Valentine Day Special:’प्रेम मानवीय जीवन को उत्कृष्ट बनाता है’

(14 फरवरी, 'वैलेंटाइन डे' पर विशेष)

Valentine Day Special:’प्रेम मानवीय जीवन को उत्कृष्ट बनाता है’

14 फरवरी को पूरी दुनियां के प्रेमी – प्रेमिकाएं ‘वैलेंटाइन डे’ मनातें नजर आ रहे हैं। ‘वैलेंटाइन डे’ के अंदर ऐसी कौन सी विशेष बात निहित है ? यह प्रेमी प्रेमिकाओं के लिए एक उत्सव के रूप में तब्दील होता चला जा रहा है। ‘वैलेंटाइन डे’ देश की सीमाओं को लांघते हुए वैश्विक स्तर पर इसकी महता धीरे-धीरे बढ़ती ही चली जा रही है ? सच यह है कि प्रेमी – प्रेमिका इस डे का इंतजार महीनों पूर्व से करते देखे जाते हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर वैलेंटाइन डे को किसी भी तरह की कोई मान्यता नहीं प्रदान की गई है। और ना ही कोई देश इस दिवस की घोषणा की है । इसके बावजूद पूरी दुनिया वैलेंटाइन डे के रंग में रंगती चली जा रही है। 14 फरवरी को दुनिया भर के प्रेमी – प्रेमिका एक दूसरे को लाल गुलाब देकर अपने प्रेम का इजहार करते हैं । प्रेमी – प्रेमिका, सदा – सदा के लिए एक दूसरे का हो जाने का वचन देते हैं।
वैलेंटाइन डे की कथा बड़ी रोचक व दिलचस्प है । रोम की बराहवीं शताब्दी की यह कथा एक तरह से वैश्विक स्तर पर प्रेमी – प्रेमिका को जोड़कर रख दिया है। रोम के तानाशाह व क्रूर शासक क्लॉडियस अपनी सेना को मजबूत बनाकर राज्य का विस्तार करना चाहते थे। इस निमित्त उन्हें एक विशाल सेना की जरूरत थी। लेकिन रोम के नागरिक सेना में भर्ती नहीं होना चाहते थे। यह देखकर रोम के शासक क्लॉडियस ने यह पता लगाने की कोशिश की कि आखिर रोम के नागरिक सेना में क्यों भर्ती नहीं होना चाहते ? उन्हें जानकारी हुई कि रोम के नागरिक शादी – विवाह कर परिवार में मशगूल हो जाते । और इसीलिए वे सेना में भर्ती नहीं होना चाहते। तब रोम के क्रूर शासक क्लॉडियस ने एक राज्यादेश जारी किया था। इस राज्यादेश के तहत रोम के कोई भी नागरिक शादी नहीं कर सकते थे। अगर जो लोग इस राज्यादेश का पालन नहीं करेंगे तो उन्हें मौत की सजा दे दी जाएगी । विवाह पर सख्त पाबंदी लग जाने से रोम में अंदर ही अंदर इसका विरोध होने लगा था। लेकिन कोई भी इस राज्यादेश के खिलाफ सामने नहीं आया। शादियां पूरी तरह रुक गई थी। इसी दरमियान एक प्रेमी – प्रेमिका शादी करने के लिए संत वैलेंटाइन के पास आए थे। संत वैलेंटाइन ने उन दोनों की शादी करवा दी थी। यह खबर रोम के क्रूर शासक क्लॉडियस के पास पहुंची। उन्होंने अपने सिपाहियों से संत वैलेंटाइन को गिरफ्तार करवाया। 14 फरवरी के ही दिन संत वैलेंटाइन को फांसी की सजा दे दी गई थी। यह खबर आग की तरह पूरे रोम में फैल गई थी। संत वैलेंटाइन बहुत ही पवित्र आत्मा थे । उन्होंने कहा था कि ‘प्रेमी – प्रेमिका का मिलन प्रकृति के नियमानुसार है । इस पर रोक लगाना महापाप है’। संपूर्ण रोमवासियों ने संत वैलेंटाइन की शहादत को बहुत ही ऊंचा स्थान दिया । रोम के क्रूर शासक क्लॉडियस के गुजर जाने के बाद यह दिन ‘प्रेम दिवस’ के दिन के रूप में मनाया जाने लगा।
प्रेमी – प्रेमिका संत वैलेंटाइन की शहादत को अमर बनाने के लिए 14 फरवरी को एक दूसरे को लाल गुलाब देकर प्रेम का इजहार करने लगे। धीरे धीरे कर यह परंपरा रोम से निकलकर पूरी दुनिया में फैल गई। क्या प्रेम पर पाबंदी कभी लगाया जा सकता है ? प्रेम ईश्वर का अनुपम वरदान है। प्रेम लोगों के जीवन को उत्कृष्ट बनाता है । प्रेम से लोगों के मन जीता जा सकता है। यह प्रेम की सार्थकता है कि प्रेम टूटे दिलों को जोड़ता है। प्रेम जीवन में ऊर्जा भरता है। प्रेम लोगों के जीवन में एक नई स्फूर्ति को पैदा करता है। जीवन जीने की कला को बताता है। प्रेम के बिना जीवन किस काम का है ? प्रेम है तो परिवार है। प्रेम है तो समाज है। प्रेम है तो देश है। प्रेम है तो विश्व है। प्रेम के हट जाने मात्र से स्थितियां प्रतिकूल हो जाती है। दो मित्र बर्षों – बर्ष से साथ में रहते हैं। आखिर उन दोनों मित्रों के बीच ऐसा क्या रहता है ? उत्तर है, उन दोनों के बीच आपसी प्रेम । एक प्रेम ही है, जो उन दोनों को बांधे रखता है। पिता पुत्र का प्रेम। पिता – पुत्री का प्रेम। माता पिता का पुत्रों का प्रेम। परिवार – कुटुंब के साथ प्रेम। प्रेम दिलों को जोड़ता है। प्रेम लोगों को प्रफुल्लित करता है। मन को हल्का करता है। प्रेम पर रोम के क्रूर शासक क्लॉडियस ने सख्त पाबंदी लगाकर भी प्रेम को रोक नहीं पाया था, बल्कि प्रेम संपूर्ण दुनिया को ही जोड़ दिया। यह प्रेम की उत्कृष्टता है।
