सांस्कृतिक संस्था “कुंजबन” का 37 वां स्थापना दिवस समारोह 21 मार्च को

पारंपरिक लोक नृत्य व संगीत के नामचीन कलाकार करेंगे शिरकत विचार गोष्ठी में प्रबुद्ध वर्ग के अनेक शख्सियत होंगे शामिल

सांस्कृतिक संस्था “कुंजबन” का 37 वां स्थापना दिवस समारोह 21 मार्च को

रांची। झारखंड की ख्यातिप्राप्त सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था “कुंजबन” का 37 वां स्थापना दिवस समारोह 21 मार्च (रविवार) को चुटिया के साईं कॉलोनी स्थित संत कोलंबस पब्लिक स्कूल में आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में झारखंड के नामचीन कलाकारों के अलावा सीमावर्ती राज्य छत्तीसगढ़, ओडिशा व बंगाल के पारंपरिक कलाकार भी शामिल होकर अपनी प्रतिभा का जलवा बिखेरेंगे।
इस संबंध में शुक्रवार को संत कोलंबस पब्लिक स्कूल परिसर में आयोजित प्रेस वार्ता में कुंज बन के संयोजक व सामाजिक कार्यकर्ता राजकुमार नागवंशी ने बताया कि विगत 37 वर्षों से “कुंजबन” झारखंड की कला, संस्कृति, भाषा व पारंपरिक सांस्कृतिक केंद्र अखरा के संरक्षण और संवर्द्धन की दिशा में सतत प्रयासरत है। उन्होंने बताया कि 21 मार्च को प्रस्तावित कुंजबन के स्थापना दिवस समारोह में विशेष रुप से दो सत्र आयोजित किए जाएंगे। प्रथम सत्र अपराह्न तीन बजे से शाम छह बजे तक होगा। जिसमें झारखंड की कला-संस्कृति को अक्षुण्ण रखने और अखरा के संरक्षण के संदर्भ में विचार गोष्ठी का आयोजन किया जाएगा। इस विचार गोष्ठी में झारखंड सरकार के समाज कल्याण मंत्री जोबा मांझी, सांसद संजय सेठ, विधायक सीपी सिंह, बंधु तिर्की, मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, प्रख्यात लेखिका व झामुमो नेत्री महुआ माजी, आजसू के प्रवक्ता देवशरण भगत सहित अन्य प्रबुद्ध लोग शामिल होंगे। वहीं,शाम छह बजे से आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में पद्मश्री मुकुंद नायक, लोक गीत-संगीत के जाने-माने कलाकार महावीर नायक, नंदलाल नायक, मनपूरन नायक, देवदास विश्वकर्मा, क्षितिज कुमार राय अपनी प्रतिभा प्रदर्शित कर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध करेंगे।
प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से मौजूद प्रख्यात लोक कलाकार पद्मश्री मुकुंद नायक ने कहा कि अपनी संस्कृति, कला और भाषा के संरक्षण और संवर्द्धन के प्रति सबों की सक्रिय सहभागिता जरूरी है, तभी अपनी विरासत को आने वाली पीढ़ी संभाल कर रखने में सफल होगी। उन्होंने बताया कि कुंजबन की स्थापना 37 वर्ष पूर्व की गई थी। इस संस्था की स्थापना में विख्यात कलाकार मधु मंसूरी जी, छत्रधारी महतो, मनपूरन नायक, जानकी देवी, यशोदा देवी सहित अन्य कलाकारों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। श्री नायक ने कहा कि देश-दुनिया में हम अपनी भाषा और संस्कृति से ही पहचाने जाते हैं। अखरा हमारी झारखंडी संस्कृति की विशिष्ट पहचान है। इसका संरक्षण और संवर्द्धन जरूरी है‌। उन्होंने लोगों से अखरा बचाऊ, झारखंड सजाऊ और भारत बढ़ाऊ का नारा देते हुए अखरा संस्कृति को जीवन में साधना के रूप में लेने की अपील की। इसके संरक्षण और संवर्द्धन के प्रति सबों को समर्पित रहने का संकल्प लेने का आह्वान किया। प्रेस वार्ता में महावीर नायक, गुजा तिर्की, भंजू नायक,किशोर नायक, अरुण नायक, केसी, छत्रधारी महतो नंदलाल नायक सहित अन्य मौजूद थे।