अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का वेबीनार आयोजित

राष्ट्र के नवनिर्माण का संकल्प लें : रामदत्त चक्रधर

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का वेबीनार आयोजित

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, झारखंड प्रदेश के तत्वावधान में गूगल मीट एप के माध्यम से अखंड भारत संकल्प दिवस के उपलक्ष्य में “सांस्कृतिक अखंड भारत सपना नहीं एक जीवंत संकल्प” के विषय पर वेबीनार का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक रामदत्त चक्रधर उपस्थित थे। वेबीनार का संचालन प्रदेश मंत्री राजीव रंजनदेव पांडेय ने किया। विषय प्रवेश राष्ट्रीय मंत्री सुश्री विनीता कुमारी ने कराया। धन्यवाद ज्ञापन प्रदेश अध्यक्ष नाथू गाड़ी द्वारा किया गया। वेबीनार को संबोधित करते हुए रामदत्त चक्रधर ने कहा कि 1947 में हमें आजादी मिली, लेकिन वह संपूर्ण आजादी नहीं थी।उन्होंने कहा राष्ट्र का निर्माण तर्क से, वाद-विवाद से नहीं होता है। राष्ट्र का निर्माण आस्था से,श्रद्धा से एवं भावना से होता है। हमें राष्ट्र के नव निर्माण के लिए संकल्प लेना होता है। संकल्प से ही सिद्धि की प्राप्ति होती है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि इजराइल ऐसा देश अट्ठारह सौ साल तक पीढ़ी दर पीढ़ी अपने संकल्प को बढ़ाया। तब जाकर उसी संकल्प से सिद्धि प्राप्त हुई। उन्होंने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ केशव बलिराम हेडगेवार का उदाहरण देते हुए कहा कि सन 1925 में एक अकेला होकर हिंदुओ को संगठित करने का संकल्प लिया था और इस कार्य को शुरू कर दिया था। समय बीतते-बीतते एक व्यक्ति का संकल्प लाखों व्यक्ति का संकल्प बन गया। उन्होंने आजादी से पूर्व होने वाली एक बैठक की चर्चा की जिसमें माउंट बैटन, पंडित जवाहरलाल नेहरू, लियाकत अली खान, सरदार वल्लभभाई पटेल एवं अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। उस बैठक से निकलने के पश्चात दो बात कही गई,एक तो भारत की आजादी की बात कही गई और दूसरी बात भारत के विभाजन की। उस समय देश का आमजन स्तब्ध रह गया था और ठगा सा महसूस करने लगा था। उन्होंने आजादी के पश्चात भारतीय संसद के सदस्य रहे महावीर त्यागी के विषय में चर्चा की। उस समय महावीर त्यागी भूमि विवाद को लेकर संसद में चीन के द्वारा कब्जाए गए जमीन की बात उठाने को पंडित जवाहरलाल नेहरू जी से कहा तो पंडित नेहरु ने कहा कि संसद का एक-एक पल बहुत ही कीमती एवं महत्वपूर्ण होता है। वह जमीन बंजर है, अनुपजाऊ है एवं वह दलदल है। उस भूमि के लिए संसद का कीमती समय जाया नहीं करना चाहिए। तो महावीर त्यागी जी ने कहा था कि भारत की भूमि का एक-एक कण भी कीमती है। उन्होंने कहा अनेक प्रकार से अध्ययन करने पर भारत के विभाजन में चार प्रकार की शक्तियां जिम्मेदार मालूम पड़ती है। जिसमें पहली अंग्रेज, दूसरी कांग्रेस, तीसरी मुस्लिम लीग और चौथा सामान्य नागरिक का चुप रहना। आज भी अंग्रेजों के फूट डालो और शासन करो की नीति से मिशनरियों के द्वारा समाज को बांटने की साजिश की जा रही है। उन्होंने भारत की इतिहास से कई राजाओं का उदाहरण देते हुए कहा कि जब भी विदेशी आक्रांताओ द्वारा किये हमले में पराजय का सामना करना पड़ा, अपने ही लोगों के षड्यंत्र के कारण ही हुआ था। हमें हमारे घर में रह रहे राष्ट्र विरोधियों को खत्म कर हर एक सामान्य नागरिक के भीतर राष्ट्रभक्ति की भावना हर समय जगाना चाहिए। हर एक सामान्य व्यक्ति की महानता से देश महान बनेगा। इस संकल्प को पूरा करने के लिए हम सभी को सभी लोगों के बीच ले जाना होगा। तब धीरे-धीरे जाकर अखंड भारत का संकल्प पूर्ण होगा।
इस कार्यक्रम में प्रदेश अध्यक्ष नाथू गाड़ी , प्रदेश मंत्री राजीव रंजन देव पाण्डेय , प्रान्त संगठन मंत्री याज्ञवल्क्य शुक्ला, राष्ट्रीय मंत्री विनिता कुमारी, राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य डॉ. पंकज कुमार, प्रान्त सह मंत्री बापन घोष, नवलेश सिंह,स्नेहा रानी,मनोज सोरेन,प्रान्त आयाम प्रमुख रौशन सिंह प्रान्त कार्यालय मंत्री अनिकेत अमन, प्रान्त सोशल मीडिया संयोजक विशाल सिंह सहित अन्य पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता सम्मलित थे।