झारखंड के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द, दल-बदल मामले में हुई कार्रवाई

दल बदल मामले में झारखंड के 2 विधायक-जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता समाप्त कर दी गयी है. झारखंड स्पीकर कोर्ट में सुनवाई के बाद न्यायाधिकरण ने दोनों को लेकर अपना फैसला दिया. स्पीकर ने सुनाया फैसला

झारखंड के 2 विधायकों की सदस्यता रद्द, दल-बदल मामले में हुई कार्रवाई

झारखंड के दो विधायक जेपी पटेल और लोबिन हेम्ब्रम की सदस्यता रद्द कर दी गई है. विधानसभा स्पीकर ने कोर्ट में अपना फैसला सुनाया है. दल-बदल कानून के दायरे में आए कांग्रेस विधायक जेपी पटेल और बोरियो के झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेम्ब्रम ने अपने विरुद्ध लगाए गए आरोपों से इनकार किया था. मंगलवार को स्पीकर न्यायाधिकरण में दोनों के विरुद्ध दर्ज मामले में विधानसभा अध्यक्ष रबीन्द्रनाथ महतो ने सुनवाई की थी.

झारखंड विधानसभा अध्यक्ष न्यायाधिकरण में जिस समय फैसला सुनाया जा रहा था दोनों पक्ष के अधिवक्ता और प्रेस मीडिया से जुड़े बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे. नेता प्रतिपक्ष अमर कुमार बाउरी की शिकायत पर बीजेपी की ओर से पक्ष रख रहे अधिवक्ता विनोद कुमार साहू ने फैसला का स्वागत किया है. हालांकि उन्होंने कहा है कि जिस दिन शिकायत की गई है उसी दिन से सदस्यता समाप्त कर आरोपी विधायक द्वारा लिए गए सुविधा को वापस लेने का प्रावधान है. इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट का भी कई निर्णय आ चुका है. झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन की शिकायत पर लोबिन हेंब्रम के खिलाफ पक्ष रख रहे अधिवक्ता अंकितेश कुमार झा कहते हैं कि दसवीं अनुसूची के तहत दल बदल के आरोप सही पाए गए हैं. जिसके बाद 26 जुलाई 2024 से लोबिन हेंब्रम की सदस्यता समाप्त कर दी गई है.

कहीं के नहीं रहे 

बीजेपी विधायक जेपी पटेल पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भारतीय जनता पार्टी से कांग्रेस में शामिल होकर हजारीबाग लोकसभा क्षेत्र से चुनाव मैदान में उतरे थे. वहीं झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक लोबिन हेंब्रम लोकसभा चुनाव के दरमियान पार्टी के बागी उम्मीदवार बन कर राजमहल सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में किस्मत आजमा रहे थे. दोनों विधायक लोकसभा चुनाव जीतने में सफल नहीं हुए और इधर इनके ऊपर विधानसभा न्यायाधिकरण में की गई शिकायत के बाद हुई सुनवाई में विधायकी चली गई है. अब दोनों विधायक मानसून सत्र के दौरान सदन की कार्यवाही में भाग नहीं ले सकेंगे. दोनों विधायक की सदस्यता समाप्त होने का हालांकि कुछ खास असर नहीं पड़ेगा. क्योंकि अगले दो महीने के अंदर झारखंड में विधानसभा चुनाव होने हैं.