कब्र पर बैठकर चाय की चुस्की, इस रेस्तराँ के बारे में जानकर चौंक जाएँगे आप

अहमदाबाद का लकी रेस्तराँ जहां कब्र के बग़ल में बैठकर लोग जायके का लुत्फ़ उठा रहे हैं। शहर के लोगों की पसंद बन चुका है यह रेस्तराँ।

कब्र पर बैठकर चाय की चुस्की, इस रेस्तराँ के बारे में जानकर चौंक जाएँगे आप

यहाँ कब्र पर बैठकर लोग मज़े से खाते हैं! चौंक गए न! ज़ाहिर है, कोई भी चौंक जाएगा। एक साधारण व्यक्ति तो कब्र के पास जाने के नाम से ही घबरा जाता है। ऐसे में कब्र के ऊपर बैठकर जायकेदार व्यंजन का लुत्फ़ उठाने की बात तो चौंकाएगी ही। हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे रेस्तराँ की जहां कब्र के ऊपर बने फ़र्श पर लगे टेबल पर चाय का आनंद लेते कई लोग मज़े में दिख जाएँगे। इस अनोखे रेस्तराँ की चर्चा आज हर तरफ़ हो रही है। अहमदाबाद के लोगों का आकर्षण बन चुका है लकी रेस्तराँ।

अहमदाबाद में लाल दरवाज़ा के पास है लकी रेस्तराँ । यह रेस्तराँ 72 वर्ष पुराना है और आज अपने अजीबो-ग़रीब पेशकश के अन्दाज़ के कारण पूरे अहमदाबाद में चर्चित हो चुका है। इस रेस्तराँ की एक ख़ास बात और है कि यहाँ मशहूर पेंटर M F HUSAIN भी अपने समय में चाय पाइन आया करते थे। पूरे दुनिया में मशहूर हो चुके पेंटर M F HUSAIN को यहाँ की चाय इतनी पसंद थी की वे 1994 में खुश होकर अपनी एक पेंटिंग भी उपहार स्वरूप इस रेस्तराँ के मालिक कृष्णन कुट्टी को दे दी थी। रेस्तराँ मालिक ने यादगार तोहफ़ा के तौर पर उस पेंटिंग को आज भी रेस्तराँ की दीवार पर लगा रखा है।

सोशल मीडिया के माध्यम से मिली जानकारी के अनुसार, “रेस्तरां के मालिक कृष्णन कुट्टी ने अहमदाबाद में ये ज़मीन ली थी। ज़मीन ख़रीदते समय वे इस बात से अनजान थे कि पहले यहाँ पर एक कब्रिस्तान था। जब उन्हें यहाँ पर क़ब्रिस्तान होने की बात पता चली तब तक वे ज़मीन को ख़रीद चुके थे। फिर उनके दिमाग़ में रेस्तराँ को लेकर एक योजना आयी और कृष्णन कुट्टी ने अपने योजना के अनुसार ज़मीन पर मौजूद कब्रों के चारों ओर लोहे की सलाखें लगाकर घेर दिया और कब्रों को बिना नुक़सान पहुँचाए उसके चारों ओर बैठने की जगह बना दी है। कृष्णन कुट्टी के निर्देशानुसार हर सुबह, कर्मचारी सभी कब्रों को साफ करते हैं और उन्हें ताजे फूलों से सजाते हैं। कब्र पर रेस्तराँ होने की बात धीरे-धीरे फैलने लगी और शहर में घूमने की सबसे पसंदीदा जगहों में से एक बन गई। कृष्णन कुट्टी ने अपने रेस्तराँ के लिए एक ख़ास मोटिवेशनल कैप्शन रखा है -“मरे हुए लोगों का सम्मान करें, जैसा कि आप जीवित लोगों का सम्मान करते हैं”।