पावर लूम बुनकरों को विद्युत अनुदान₹3 प्रति यूनिट से बढ़कर₹4. 50 पैसा करने की मांग

जिसमें पावर लूम की संख्या लगभग दस हजार होगा, इसमें लगभग बीस हजार परिवार का जीविको पार्जन रोजी-रोटी पावर लूम वस्त्र बुनाई से संबंधित घरेलू उद्योग से चलता है

पावर लूम बुनकरों को विद्युत अनुदान₹3 प्रति यूनिट से बढ़कर₹4. 50 पैसा करने की मांग

गया (मानपुर) । अध्यक्ष मगध बुनकर कल्याण सेवा समिति मानपुर सह अध्यक्ष जदयू व्यवसाय उद्योग प्रकोष्ठ प्रकाश राम पटवा ने कहा बिहार का मैनचेस्टर के नाम से प्रसिद्ध गया जिला अंतर्गत मानपुर पटवा टोली में लगभग एक हजार इकाई पावर लूम वस्त्र बुनाई से जुड़ा है, जिसमें पावर लूम की संख्या लगभग दस हजार होगा, इसमें लगभग बीस हजार परिवार का जीविको पार्जन रोजी-रोटी पावर लूम वस्त्र बुनाई से संबंधित घरेलू उद्योग से चलता है। बुनकरों को कच्चे माल सूत (धागा )की उत्पादन फैक्टरी बिहार में नहीं रहने के कारण बिहार से बाहर दक्षिण भारत, पंजाब इत्यादि से सुत (धागा) मंगाना पड़ता है, नतीजा बिहार में सुत ( धागा )की फैक्ट्री नहीं होने के कारण ट्रांसपोर्ट भाड़ा सुत (धागा )पर अधिक महंगा पड़ता है, और बना हुआ बिहार का वस्त्र  का लागत का उचित मूल्य अन्य प्रदेश के तुलना में अधिक हो जाता है , जिसके कारण बाजारों में बिक्री करने पर उचित मूल्य वस्त्र का नहीं मिल पाता है।  एक और कारण कई अन्य कच्चे माल एवं पावरलूम पार्ट्स भी बिहार से बाहर से आता है,  जिससे यहां के वस्त्र गरीबों के लिए जो बनाया जाता है वह अन्य प्रदेश की तुलना में  महंगा पड़ता है। बिजली दर भी कई  प्रदेश के तुलना में कुछ आर्थिक है, अन्य कई और कारण है । आर्थिक संकट को दूर करने के लिए विद्युत अनुदान₹3 प्रति यूनिट से बढ़कर₹4.50 पैसा (चार रुपया 50 पैसा) प्रति यूनिट बुनकरों के हित में किया जाना अति आवश्यक है। इसलिए कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए बिहार के विकास पुरुष मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार, उद्योग मंत्री सह पर्यटन मंत्री सह गया जिला प्रभारी मंत्री  नीतीश  मिश्रा एवं ऊर्जा विभाग मंत्री  विजेंद्र यादव  से भी पत्र के माध्यम से अनुरोध किया गया है, घरेलू कुटीर उद्योग पावरलूम बुनकरों को विकास से ही बिहार का विकास संभवत हो सकता है।