प्रेम आज देश की सीमाओं को लांघते हुए ‘वैलेंटाइन डे’ के रूप में पूरी दुनिया में अपना परचम लहरा रहा है। संत वैलेंटाइन की शहादत पर पूरी दुनिया आंसू बहाती नजर आती है। रोम के क्रूर शासक क्लॉडियस को प्रेम का दुश्मन मानते हैं। इस दिन को यादगार बनाने के लिए प्रेमी – प्रेमिका एक दूसरे को लाल गुलाब देते नजर आते हैं। ‘वैलेंटाइन डे’ पर कई तरह के आरोप भी लगते रहते हैं । वैलेंटाइन डे पर आरोप है कि विश्व के बड़े-बड़े उद्यमियों व व्यवसायियों द्वारा वैश्विक स्तर पर ‘वैलेंटाइन डे’ को लोकप्रिय बनाकर अरबों-खरबों का कारोबार किया जा रहा है। मेरी दृष्टि में यह बात ही बेबुनियाद है। दुनिया के किसी भी उद्यमी व व्यवसाई में इतनी ताकत नहीं है कि सिर्फ कारोबार के लिए किसी डे को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इतना लोकप्रिय बना सके। आखिर वैलेंटाइन डे पर क्या कारोबार होता है ? प्रेमी – प्रेमिका एक दूसरे को ग्रीटिंग्स कार्ड भेजते हैं। वैलेंटाइन डे से एक सप्ताह पूर्व एक दूसरे को उपहार देते हैं । 14 फरवरी को लाल गुलाब देकर अपने मन की बात रखते हैं। इस कार्य से कौन सा बड़ा व्यापार होता है ? यह सिर्फ एक झूठा आरोप है। विश्व के कई देश वैलेंटाइन डे को अपसंस्कृति मानते हैं। ऊपरी तौर पर पाबंदियां लगाने की भी कोशिशें की जाती है। क्या इन कोशिशों से वैलेंटाइन डे को बनाने पर रोक लगाई जा सकती है ? जवाब है, नहीं ! प्रेमी – प्रेमिकाओं को खुलेआम दंडित किए जाने की घटनाएं भी घट रही है। सामाजिक स्तर पर इस डे को मनाने पर कई तरह की रुकावटें भी पैदा की जा रही है। इन सब के बावजूद वैलेंटाइन डे बनाने की प्रथा बढ़ता ही चला जा रहा है ।
प्रेम प्रकृति का अनुपम वरदान है। इस पर रोक लगाना प्रकृति के नियम के विरुद्ध की बातें होंगी। प्रेम को हर धर्म ग्रंथों में ऊंचा स्थान प्रदान किया गया है । प्रेम को किसी ने नकारा नहीं है। प्रेम के संदर्भ में विश्व भर के कवियों ने ऐसी ऐसी पंक्तियों की रचना की हैं, जिसे पढ़कर मन मस्तिष्क खुश हो जाता है। भक्ति काल के एक कवि संत रहीम दास ने लिखा, ‘रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय, टूटे तो ना जुड़े, जुड़े गांठ पड़ जाए’। यह पंक्ति यादगार पंक्ति के रूप में सदा सदा के लिए अमर बन गई। प्रेम को कभी भी कैद नहीं किया जा सकता है । प्रेम में धोखा यह नियम के विरुद्ध है । प्रेम में अगर धोखा, अविश्वास पैदा हो गया, तो रिश्ते में सदा सदा के लिए गांठ पड़ जाती है ।आज वैलेंटाइन डे की लोकप्रियता इस हद तक बढ़ गई है कि शादीशुदा दंपति भी एक-दूसरे को उपहार देते नजर आते हैं। प्रेम लोगों के जीवन को उत्कृष्ट बनाता है। लैला-मजनूं, श्री – फरहाद आदि के प्रेम को तोड़ने की कोशिश जरूर गई थी । लेकिन उनका प्रेम आज भी विश्व समाज में जीवित है । आज वैलेंटाइन डे पर कई घरों में पकवान तक बनाए जाते हैं । पति – पत्नी होटलों व पार्कों में घूमते नजर आते हैं। पार्टियां होती है । यह सब क्या है ? क्या इस पर रोक संभव है ? संत वैलेंटाइन की शहादत विश्व संस्कृति का हिस्सा बनती चली जा रही है। हर देश के वासी वैलेंटाइन डे को अपने – अपने तरीके से मनाते कर चले जा रहे हैं। हर कालखंड में प्रेमियों के प्रेम को तोड़ने की जबरदस्त कोशिश की गई थी। क्या उनके प्रेम को तोड़ा जा सका था ? आज उन प्रेमियों के प्रेम पूरी दुनिया में मिसाल के रूप में याद किया जाती हैं। यह प्रेम की उत्कृष्टता है।