बेटियों के लिए असुरक्षित होता बिहार, अपहरण,गैंगरेप,हत्या की ये मानसिकता हैरान करती है

शहरों में तो लड़कियाँ सुरक्षित नहीं ही हैं, लेकिन अब गाँव-देहात भी इससे अछूता नहीं है।

बेटियों के लिए असुरक्षित होता बिहार, अपहरण,गैंगरेप,हत्या की ये मानसिकता हैरान करती है

बिहार में प्रशासनिक भय विलुप्त हो गया है। बिहार में बच्चियों का घर से निकलना तो मुश्किल है ही, अब अपराधी उनके घर तक भी पहुँच जा रहे हैं। पिछले कुछ महीनों में बिहार में लड़कियों के प्रति आपराधिक आँकड़ा आपको सोचने पर मजबूर कर देगा। आख़िर बिहार में हो क्या रहा है? पढ़िए बिहार में लड़कियों के लिए असुरक्षित होता आपराधिक दौर का शिकार करने वाले घर तक पहुंच रहे हैं।

शहरों में तो लड़कियाँ सुरक्षित नहीं ही हैं, लेकिन अब गाँव-देहात भी इससे अछूता नहीं है। सुनसान खेत, वीरान रास्तों पर तो यह हो ही रहा है, घर के अंदर और छत के ऊपर भी वह सुरक्षित नहीं हैं। सभी जगह लड़कियाँ एक भय के माहौल में रह रही है। “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” का नारा देश और राज्य की सरकार देती रही है, लेकिन यहां तो अब ‘बेटी बचाओ’ की चिंता सामने दिख रही है। घर का दरवाजा खुलवा कर अपहरण करने के बाद गैंगरेप हो रहा है। छत पर कूदकर आने वाले गैंगरेप कर रहे। 16-17 साल की ही नाबालिग नहीं, बल्कि 6-8 साल की बच्चियां भी अपहरण, रेप, गैंगरेप, मर्डर का शिकार हो रहीं। हाल की इन १० घटनाओं के बारे में जानकर आपके होश उड़ जाएँगे, पढ़िए :