ग़ौसे आज़म के फ़ातिहा के मौके पर महफ़िल मीलाद और लंगर खानी का आयोजन
धनबाद: रविवार को धनबाद के आज़ाद नगर भूली के तीन नम्बर इमामबाड़ा में हाजी अब्दुस्सलाम फिरदौसी के आवास पर ग़ौसे आज़म के फ़ातिहा के मौके पर मीलाद और लंगर ख्वानी का आयोजन किया गया। लंगर में लगभग 350 लोगों को मिठाई, बिरयानी और शीरनी बांटी गई। महफ़िल मीलाद की अध्यक्षता कौमी इत्तेहाद मोर्चा के राज्य अध्यक्ष सैयद खुर्शीद अख्तर ने की और संचालन शहबाज़ रहबर ने की। प्रोग्राम की शुरुआत कारी अफ़रोज़ के तिलावत कुरआन से हुई। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुफ़्ती रिज़वान अहमद कादरिया ने कहा की दीन-ए-इस्लाम इंसान के लिए नेमत है। दीन-ए-इस्लाम के रास्ते पर चलने वाला इंसान किसी का हक नहीं मारता है। इल्म के बिना किसी मसले की गहराई और उसका हल नहीं तलाशा जा सकता है। अगर हमें अपनी कौम को उन्नति के मार्ग पर ले जाना है तो इसके लिए जरूरी है कि नई नस्ल को पैगंबर-ए-आज़म, सहाबा, अहले बैत व औलिया की पाक जिंदगी से अवगत कराया जाए।मुफ़्ती रिज़वान ने कहा कि मुसलमानों को हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी के नक्शेकदम पर चलना चाहिए। नमाज, रोजा, हज, जकात के साथ मां-बाप, भाई-बहन, रिश्तेदारों, पड़ोसियों और आम इंसानों का हक अदा कीजिए। किसी का दिल न दुखाइए। वहीं मौलाना गुलाम सरवर मिस्बाही और मौलाना शहबाज़ ने कहा कि अल्लाह के वलियों में सबसे ऊंचा मरतबा हज़रत शैख़ अब्दुल कादिर जीलानी का है। हमारे औलिया-ए-किराम जिस रास्ते से गुजरे उन रास्तों में तौहीद व सुन्नत-ए-रसूल का नूर व खुशबू फैल जाती। आये हुए सभी मेहमानों का स्वागत सैयद खुर्शीद अख्तर ने किया। मौके पर मो नौशाद आलम, शमशाद आलम, इनामुल हक़, शहनवाज़ खान, आदिल आलम, अमन आलम, ज़मीर आलम, नौशाद, सैयद इक़बाल अख्तर, आइमा अख्तर, अमामा अख्तर, गुफराना अख्तर, मुन्नी खातून, आफरीन परवीन, बेबी ख़ातून, तरन्नुम जहाँ, रेशमा परवीन समेत कई लोग थे।