निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 25 प्रतिशत रियायत देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से किया अनुरोध

निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 25 प्रतिशत रियायत देने की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री से किया अनुरोध

रांची. राज्य उपभोक्ता संरक्षण परिषद के सदस्य राकेश कुमार सिंह ने कोरोना संक्रमण काल के दौरान परेशान अभिभावकों की परिस्थितियों को देखते हुए निजी स्कूल संचालकों से मासिक शिक्षण शुल्क में 25 प्रतिशत तक रियायत देने की मांग की है. उन्होंनेे इस संबंध में मुख्यमंत्री, शिक्षा मंत्री और शिक्षा विभाग के सचिव को ट्विटर के माध्यम से समुचित कदम उठाने का अनुरोध किया है.
श्री सिंह ने कहा है कि महामारी की दूसरी लहर काफी खतरनाक है. दिन प्रतिदिन लोगों का व्यवसाय- रोजगार खत्म होता जा रहा है. ऐसे में अभिभावक त्रस्त हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान उच्च न्यायालय की ओर से इस संबंध में दिशा निर्देश जारी करते हुए राजस्थान सरकार को निजी स्कूलों के शिक्षण शुल्क में 15 प्रतिशत रियायत देने का आदेश प्रभावी करने का निर्देश दिया गया है. उसी तर्ज पर झारखंड में भी अभिभावकों को निजी स्कूल संचालकों द्वारा शिक्षण शुल्क में 25 प्रतिशत की रियायत देने संबंधी निर्देश राज्य सरकार को जारी करना चाहिए. श्री सिंह ने कहा कि निजी स्कूलों के संचालक सरकार के दिशा-निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं. उनके द्वारा अभिभावकों का शोषण बदस्तूर जारी है. उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा गठित झारखंड शिक्षा न्यायाधिकरण भी नख-दंत विहीन हो गया है. निजी स्कूलों के खिलाफ न्यायाधिकरण में दर्ज कराई गई शिकायतों से संबंधित कई संचिकाएं धूल फांक रही है. कुछ मामलों में न्यायाधिकरण के आदेश भी निजी स्कूल संचालकों पर बेअसर है.
श्री सिंह ने कहा कि सरकारी आदेशों से बेपरवाह कुछ निजी स्कूल संचालक शिक्षण शुल्क के अलावा एनुअल चार्ज, मिसिलेनियस चार्ज, डेवलपमेंट चार्ज आदि के नाम पर भी अभिभावकों से राशि वसूल रहे हैं. सरकार को इस दिशा में ठोस कार्रवाई करने की आवश्यकता है.