से आर्थिक रूप से संपन्न भी हुआ था सकता है । नारियल में ऐसे - ऐसे तत्व विराजमान हैं ,जो शरीर को कई रोगों से लड़ने की ताकत देता है्  इसके नियमित सेवन से शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। 

भारत में लगभग 16 लाख एकड़ भूमि में नारियल की खेती 

अध्यक्षता करते हुए संगम के संयोजक विजय केसरी ने कहा कि आज विश्व भर के बाजार नारियल के उत्पादों से भरा पड़ा है। इसके कारोबार और निर्यात से भारत को आर्थिक रूप से काफी लाभ हुआ है। नारियल उत्पादन में संसार भर में भारत का दूसरा स्थान है।  भारत में लगभग 16 लाख एकड़ भूमि में नारियल उपजता है। एक ओर नारियल लोगों को पोषण प्रदान करता है, वहीं दूसरी ओर आर्थिक रूप से कारोबारियों को भी संपन्न बना रहा है ।‌ पर्यावरण और  धार्मिक दृष्टि से नारियल के पेड़ काफी लाभदायक हैं ।  नारियल पेड़ पर हुए कृषि  अनुसंधान ने इसके कई तरह के नवीन बीजों की खोज की है।  यह केरल, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, मैसूर, मद्रास, आंध्र आदि स्थानों के अलावा भी अन्य प्रदेशों की मिट्टी में आसानी से उगाई जा सकती है । भारत सरकार के कृषि विभाग को इस दिशा में पहल करने की आवश्यकता है।  ध्यातव्य है कि हजारीबाग में भी नारियल के कई पेड़ लगे हुए हैं।  इन पेड़ों पर हर साल समय से फल लग जाते हैं। झारखंड एक पहाड़ी इलाका है।  यहां नारियल का पेड़ आसानी से लगाए जा सकते हैं। झारखंड सरकार को इस दिशा में आवश्यक पहल करनी चाहिए। 

नारियल में भरपूर गुणकारी तत्व होते हैं 

हजारीबाग चैंबर ऑफ़ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष राजकुमार जैन टोंग्या ने कहा कि मैं बीते दो वर्षों से नियमित रूप से नारियल पानी का सेवन कर रहा हूं । इसके सेवन से मुझे स्वास्थ्य की दृष्टि से काफी लाभ मिला है।  नारियल में एंटी एक्सीडेंट, जीवाणु रोधी, एंटी फंगल और एंटीवायरस तत्व मौजूद होने के कारण इसके कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं।  इनमें प्रोटीन, कई महत्वपूर्ण खनिज और अल्प मात्रा में विटामिन सी भी होता है।  इनमें कार्बोहाइड्रेट अधिक होता है।  नारियल में  वसा  भी होती है। इसके साथ ही नारियल में पोटेशियम जैसे तत्व हमारे दिल को मजबूत रखने में मदद करता है। नारियल एक फल ही नहीं बल्कि विभिन्न औषधीय गुना से भरपूर है।  पोषण की दृष्टि से एक नारियल एक लाभकारी फल है। यह फल पर्यावरण की दृष्टि से भी बहुत बेहतर है।  नारियल के कारोबार से जुड़कर आर्थिक संपन्न भी हुआ जा सकता है। आज देश भर में लाखों की संख्या में लोग नारियल के कारोबार से जुड़कर बेहतर ढंग जीवकोपार्जन पाचन कर रहे हैं।

नारियल ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रसाद है

नगर के प्रतिष्ठित व्यवसायी सह समाजसेवी अरुण जैन  लुहाड़िया ने कहा कि जब से मैं होश संभाल हूं, नारियल को हर पूजा अनुष्ठानों में देखता आ रहा हूं। नारियल एक ऐसा फल है, जिसे देखने मात्र से मन प्रसन्न हो जाता है इसे स्पर्श कर पवित्रता का अनुभव होता है। यह फल यज्ञ की आहुति में खुद को समर्पित कर लोगों के कल्याण की कामना कर जाता है।  नारियल हम सबों को पोषण प्रदान करता है। इसके साथ ही यह फल कई औषधीय गुणों से भरपूर है। भारतीय संस्कृति में नारियल को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रसाद माना गया है। किसी भी  परिस्थिति में  नारियल के पेड़ को नहीं काटा जाना चाहिए।‌ जनश्रुति है कि जिनके घरों में नारियल के पेड़ होते हैं उनके यहां श्री लक्ष्मी के साथ ब्रह्मा, विष्णु और महेश की कृपा प्राप्त होती है । हमारे पौराणिक कथाओं के अनुसार नारियल को फोड़ने का अर्थ है, अपने अहंकार को त्यागना और स्वयं को भगवान के समक्ष समर्पित कर देना है । मान्यता है कि ऐसा करने से अहंकार का नाश होता है । इससे आत्मा शुद्ध और पवित्र हो जाती है। 

आयोजित गोष्ठी में दीपक प्रसाद मेहता, राहुल मेहता, मनोज प्रसाद, पुष्पा कुमारी, पुष्प लता, अरुण गुप्ता, प्रकाश राम, विनोद केसरी प्रदीप प्रसाद सहित काफी संख्या में लोग सम्मिलित हुए ।